godown subsidy scheme bihar : देश के किसानों को भंडारण की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार द्वारा गोदाम/कोल्ड स्टोरेज का निर्माण किया जाता है, ताकि किसान अपने कृषि उत्पादों का सुरक्षित भंडारण सस्ती दर पर कर सके और अपने उत्पादों से उचित मुनाफा हासिल कर सके। इस कड़ी में बिहार सरकार भी पूरे राज्य में कोल्ड स्टोरेज की सुविधा प्रदान करने जा रही है, जिससे किसान अपने फल और सब्जियों जैसे नश्वर उत्पादों का सुरक्षित भंडारण कर सके। बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य में नये कोल्ड स्टोरेज खोलने के लिए सरकार किसानों को हर तरह की सुविधा देगी। इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम से कोल्ड स्टोरेज के लिए लाइसेंस की व्यवस्था कराने के लिए सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा राज्य में कोल्ड स्टोरेज की संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे किसान से लेकर व्यापारियों तक को नुकसान से बचाया जा सकेगा। अभी राज्य के 12 जिले ऐसे हैं जिनमें एक भी कोल्ड स्टोरेज नहीं है, जिसके चलते यहां के किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सरकार ने कोल्ड स्टोरेज खोलने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया है। पटना कृषि भवन में कोल्ड स्टोरेज मालिकों के साथ विस्तृत चर्चा में कृषि मंत्री ने भरोसा दिया कि सभी प्रकार की समस्या को दूर किया जाएगा।
पटना स्थित कृषि भवन में कृषि मंत्री मंगल पांडेय और विभाग के सचिव संजय अग्रवाल ने कोल्ड स्टोरेज के मालिकों के साथ संवाद किया। इस दौरान कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में अभी 202 शीतगृह (कोल्ड स्टोरेज) कार्यरत हैं, जिनकी भंडारण क्षमता लगभग 12,30,176 मीट्रिक टन है। 12 जिलों मधुबनी, नवादा, औरंगाबाद, बांका, सहरसा, जमुई, मुंगेर, जहानाबाद, लखीसराय, शेखपुरा, अरवल तथा शिवहर में एक भी कोल्ड स्टोरेज की सुविधा नहीं है। राज्य के इन जिलों में कोल्ड स्टोरेज के लिए तीन वर्षों के लिए योजना स्वीकृत है। मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत टाइप-1 व टाइप-2 के नए कोल्ड स्टोरेज की स्थापना पर 50 प्रतिशत सहायता अनुदान देने का प्रावधान किया गया है।
कृषि मंत्री ने बैठक में कहा कि राज्य में कार्यरत कोल्ड स्टोरेजों में सौर ऊर्जा स्थापना की योजना भी स्वीकृत है। इसके अंतर्गत 50 इकाइयों का सौर ऊर्जा के माध्यम से संचालन कराया जाएगा। इससे विद्युत ऊर्जा पर निर्भरता कम की जा सके और किसानों को सस्ती दर पर भंडारण की सुविधा मिलेगी। उन्होंने कहा योजना के तहत इस पर 50 फीसदी और अधिकतम 17.50 लाख रुपये प्रति कोल्ड स्टोरेज अनुदान दिया जाएगा। सुदूर क्षेत्रों में सौर ऊर्जा आधारित सोलर पैनल माइक्रो कूलिंग चैंबर जिसकी भंडारण क्षमता 10 मीट्रिक टन है, उसकी इकाई लागत 25.00 लाख रुपए पर 50 प्रतिशत अधिकतम 12.50 लाख रुपए अनुदान दिया जाएगा। सोलर प्लेट पर दिये जा रहे अनुदान को बढ़ाने की समीक्षा की जाएगी।
कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य में औसतन 5059 हजार मीट्रिक टन फल का उत्पादन सालाना होता है, जो राष्ट्रीय स्तर पर आठवां स्थान रखता है। सब्जी उत्पादन में बिहार चौथे स्थान पर आता है। बिहार में औसत 18021 हजार मीट्रिक टन सब्जी उत्पादन सालाना होता है। आलू का उत्पादन लगभग 9075 हजार मीट्रिक टन सालाना होता है, जो देश में तीसरे स्थान है। बैठक में मंत्री ने किसानों को अधिक उत्पादकता वाले आलू बीज उपलब्ध कराने की बात कही।
मंत्री ने बताया कि केन्द्र प्रायोजित योजना “राष्ट्रीय बागवानी मिशन” के तहत पुराने कोल्ड स्टोरेजों के आधुनिकीकरण, भंडारण क्षमता का विस्तार, कोल्ड चेन के माध्यम से फल और सब्जियों के परिवहन के लिए रेफ्रिजरेटर वाहन, फलों को पकाने के लिए राइपनिंग चैंबर की योजना स्वीकृत है। इस योजना में चैंबर की स्थापना पर 35 प्रतिशत सहायता अनुदान का प्रावधान है। इसके अलावा, ताजी सब्जियों और फलों की पैकिंग के लिए ऑन फार्म पैक हाउस की स्थापना पर 50 फीसदी अधिकतम दो लाख रुपए अनुदान दिया जा रहा है।
इस चर्चा में कृषि विभाग के सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि कोल्ड स्टोरेज के मालिकों की समस्याओं पर काफी गंभीरतापूर्वक विचार किया गया। उन्होंने कहा, श्रम संसाधन, उद्योग तथा ऊर्जा विभाग से समन्वय कर कोल्ड स्टोरेज के मालिकों की समस्याओं का समाधान किया जायेगा। इसके लिए कृषि विभाग में एक नोडल पदाधिकारी बनाया जाएगा। कृषि सचिव ने कहा कि कोल्ड स्टोरेज में अब जीरा, चना सहित अन्य दलहन भी रखे जा रहे हैं। फल और सब्जियों के भंडारण की सुविधा भी बढ़ी है।
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