PM Kusum Yojana 2024 : इस खरीफ सीजन में फसलों की बुवाई में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के अनुसार, खरीफ फसलों के अंतर्गत अब तक कुल कवरेज क्षेत्र 1,031 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान कवरेज क्षेत्र लगभग 1,010 लाख हेक्टेयर था। किसानों द्वारा बोई गई धान समेत अन्य प्रमुख खरीफ फसलें अभी बढ़वार अवस्था में है। फसलों की अच्छे से बढ़वार सुनिश्चित करने के लिए खेतों में सिंचाई समेत खरपतवार नियंत्रण एवं खाद उर्वरक तथा अन्य पोषक तत्वों के साथ कीटनाशक देने का काम किसानों द्वारा किया जा रहा है। इस बीच ऑफ-ग्रिड क्षेत्रों में अपने मौजूदा डीजल कृषि पंपों से खेतों की सिंचाई कर रहे किसानों के लिए राहत की खबर है। इन किसानों के पास अपने डीजल इंजन चलित पंप का सोलराइजेशन कराने का सुनहरा अवसर है। राजस्थान सरकार केंद्र सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Solar Subsidy Yojana) के कंपोनेंट “बी” के तहत राज्य में एक लाख किसानों को सब्सिडी पर स्टैंड-अलोन सौर कृषि पंप (Solar Pump) देने जा रही है।
राज्य सरकार ने पीएम कुसुम परियोजना के कंपोनेंट बी के तहत स्टैंड अलोन सौर कृषि पंप की स्थापना के लिए राज्य के समस्त जिलों के लिए विभिन्न एचपी क्षमता वाले सोलर पंपों (Solar Pump) की स्थापना हेतु लक्ष्य भी तय कर किया है। इच्छुक किसान आवेदन कर सब्सिडी पर अपने खेतों में सौर (Solar Pump) पंप की स्थापना करवा सकते हैं।
राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) स्टैण्ड अलोन सौर ऊर्जा पंप परियोजना (कम्पोनेन्ट बी) के तहत राज्य के सभी जिलों में कुल एक लाख सौर कृषि पंप स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसमें सर्वाधिक 15 हजार सौर ऊर्जा पंप संयंत्र जयपुर जिले को, 13 हजार श्रीगंगानगर जिले को, 8190 चूरू जिले को तथा 7-7 हजार सोलर कृषि पंप संयंत्र लक्ष्य आवंटन हनुमानगढ़ और बीकानेर जिलों को किया गया है।
इस घटक के तहत व्यक्तिगत किसानों को ऑफ-ग्रिड क्षेत्रों में मौजूदा डीजल कृषि पंपों/सिंचाई प्रणालियों के प्रतिस्थापन के लिए 3.5 और 7.5 एचपी तक की क्षमता के स्टैंडअलोन सौर कृषि पंप स्थापित करने के लिए 60 प्रतिशत की सहायता (सब्सिडी) दी जाएगी। जहां ग्रिड आपूर्ति उपलब्ध नहीं है उन क्षेत्रों के किसान पीएम कुसुम योजना के घटक (बी) के अंतर्गत 7.5 एचपी तक की क्षमता के स्टैंडअलोन सौर ऊर्जा पंप संयंत्र स्थापित करा सकते हैं। पीएम कुसुम घटक बी के अंतर्गत बेंचमार्क लागत या टेंडर लागत का 30 प्रतिशत केंद्रीय मद ( सीएफए), जो भी कम हो और राज्य सरकार सब्सिडी 30 प्रतिशत कुल मिलाकर 60 प्रतिशत सब्सिडी मिलेगी। शेष 40 प्रतिशत किसान द्वारा स्वयं वहन किया जाएगा। योजना के तहत किसान अपनी हिस्सा राशि का 30 प्रतिशत तक बैंक से ऋण प्राप्त कर सकते हैं।
पीएम-कुसुम योजना के कंपोनेंट-बी के तहत अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के किसानों को सौर ऊर्जा पंप संयंत्र लगाने पर राज्य मद से 45 हजार रुपए प्रति कृषक अतिरिक्त अनुदान मिलेगा। इस घटक के तहत सौर पंप संयंत्र के लिए भारत सरकार के नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय से निर्धारित दरों पर अनुबंधित/सूचीबद्ध फर्म द्वारा स्थापित किए जाने पर ही अनुदान देय होगा। आपूर्तिकर्ता फर्म का चयन कृषक को ही करना होगा। 7.5 एचपी से अधिक क्षमता के सोलर पंप भी लगाए जा सकते हैं, हालांकि, अनुदान 7.5 एचपी क्षमता तक के सौर पंपों पर ही दिया जाएगा।
