Integrated Poultry Development Scheme : देश में अंडा एवं मांस उत्पादन में वृद्धि के लिए मुर्गी पालन (Poultry Farming) को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। सरकार द्वारा विभिन्न अनुदान योजनाओं के अंतर्गत मुर्गी पालन / ब्रायलर मुर्गी फार्म स्थापना के लिए इकाई लागत पर लाभुकों को अनुदान भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इस कड़ी में बिहार सरकार द्वारा “समेकित मुर्गी विकास योजना” लागू की गई। इस योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 में ब्रायलर पोल्ट्री फार्म की आधारभूत संरचना निर्माण के लिए लाभुकों को 30 से लेकर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाएगी। सरकार की इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में मुर्गी फार्म की संख्या में वृद्धि के साथ-साथ अंडा उत्पादन में वृद्धि करना तथा राज्य को अंडा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनना एवं राज्य में अंडा उत्पादन से पशुजन्य प्रोटीन की उपलब्धता तथा लाभकारी स्वरोगार के अवसर उपलब्ध कराना है।
समेकित मुर्गी विकास योजना के तहत सरकार द्वारा “पोल्ट्री फार्म” की स्थापना के लिए 30 से 50% तक सब्सिडी प्रदान की जाएगी। विभाग ने इस योजना के अंतर्गत अलग-अलग श्रेणी के लाभुकों को अलग-अलग अनुदान देने का प्रावधान किया है। समेकित मुर्गी विकास योजना के अंतर्गत सरकार द्वारा ब्रायलर पोल्ट्री फार्म (3000 क्षमता वाले) की आधारभूत संरचना निर्माण की अधिकतम लागत 10 लाख रुपए निर्धारित की गई। इस पर पशुपालन निदेशालय द्वारा सामान्य वर्ग के लाभुकों को परियोजना लागत पर 30 प्रतिशत या अधिकतम 3 लाख रुपए तथा अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति के लाभुकों को ब्रायलर पोल्ट्री फार्म की स्थापना पर लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 5 लाख रुपए तक का अनुदान दिया जाएगा।
पशु एवं मत्स्य पालन संसाधन विभाग, पशुपालन निदेशालय बिहार सरकार द्वारा “समेकित मुर्गी विकास योजना” का कार्यान्वयन किया जा रहा है। इस योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में सामान्य वर्ग के तहत 75 लाभुकों, अनुसूचित जाति वर्ग के तहत 20 लाभुकों तथा अनुसूचित जनजाति वर्ग के तहत 5 लाभुकों समेत कुल 100 लाभार्थियों को 3000 क्षमता के ब्रायलर मुर्गी पालन फार्म की आधारभूत संरचना स्थापना के लिए अनुदान देय है। इस योजना के तहत लाभुकों का चयन स्वलागत और प्रशिक्षण को प्राथमिकता देते हुए 'पहले आओ, पहले पाओ' के आधार पर किया जाएगा। प्रशिक्षण के संदर्भ में मान्यता प्राप्त सरकारी संस्थानों से कुक्कुट पालन में प्रशिक्षण संबंधी प्रमाण पत्र ही मान्य होंगे।
पशुपालन निदेशालय विभाग द्वारा इस योजना का कार्यान्वयन पूरे राज्य में किया जा रहा है। इस योजना के तहत पशुपालन निदेशालय स्तर पर ऑनलाइन आवेदन प्राप्त किए जाएंगे। समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशन के बाद ऑनलाइन लिंक खुलने की तिथि से 21 दिनों के अंदर ऑनलाइन आवेदन किए जा सकेंगे। विज्ञापन का प्रकाशन सहायक निदेशक, पशुपालन सूचना एवं प्रसार, बिहार, पटना के माध्यम से कराया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए इच्छुक व्यक्तियों से पशुपालन निदेशालय विभाग की वेबसाइट https://state.bihar.gov.in/ahd/ पर ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए गए हैं। विशेष जानकारी संबंधित जिला पशुपालन पदाधिकारी के कार्यालय से प्राप्त की जा सकती है।
आवेदन पत्र भरने से पहले इच्छुक व्यक्ति सभी वांक्षित दस्तावेजों को स्कैन कर pdf format में Soft copy तैयार कर लें। इसे ऑनलाइन आवेदन के साथ अपलोड किया जाएगा। ऑनलाइन आवेदन के उपरांत आवेदन को एक प्रति रसीद प्राप्त होगी, जिसमें आवेदन आई.डी के साथ उनके द्वारा जमा किए गए सभी दस्तावेजों की प्राप्ति अंकित होगी। प्राप्त रसीद में अंकित आई.डी/ आधार संख्या / वोटर कार्ड संख्या या पासवर्ड से लॉग-इन कर आवेदन की स्थिति की जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। लाभुकों को ब्रायलर पोल्ट्री फार्म की स्थापना के लिए आवश्यकतानुसार भूमि की व्यवस्था स्वयं की करनी होगी। पोल्ट्री फार्म संरचना निर्माण के लिए कम से कम 7 हजार वर्गफीट (16.10 डिसमिल) भूमि की आवश्यकता होगी। प्रस्तावित भूमि का सड़क से जुड़ा रहना अनिवार्य होगा, जिससे परिवहन इत्यादि सुविधाजनक रूप से हो सके। आवश्यक भूमि स्वयं की, पैतृक अथवा लीज की हो सकती है। पैतृक भूमि के मामले में पिता (यदि जीवित हो) सहित सभी कानूनी दावेदारों द्वारा सम्मिलित रूप से अनापत्ति शपथ-पत्र समर्पित करना होगा।
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