PMFBY Online Registration : सरकार किसानों के हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। किसानों के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-Kisan), प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (pmfby) और प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (PM-RKVY) जैसी कई योजनाएं लागू की गई। इन योजनाओं का मकसद छोटे और सीमांत किसानों के हितों को साधना है। इस कड़ी में मोदी सरकार ने किसानों से जुड़ी एक महत्वपूर्ण योजना के संबंध में बड़ा फैसला लिया है। उत्तर प्रदेश के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) के लिए एक अरब छह करोड़ से अधिक की राशि की मंजूरी दी है। योगी सरकार द्वारा 2024-25 के लिए प्रदेश में किसानों की फसल खराबी और प्राकृतिक आपदाओं जैसे जोखिम से सुरक्षा प्रदान की जाएगी।
योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए नेशनल क्रॉप इन्श्योरेंस प्रोग्राम (प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना) के तहत किसानों की फसल सुरक्षा के लिए 106 करोड़ 19 लाख रुपए की वित्तीय स्वीकृति दी है। इस वित्तीय स्वीकृति का उद्देश्य किसानों को कृषि क्षेत्र में जोखिम से सुरक्षा प्रदान करना है और प्राकृतिक घटनाओं के कारण होने वाली फसल क्षतिपूर्ति के लिए किसानों को आर्थिक सहायता प्रदान करना है। संबंधित जानकारी राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही द्वारा दी गई है।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का उद्देश्य कृषि में टिकाऊ उत्पादन को बढ़ावा देना है। किसानों को अप्रत्याशित घटनाओं के कारण फसल हानि/क्षति से पीड़ित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। उनकी आय को स्थिर करना है, जिससे वे खेतीबाड़ी में लगे रहें। उन्होंने कहा पीएम फसल बीमा के उद्देश्यों में किसानों को नवीन एवं आधुनिक कृषि पद्धतियां (एग्रीकल्चर सिस्टम) अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना, कृषि क्षेत्र को ऋण प्रवाह सुनिश्चित करना भी है। कृषि मंत्री ने कहा, इससे खाद्य सुरक्षा, फसल विविधीकरण और कृषि क्षेत्र की वृद्धि एवं प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने के साथ-साथ किसानों को उत्पादन जोखिमों से बचाने में भी मदद मिलती है।
उल्लेखनीय है कि पीएम फसल बीमा योजना (PM Crop Insurance Scheme) का लाभ उन किसानों को मिलता है जो अपनी फसलों का बीमा पीएमएफबीवाई योजना के अंतर्गत कराते हैं। अगर उनकी उस बीमित फसल में अप्रत्याशित घटनाओं के कारण हानि/क्षति होती है, तो उसकी भरपाई सरकार द्वारा की जाती है। योजना में किए गए प्रावधान के मुताबिक, फसल नुकसान के लिए किसानों को मुआवजा दिया जाता है। इसके लिए किसानों को अपनी फसल के लिए बीमा लेना अनिवार्य होता है। अगर किसी क्षेत्र में किसानों को नुकसान होता है, तो सरकार वहां सत्यापन करने के बाद क्षतिपूर्ति के लिए मुआवजा देती है। इस फसल बीमा योजना (Fasal Bima Yojana) में प्राकृतिक आपदाओं जैसे सूखा पड़ने, बाढ़, कीट का प्रकोप, प्राकृतिक आग और आकाशीय बिजली गिरने, आंधी तूफान और ओलावृष्टि के लिए बीमा कवर दिया जाता है। पंजीकृत फसल में नुकसान होने की स्थिति में फसल क्षति सर्वे कराया जाता है। इसके बाद किसानों को मुआवजा भुगतान दिया जाता है। इस योजना के तहत बुवाई से लेकर खेत में सुखाने के लिए छोड़ी गई काटी हुई फसल तक कवर किया जाता है। हालांकि, इसका बीमा कवर अधिकतम 14 दिन के लिए होता है।
इच्छुक किसान अपनी फसलों का बीमा कराने के लिए अपने नजदीकी बैंक शाखा, लोक सेवा केंद्र (CSC) से संपर्क कर “पीएम फसल बीमा के आधिकारिक पोर्टल पर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसके अलावा टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 14447 कॉल कर बीमा एवं बीमा संबंधी अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। पीएमएफबीवाई योजना (PMFBY) के अंतर्गत किसान अधिकारिक वेबसाइट पर स्वयं फसल बीमा के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। प्ले स्टोर से पीएमएफबीवाई मोबाइल ऐप (PM Fasal Bima Yojana Mobile App) भी डाउनलोड किया जा सकता है। मुआवजा लेने के लिए बीमित किसान को 72 घंटे के अंदर नुकसान की जानकारी कृषि विभाग एवं संबंधित इंश्योरेंस कंपनी को देनी होती है।
पीएम फसल बीमा योजना (PMFBY) के मुताबिक, फसल की बुवाई के बाद अगर किसान को नुकसान होता है, तो उन्हें बीमा कवरेज मिलता है, जबकि फसल कटाई के बाद भी नुकसान होता है, तो ऐसी स्थिति में फसल बीमा योजना के तहत किसानों को नुकसान का मुआवजा दिया जाता है। पीएमएफबीवाई के तहत अगर किसी किसान ने अपनी फसल बीमा लिया है और प्रीमियम भरा है, तो उनकी फसल नुकसान होने पर मुआवजा लाभ मिलेगा। इसके लिए किसान को आवेदन करना होता है। किसान को एक फार्म भरना पड़ता है। जिसके बाद ही पीड़ित किसान को फसल नुकसान की भरपाई हेतु मुआवजा दिया जाता है। इस आवेदन फार्म में किसान को स्वयं से संबंधित जानकारी के साथ फसल को कैसे नुकसान हुआ, जमीन का रकबा, बोई गई फसल के प्रकार की जानकारी भरनी होती है। यह आवेदन तहसीलदार या फिर जिला कलेक्टर के नाम पर दिया जाता है। फसल मुआवजा लेने के लिए बीमित किसान को 72 घंटे के अंदर नुकसान की जानकारी कृषि विभाग एवं संबंधित इंश्योरेंस कंपनी को देनी पड़ती है।
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