Harit Gram Yojana : लॉकडाउन के बीच शुरू हुई इस योजना से ग्रामीणों को मिला रोजगार

पोस्ट -23 अगस्त 2024 शेयर पोस्ट

बिरसा हरित ग्राम योजना : सरकार की इस योजना से बदल रही किसानों की किस्मत, उत्पादकों को मिल रहा रोजगार

Birsa Harit Gram Yojana : किसानों की आय में वृद्धि करने के लिए झारखंड सरकार ने “बिरसा हरित ग्राम योजना” (Birsa Harit Gram Yojana) के नाम से एक नई योजना का शुभारंभ राज्य में किया था। इस योजना के तहत सरकार द्वारा राज्य के किसानों को 100 से लेकर 300 तक पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं, जिससे किसान परिवार की आय में वृद्धि होती है और उन्हें क्षेत्र में ही रोजगार मिलता है। झारखंड सरकार की ओर से चलाई जा रही बिरसा हरित ग्राम योजना का लाभ उठाकर ग्रामीण अपनी किस्मत बदल रहे हैं। कई किसान बागान लगाकर आम का उत्पादन कर रहे हैं और इसे बेचकर अच्छा मुनाफा भी कमा रहे हैं। राज्य सरकार इस योजना को बड़ी शिद्दत से धरातल पर उतारा, जिसका असर अब देखने को मिला है। इस योजना में ग्रामीणों को टिंबर प्लांट, लाह की खेती और तसर उत्पादन करने के लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है। अगर आप भी किसान है और अपनी आय में वृद्धि करना चाहते हैं, तो आप इस बिरसा हरित ग्राम योजना में आवेदन कर सकते हैं।

लॉकडाउन के बीच बिरसा हरित ग्राम योजना की शुरुआत (Birsa Harit Gram Yojana launched amidst lockdown)

साल 2020 में कोविड-19 ने जब दस्तक दी तो झारखंड सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी दूसरे राज्यों से लौटे अपने मजदूरों को उनके पैरों पर कैसे खड़ा किया जाए। इसके लिए झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मई 2020 में बिरसा हरित ग्राम योजना शुरू की। लॉक डाउन के बीच इस योजना की शुरूआत करके राज्य के चार जिलों में 398 एकड़ भूमि पर फलदार पौधे लगाए गए। इससें 5 लाख से अधिक ग्रामीण मजदूरों को उनके घर में ही रोजगार मिला और किसानों को फलदार बागान। बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा प्रत्येक किसान परिवार को फलदार पौधे उपलब्ध कराए जाते हैं, जिसके माध्यम से किसान 3 वर्ष बाद 50 हजार रुपए की वार्षिक आय अर्जित कर सकेंगे। आम व अमरूद की बागवानी को इस योजना के तहत अधिक महत्व दिया जाएगा।

50 हजार एकड़ भूमि में फलदार पौधे लगाने का लक्ष्य (The target is to plant fruit trees in 50 thousand acres of land)

कोविड 19 के समय ग्रामीणों को यह समझने में देर नहीं लगी कि सरकार के सहयोग से लगाए जा रहे फलदार पौधे आने वाले समय में उनकी जिंदगी में मिठास घोलने लगेंगे। अब वही देखने को मिल रहा है। झारखंड में आम्रपाली समेत कई आम की वैरायटी का उत्पादन बढ़ गया है। आज इस योजना का  विस्तार राज्य के 24 जिलों में हो चुका है. इस योजना के तहत अब तक राज्य भर में 1.27 करोड़ फलदार पौधे लगाए जा चुके हैं। मनरेगा के अंतर्गत इस योजना के तहत राज्य में इस साल 50,000 एकड़ भूमि में आम, अमरूद, नींबू, नासपाती, सरीफा, बेर, कटहल एवं सहजन इत्यादि  फलदार पौधे और टिंबर प्लांट लगाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसके लिए 43.36 लाख फलदार पौधे और 31 लाख टिंबर प्लांट लगाने का लक्ष्य है। इससे राज्य के 46.6 हजार ग्रामीण किसानों को फलदार पौधे लगाने एवं उनकी देखभाल करने संबंधी रोजगार मिलेगा।