पीएम-कुसुम स्टैण्ड अलोन सौर ऊर्जा पंप परियोजना के कम्पोनेन्ट बी के तहत राज्य के छोटे और सीमांत किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी। जिन किसानों के पास न्यूनतम 0.4 हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है वे सभी इस योजना में आवेदन के पात्र होंगे। वहीं, अधिसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति किसानों के पास 3 एचपी व 5 एचपी क्षमता के सौर पंप संयंत्र के लिए कम से कम 0.2 हेक्टेयर भूमि का स्वामित्व होना आवश्यक है। विद्युत कनेक्शन विहिन किसान जिनके भू-स्वामित्व में सिंचाई के लिए जल संग्रहण ढांचा, डिग्गी, फार्म पौण्ड एवं जलहौज निर्मित हों उन्हें शपथ पत्र प्रस्तुत करना होगा।
किसान द्वारा जल स्त्रोत उपलब्ध होने और डीजल पंप संयंत्र से सिंचाई करने का स्व-घोषित शपथ पत्र भी देना अनिवार्य होगा। किसान द्वारा कृषि एवं उद्यानिकी फसलों में सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई प्रणाली, मिनी स्प्रिंकलर, माइक्रो स्प्रिंकलर सिस्टम उपयोग में लेना होगा। योजना के तहत लाभान्वित किसानों की सूची उद्यान विभाग द्वारा विद्युत विभाग को जारी की जाएगी। जिन किसानों के पास पहले से कृषि विद्युत कनेक्शन मौजूद है या सौर ऊर्जा पंप परियोजना के अंतर्गत पहले अनुदान लाभ उठा चुके है। वे इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे।
सौर ऊर्जा पंप संयंत्र पर मिल रही अनुदान राशि का भुगतान उद्यान विभाग द्वारा संबंधित आपूर्तिकर्ता फर्म को दो चरणों में किया जाता है। संबंधित फर्म द्वारा सौर ऊर्जा पंप किसान के खेत में स्थापित किए जाने का सत्यापन कमेटी द्वारा किया जाएगा। इसके बाद पंप संयंत्र की 90 प्रतिशत (किसान हिस्सा 40 प्रतिशत एवं 50 प्रतिशत अनुदान) राशि का भुगतान देय होगा। शेष अनुदान राशि का भुगतान दूसरे चरण में होगा। घटक (कंपोनेंट) “बी” के तहत स्टैंडअलोन सौर ऊर्जा पंप संयंत्र स्थापित करने के लिए किसानों को पहले राज-किसान साथी पोर्टल पर ई-मित्र या स्वयं की एसएसओ आईडी से आवेदन करना होगा। किसानों से प्राप्त आवेदनों की ऑनलाइन छंटनी जिला कार्यालयों के माध्यम से की जाएगी और तकनीकी सर्वे के लिए आवेदन संबंधित फर्म को भेजा जाएगा। फर्म द्वारा कृषि के जलस्त्रोत का तकनीकी सर्वे कर रिपोर्ट एवं सौर पंप संयंत्र का कोटेशन पोर्टल पर अंकित कर उद्यान विभाग के जिला कार्यालय को ऑनलाइन प्रस्तुत किया जाएगा।
योजना के तहत जिला कार्यालय द्वारा किसानों की ऑनलाइन प्रशासनिक स्वीकृति जारी की जाएगी। इसके बाद लाभार्थी कृषक द्वारा उसके हिस्से की 40 फीसदी राशि राज-किसान साथी पोर्टल पर दिए गए लिंक के माध्यम से ई-मित्र अथवा ईसीएस/डीडी के माध्यम से जिला हॉर्टिकल्चर डवलपमेंट सोसाइटी के बैंक खाते में जमा कराई जाएगी। इसके बाद सौर ऊर्जा पंप संयंत्र हेतु जिला उद्यान कार्यालय द्वारा ऑनलाइन कार्यादेश जारी किया जाएगा। अनुबंधित फर्म द्वारा संयंत्र स्थापित कर सौर पंप का विस्तृत विवरण राज-किसान साथी पोर्टल पर डाला जाएगा। संयंत्र का बिल जारी कर स्कैन किया जाएगा। इसके अलावा फर्म द्वारा सोलर पंप संयंत्र का बीमा कराया जाएगा, जिसकी प्रति ऑनलाइन पोर्टल पर स्कैन की जाएगी। जिला हॉर्टिकल्चर डवलपमेंट सोसाइटी स्तर से पंप की स्थापना के सात दिन में संयंत्र का निर्धारित मोबाइल एप से भौतिक सत्यापन किया जाएगा। उक्त प्रक्रिया के लिए 5 साल का बीमा भी सम्मिलित हैं।
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