Haryana Assembly Elections : चुनाव आयोग द्वारा हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कभी भी किया जा सकता है। इसी महीने में चुनाव आचार संहिता लगने की उम्मीद से हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार किसानों और कर्मचारियों के लिए ताबड़तोड़ फैसले ले रही है। ऐसे में राज्य सरकार ने चुनाव से पहले किसानों को बड़ा तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के तहत 35 हजार दुग्ध उत्पादकों के लिए अप्रैल, मई और जून, 2024 के लिए 15.59 करोड़ रुपए की दूध सब्सिडी राशि जारी की है। साथ ही अंत्योदय परिवारों के सदस्यों के लिए दूध प्रोत्साहन राशि प्रति लीटर 5 से बढ़ाकर 10 रुपए प्रति लीटर कर दी गई है। इसके अलावा, सरकार ने प्राकृतिक खेती के लिए देसी गाय रखने/पालन करने वाले किसानों को प्रति गाय 30 हजार रुपए सालाना सब्सिडी देने का प्रावधान किया है।
बता दें कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव होने हैं, जिसको लेकर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी सरकार द्वारा चुनावों की व्यापक तैयारियां जोर-शोर की जा रही है। साथ चुनाव तैयारियों की विस्तृत और व्यापक समीक्षा भी की जा रही है। राज्य में लोगों से लेकर युवाओं, महिलाओं और किसान मतदाताओं को लुभाने की कोशिश राजनीतिक दल और उम्मीदवारों द्वारा की जा रही है। आचार संहिता लगने से पहले हरियाणा के सीएम ने चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रदेशभर से आए दुग्ध उत्पादकों को संबोधित किया। इस दौरान पशुपालकों को मिलने वाली सरकारी योजनाओं और सुविधाओं का आंकड़ों सहित ब्यौरा दिया। इस अवसर पर उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक प्रोत्साहन योजना के तहत वर्ष 2022-23 में 32.51 करोड़ रुपए और वर्ष 2023-24 के लिए 39.37 करोड़ रुपए की राशि सब्सिडी के तौर पर पशुपालकों को दी गई है। हमने इस योजना को और आगे बढ़ाते हुए वर्ष 2024-25 के दौरान अनुदान राशि की सीमा को 6 महीने से बढ़ाकर एक साल तक कर दिया है।
मुख्यमंत्री सैनी ने कहा, सरकार ने अंत्योदय परिवारों के सदस्यों को दूध पर दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि पांच रुपये से बढ़ाकर दस रुपए प्रति लीटर कर दिया है। यह राशि दुग्ध संघों द्वारा प्रदान की जा रही दूध की कीमत के अतिरिक्त होगी। इस वित्तवर्ष के लिए 100 करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान सरकार द्वारा किया गया है।अंत्योदय परिवार वो होते हैं जिनकी परिवारिक वार्षिक आय 1 लाख 80 हजार रुपए से कम है। उन्होंने कहा प्रदेश में सहकारी दुग्ध समितियों का व्यापक जाल बिछा हुआ है। मौजूदा वक्त में हरियाणा में 3300 सहकारी दुग्ध समितियां है, जिनके माध्यम से किसानों और पशुपालाकों से दूध की खरीद की जा रही है। दूध की प्रोसेसिंग के लिए 6 मिल्क प्लांट हैं, जिनकी रोजाना दुग्ध प्रोसेसिंग क्षमता 9.45 लाख लीटर है। 280 करोड़ रुपए की लागत से अब हरियाणा के रेवाड़ी जिला के गांव बिंदावास में एक नया दूध प्रोसेसिंग संयंत्र स्थापित किया जा रहा है, जिसकी प्रतिदिन दूध प्रोसेसिंग क्षमता 5 लाख लीटर होगी।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने एक और बड़ा एलान करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री बीमा योजना के तहत प्रदेश में घरों तक दूध सप्लाई करने पशुपालकों का बीमा प्रीमियम राज्य सरकार खुद वहन करेगी। दुर्घटना बीमा योजना के माध्यम से सहकारी दुग्ध समितियों से जुड़े दुग्ध उत्पादकों का दस लाख रुपए का बीमा किया जा रहा है। पशुपालन को जोखिम मुक्त बनाने के लिए प्रदेश में दीनदयाल उपाध्याय सामूहिक पशुधन बीमा योजना लागू की गई है, जिसके तहत पशुपालक अपने बड़े पशुओं का दुग्ध उत्पादन क्षमता अनुसार 100 से 300 रुपए एवं छोटे पशु के लिए 25 रुपए का निर्धारित प्रीमियम भर कर बीमा ले सकते हैं। इस योजना में अनुसूचित जाति, जनजातियों के पशुपालकों के मवेशिओं का बीमा मुफ्त किया जाता है। प्रदेश में इस स्कीम के तहत 8 लाख 52 हजार पशुओं का बीमा किया गया है।
नायब सैनी ने कहा, हरियाणा के 14 जिलों में पशु चिकित्सा पॉली क्लिनिक संचालित हैं। शेष आठ जिले कैथल, करनाल, हिसार, पंचकूला, फरीदाबाद, यमुनानगर, झज्जर और गुरुग्राम में भी पॉली क्लिनिक खोले जाएंगे। इन क्लिनिकों में पशुओं के ईलाज की चिकित्सा सेवाएं पशुपालकों को मिलेंगी। जो दूध विक्रेता घर-घर जाकर दूध की बिक्री करते हैं और जिनकी पारिवारिक आय तीन लाख रुपए वार्षिक है, उन्हें राज्य सरकार की दयालु योजना के तहत कवर किया जाएगा। इसमें बीमित परिवार के किसी भी सदस्य की मौत या स्थायी दिव्यांगता होने पर आर्थिक मदद दी जाएगी। राज्य अपनी मुर्रा नस्ल की भैंस के लिए विश्व प्रसिद्ध है और हरियाणा नस्ल की गाय की अपनी अलग पहचान है। प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता में हरियाणा देश में तीसरे नंबर पर है। राज्य में प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता 1098 मिली लीटर प्रतिदिन है। राज्य की इस उपलब्धि में दुग्ध उत्पादकों का बड़ा योगदान है। प्रदेश में मुख्यमंत्री अंत्योदय योजना के तहत युवाओं को राज्य के विभिन्न बैंकों और सहकारी समितयों से सस्ती ब्याज दर से बैंक ऋण दिया जाता है, जिससे वे बिना किसी परेशानी के स्वंय का डेयरी फार्म खोल सकें।
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