फलदार वृक्ष लगाने के लिए आवंटित की गई भूमि (Land allotted for planting fruit trees)

सरकार द्वारा बिरसा हरित ग्राम योजना को लागू करने का उद्देश्य राज्य के ग्रामीणों को फलदार पौधे उपलब्ध कराना है ताकि उनकी आय में वृद्धि की जा सके। इस पहल के माध्यम से किसानों को आत्म निर्भर एवं सशक्त बनाना है और उन्हें अपने पैरों पर खड़े होकर अपनी आजीविका को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस योजना के माध्यम से झारखंड सरकार द्वारा ग्रामीण किसानों को फलदार वृक्ष लगाने के लिए भूमि आवंटित की गई। साथ ही प्रखंड तथा जिला स्तर पर प्रसंस्करण इकाइयां स्थापित भी की गई, जिससे उत्पाद को सरल रूप से बाजार में उपलब्ध करवाया जा सके।

किसान कर रहे हैं बेहतर कमाई (Farmers are earning better)

बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत बुजुर्ग, महिलाओं को रोजगार सृजन करने हेतु प्राथमिकता दी जा रही है। इस योजना के तहत किसानों द्वारा जो पौधे लगाए जाते हैं उनका रोपाई से लेकर देखभाल तक का सारा खर्च सरकार द्वारा वहन किया जाता है। इस योजना के लाभ ले रहे रांची जिले के बुढ़मू प्रखंड के किसान गोपी उंराव ने बताया कि उनकी खाली पड़ी जमीन पर आम और नींबू के पौधे लगाए गए थे। इस वर्ष आम के फल आने लगे हैं। उन्होंने आम बेचकर लगभग 50 हजार रुपए रुपए की कमाई की है। इसी तरह और भी कई ऐसे ग्रामीण किसान हैं जिन्होंने अपनी भूमि पर फलदार पौधे लगाए थे, आज वो उत्पादन से बेहतर कमाई कर रहे हैं।

राज्य में बढ़ा आम का उत्पादन (Mango production increased in the state)

बिरसा हरित ग्राम योजना के तहत झारखंड में आम्रपाली, मल्लिका और गुलाब खस का बेहतरीन उत्पादन हो रहा है। पहले झारखंड के बाजार में उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से आम्रपाली, तमिलनाडु और कर्नाटक से मल्लिका और गुलाब खस की आवक होती थी, जिसकी आपूर्ति अब लोकल किसान कर रहे हैं। इस योजना के चलते राज्य में आम्रपाली आम का उत्पादन बढ़ा है। किसान बगानों के बीच खाली भूमि में सब्जियों का उत्पादन कर अतिरिक्त आय भी प्राप्त कर रहे हैं। किसानों के फल व सब्जियों को उचित भाव मिले, इसके लिए ग्रामीण विकास विभाग बाजार तैयार करने की योजना बना रहा है।

परती पड़ी भूमि का सदुपयोग (proper utilization of fallow land)

झारखंड की भौगोलिक संरचना के अनुसार राज्य में अधिकतर भूमि पठारी और पहाड़ी है और उबड़-खाबड़ धरातल पर जो भूमि बंजर बेकार पड़ी रहती थी ऐसी परती भूमि का इस योजना के तहत सदुपयोग किया जा रहा है। राज्य सरकार ऐसी जमीन को आवंटित कर फलदार वृक्षों की बागवानी के लिए वृक्षों का रोपण के लिए इस्तेमाल करती है। यह योजना किसानों के लिए वरदान साबित हुई है। इससे एक परिवार को 50 हजार रुपए की निश्चित आमदनी मिल रही है। झारखंड बिरसा हरित ग्राम योजना के अंतर्गत आवेदन करने के लिए आपको पंचायत के विकास कमेटी के पास जाना होगा। वहां जाकर आपको फॉर्म प्राप्त कर मांगी गई सभी जानकारी दर्ज कर आवेदन फॉर्म को बीडीओ ऑफिस में जाकर जमा कर देना होगा।

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