पशुधन विकास योजना : डेयरी फार्मिंग के लिए मिलेगी 90 प्रतिशत सब्सिडी, जानें पूरी डिटेल्स

पोस्ट -24 जुलाई 2024 शेयर पोस्ट

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना : डेयरी फार्मिंग के लिए मिलेगी 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी,  जानें पूरी डिटेल्स

Dairy Farming Subsidy : केंद्र सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं के तहत न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा रहे हैं, बल्कि खेती के साथ-साथ पशुपालन क्षेत्रों को बढ़ावा देने का कार्य भी किया जा रहा है। जिससे पशुपालकों एवं किसानों को आर्थिक सहायता के साथ ही व्यवसाय को आगे बढ़ाने में मदद मिल रही है। इस बीच झारखंड में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसके लिए कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग द्वारा योजनाएं भी चलाई जा रही है, जिनके तहत डेयरी फार्म का विस्तार करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर सब्सिडी भी दी जा रही है। राज्य में पशुपालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने “मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना” शुरू की है। इस योजना में किसानों को गाय और भैंस जैसे दुधारू पशु खरीदने के लिए सब्सिडी दी जा रही है, योजना का लाभ उठाते हुए किसान बिना किसी वित्तीय परेशानी के डेयरी फार्मिंग का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं और अपने लिए रोजगार के लिए नए विकल्प सुनिश्चित कर सकते हैं। साथ ही राज्य में दूध उत्पादन बढ़ाने में अपना योगदान भी कर सकते हैं।

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना से किसानों की आय बढ़ाना (Increasing the income of farmers through Chief Minister's Livestock Development Scheme)

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना का लक्ष्य झारखंड के किसानों को सब्सिडी प्रदान करके पशुपालन से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करना है। सरकार की इस पहल का उद्देश्य किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले दुधारू मवेशी खरीदने एवं डेयरी फार्म व्यवसाय शुरू करने में सक्षम बनाकर उनकी आजीविका में सुधार करना है। आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग के लोगों को इस योजना के अंतर्गत गाय-भैंस की खरीद के लिए सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करती है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा शुरू की गई “मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना” (Mukhyamantri Pashudhan Vikas Yojana 2024) का उद्देश्य पशुपालन को बढ़ावा देकर किसानों की आय में वृद्धि करना है। राज्य में दूध उत्पादन में वृद्धि लाकर मांग एवं उपलब्धता के बीच अंतर को कम करना है। ग्रामीण क्षेत्र में पशुपालन के माध्यम से स्वरोजगार सृजन तथा अतिरिक्त घरेलू आमदनी का सृजन करना है।

पशुओं की खरीद के लिए दी जा रही सब्सिडी (Subsidy given for purchase of animals)

कृषि, पशुपालन और सहकारिता विभाग की इस योजना से ग्रामीण क्षेत्र में पशुपालकों को स्वरोजगार सृजन कर अपनी आमदनी में वृद्धि करने का मौका मिलेगा। झारखंड सरकार मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना में दुधारू पशुओं (गाय और भैंस) की खरीद के लिए 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी दे रही है। यह सब्सिडी खास तौर पर अनाथों, दिव्यांग व्यक्तियों, विधवाओं और निःसंतान दंपत्तियों को दी जाती है। वहीं, अन्य आर्थिक रूप से पिछले समूहों के लिए 75 प्रतिशत सब्सिडी इस योजना के तहत दी जाती है। शेष राशि लाभार्थी किसानों को स्वयं चुकानी पड़ती है। इस योजना के तहत दी जाने वाली सब्सिडी की राशि सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में हस्तांतरित की जाती है।

मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना की शर्तें (Conditions of Chief Minister's Livestock Development Scheme)

पशुधन विकास योजना में लाभ लेने के लिए इच्छुक आवेदक को इन शर्तों को पूरा करना होगा, जो इस प्रकार है:-

  • महिला किसानों, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़े वर्गों को मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना में विशेष प्राथमिकता दी जाती है। 
  • अन्य श्रेणी के लाभुकों को भी योजना का लाभ नियमानुसार दिया जाएगा।
  • योजना का लाभ राज्य के सिर्फ स्थाई निवासी किसान एवं पशुपालकों को ही दिया जाएगा।
  • विभाग द्वारा विकलांग व्यक्तियों और विधवाओं को योजना के तहत लाभ देने के लिए विशेष प्रावधान रखा गया है।
  • लाभुकों के पास गाय-भैंस पालन के लिए स्थान और पानी जैसी पर्याप्त प्रारंभिक सुविधाएं, उपलब्ध होनी चाहिए।
  • कल्याण विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य अन्तर्गत केवल अनुसूचित जनजाति वर्ग के लाभुकों का चयन किया जाएगा एवं उक्त विभाग के आवंटित राशि से योजना का लाभ शत प्रतिशत अनुदान पर देय होगा।
  • अनुसूचित जनजाति को छोड़कर अन्य वर्ग के लाभुकों को पशुपालन प्रभाग द्वारा जिलों में आवंटित राशि से योजना में निर्धारित अनुदान पर योजना का लाभ दिया जाएगा।

योजना में लाभुक चयन प्रक्रिया (Beneficiary selection process in the scheme)

  • इच्छुक लाभुकों को योजना का लाभ नियमानुसार चयनोपरान्त दिया जाएगा।
  • योजना के तहत गांव का चयन क्लस्टर के आधार पर किया जाना है।
  • चयन प्रक्रिया में वैसे परिवार जो पशुपालन की गतिविधि से जुड़े हुए हैं उन्हें प्राथमिकता दी जाएगी।
  • गांवों का चयन प्रखंड स्तरीय समिति एवं जिला पशुपालन पदाधिकारी तथा जिला गव्य विकास पदाधिकारी के सहयोग से किया जाएगा।
  • चयनित गांव के ग्राम सभा द्वारा लाभुकों की सूची मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना अन्तर्गत गठित प्रखंड स्तरीय समिति के माध्यम से जिला को भेजा जाएगा।
  • प्रखंड स्तरीय समिति से प्राप्त अनुसूचित जनजाति के लाभुकों की सूची अनुसूचित जिलों में ITDA अन्तर्गत गठित शासी निकाय की बैठक में स्वीकृत किया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना अंतर्गत अनुसूचित जिलों के गैर अनुसूचित जनजाति के लाभुकों की सूची में उपायुक्त की अध्यक्षता में गठित जिला स्तरीय समिति से अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा। 

जरूरी दस्तावेज (Required Documents)

  • चयनित लाभुक का आवासीय प्रमाण पत्र 
  • जाति प्रमाण पत्र (जहां लागू हो) 
  • आधार कार्ड
  • राशन कार्ड
  • दिव्यांग प्रमाण पत्र (अगर लागू हो)
  • विधवा प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)
  • मोबाइल नंबर
  • पासपोर्ट आकार का फोटो
  • बैंक खाता पासबुक

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