Beekeeping Training : किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें खेती के साथ ही पशु-पक्षियों के पालन, मत्स्य पालन एवं मधुमक्खी पालन जैसे अन्य कृषि सहायक व्यवसाय से जोड़ा जा रहा है। इनके लिए सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं भी संचालित की जा रही है। इन योजनाओं के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारों को रोजगार देने एवं किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए सरकार खेती के साथ ही मधुमक्खी पालन गतिविधियों को भी बढ़ावा दे रही है। वर्तमान समय में मधुमक्खी पालन एक बंपर मुनाफा देने वाला व्यवसाय बनकर उभर रहा है। क्योंकि मधुमक्खी द्वारा उत्पादित शहद की मांग बाजारों में बढ़ती जा रही है। इसी को देखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र झालावाड़ द्वारा जिले में मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में जिले के युवाओं को मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण नि:शुल्क दिया जाएगा। आइए, इस पोस्ट की मदद से जानते हैं कि नि:शुल्क प्रशिक्षण के लिए कहां आवदेन करना होगा।
इस तारीख से शुरू होगा मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण
राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सृजन कर युवाओं और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए मधुमक्खी पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है। खेती के साथ ही मधुमक्खी पालन करने के लिए कृषि उद्यानिकी विभाग द्वारा किसानों को प्रेरित भी किया जा रहा है। इसके लिए राज्य के झालावाड़ जिले में कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा जिले में मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण देने हेतु कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। जिसमें युवाओं को मधुमक्खी पालन गतिविधियों के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। युवाओं को इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मधुमक्खी पालन के लिए 7 दिनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। राजस्थान के झालावाड़ जिले के कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा आर्या परियोजना के माध्यम से यह प्रशिक्षण दिया जाएगा, आर्या परियोजना शुरुआत 22 दिसंबर 2023 से की जाएगी। इच्छुक युवा इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत नि:शुल्क प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र में आवेदन कर सकते हैं।
अभ्यार्थियों को इन विषयों पर दी जाएगी विस्तृत जानकारी
कृषि विज्ञान केंद्र झालावाड़ के वरिष्ठ वैज्ञानिक और अध्यक्ष डॉ.टी.सी. वर्मा ने बताया कि जिले में कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा आर्या परियोजना के तहत 22 दिसंबर से मधुमक्खी पालन के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। प्रशिक्षण के लिए आवेदन करने वाले सभी अभ्यार्थियों को 7 दिनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। केंद्र द्वारा इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मधुमक्खी की विभिन्न प्रजातियां, माइग्रेशन, कीट–व्याधि व प्राकृतिक शत्रु, मधुमक्खी पालन से प्राप्त विभिन्न उत्पादों और लागत आय की गणना, फसल उत्पादन बढ़ाने में मधुमक्खियों की भूमिका, मधुमक्खियों के लिए सुरक्षित कीटनाशी उपयोग एवं परागण द्वारा फसलों के उत्पादन में वृद्धि संबंधित जैसे अन्य विषयों पर विस्तृत जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि उक्त प्रशिक्षण का मकसद जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बेरोजगार युवाओं को मधुमक्खी पालन में प्रशिक्षित कर उनके रोजगार सृजन में भागीदारी निभाना है।
नि:शुल्क प्रशिक्षण के लिए आवेदन कहां करें?
वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. टी.सी. वर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान आवेदित युवाओं को सैद्धान्तिक कालांशों के साथ प्रायोगिक प्रशिक्षण भी करवाया जाएगा और प्रगतिशील मधुमक्खी पालकों द्वारा स्थापित मधुमक्खी पालन इकाईयों पर एक्पोजर भ्रमण (विजिट) भी करवाया जाएगा। उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि इससे पहले आर्या परियोजना के तहत जिले में 200 से अधिक युवाओं को मधुमक्खी पालन हेतु प्रशिक्षण दिया भी जा चुका है। जिले के निवासी युवा जिनकी आयु 18 से 35 वर्ष के बीच है और मधुमक्खी पालन कर अपना स्वरोजगार शुरू कर आत्मनिर्भर बनने की चाह रखते हैं, वे सभी निःशुल्क रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके लिए, इच्छुक आवेदक अपने 2 पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड एवं अंतिम शैक्षणिक योग्यता की अंक तालिका इत्यादि दस्तावेजों की फोटो कॉपी के साथ कृषि विज्ञान केंद्र पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं। सुबह 10 से सायं 5 बजे तक कृषि विज्ञान केंद्र पर पंजीकरण कराया जा सकता है।
मधुमक्खी पालन के लिए सरकार करती है आर्थिक मदद
केंद्र सरकार द्वारा देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले बेरोजगार युवाओं को मधुमक्खी पालन में प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन कार्यक्रम चलाया जाता है। इस मिशन के तहत देशभर में मधुमक्खी पालन, कस्टम हायरिंग केंद्र, मधुमक्खी उपकरणों एवं टेस्टिंग लैब स्थापित करने के लिए लाभार्थियों को सब्सिडी दी जाती है और आकर्षक ब्याज दर ऋण भी प्रदान किया जाता है। बता दें कि सभी राज्यों की सरकारें बैंकों और नाबार्ड के सहयोग से पशुपालन, मछली पालन, बागवानी और मधुमक्खी पालन के लिए किसानों को सब्सिडी भी प्रदान करती है। किसानों को मधुमक्खी पालन के लिए हर संभव मदद करने हेतु राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड ने नाबार्ड के साथ टाईअप भी कर रखा है।
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