कृषि यंत्र अनुदान: सरकार पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन पर दे रही 5 लाख तक का अनुदान, यहाँ करें आवेदन

पोस्ट -14 जुलाई 2024 शेयर पोस्ट

किसान पैडी ट्रांसप्लांटर से करें धान की रोपाई, मशीन पर सरकार देती है लाखों की सब्सिडी

Paddy Transplanter Machine : मानसून की अच्छी बारिश के साथ ही किसानों द्वारा धान की रोपाई का काम शुरू कर दिया गया है। देश के अधिकांश किसान आज भी धान की खेती रोपाई विधि से कर रहे हैं। अभी खरीफ फसलों की बुवाई चालू है और किसान तेजी से अपने खेतों में धान की रोपाई कर रहे हैं। हालांकि, खेती लगाने के लिए मजदूरों की उपलब्धता सुनिश्चित करने की सबसे बड़ी चुनौती किसानों के सामने अभी बनी हुई। क्योंकि इस साल धान के बुवाई (Paddy Sowing) रकबे में वृद्धि होने से किसानों को समय पर पर्याप्त कृषि मजदूर नहीं मिल पा रहे हैं। ऐसे में किसानों को धान की रोपाई के लिए कृषि यंत्र पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन (Paddy Transplanter Machine) का इस्तेमाल करने के लिए कृषि विभाग द्वारा कहा जा रहा है, ताकि समय से और कम मजदूर लागत पर धान की रोपाई कार्य संपन्न किया जा सके। वहीं, कई हिस्सों में किसान पैड़ी ट्रांसप्लांटर (Paddy Transplanter) की मदद से धान की रोपाई (Transplantation of paddy) भी कर रहे हैं।  

इस कड़ी में जबलपुर जिले के पाटन विकासखण्ड के ग्राम करारी के किसान भीम पटेल और दीघोरा के किसान कुशाग्र पलहा के खेत में पैडी ट्रांसप्लान्टर से धान की रोपाई का प्रदर्शन कृषि अधिकारियों की मौजूदगी में किसानों के सामने किया गया। पैडी ट्रांसप्लांटर से रोपाई के लिए पूर्व में ही धान की पूसा बासमती किस्म की नर्सरी इन किसानों द्वारा तैयार कर ली गई थी। खास बात यह है कि धान की रोपाई के लिए उपयोग किए जा रहे हाईटेक पैडी ट्रांसप्लान्टर के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को लाखों रुपए तक का अनुदान भी मुहैया कराया जा रहा है। 

पैडी ट्रांसप्लांटर से धान रोपाई (Paddy transplantation with paddy transplanter)

मौजूदा अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन डॉ. इंदिरा त्रिपाठी ने कहा कि पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन से रोपाई किए जाने से खेती लागत में कमी आती है, मजदूरों पर निर्भरता कम हो जाती है और कम समय अवधि में 21 दिन की पौध रोपाई एवं कतार से कतार की दूरी एक सामान रहती है।  खेत में खरपतवार नियंत्रण आसानी से किया जा सकता है तथा धान में कंसे भी अधिक निकलते हैं। कीट व्याधियों का प्रकोप देखने को नहीं मिलता है और उत्पादन भी अधिक प्राप्त होता है। उन्होंने कहा, पैडी ट्रांसप्लांटर से धान की रोपाई के लिए पहले पौध तैयार करने के लिए नर्सरी लगानी होती है। एक एकड़ के लिए दस नर्सरी प्लेट की आवश्यकता होती है। इन्हें तैयार करने के लिये नर्सरी बेड में पहले पॉलीथीन बिछाते है, जिस पर फर्में की सहायता से प्लेट तैयार की जाती है। नर्सरी के लिए भुरभुरी मिट्टी जिसमें एक भी पत्थर, कंकड़ न हो को थोड़ी मात्रा में डाला जाता है। इसके बाद उसमें अंकुरित बीज डालते हैं और हल्की मिट्टी परत से बीज को ढका जाता है। इसके पन्द्रह से बीस दिनों के पश्चात यह नर्सरी तैयार हो जाती है।

धान उत्पादन में भी 10 से 12 फीसदी बढ़ोतरी (10 to 12 percent increase in paddy production)

वहीं, आदिवासी बाहुल्य शहडोल जिले के किसान अब खेती किसानी में उन्नत तकनीक और यंत्रों का उपयोग कर रहे हैं और खेती को एडंवास और लाभकारी बनाने की कोशिश कर रहे है। धान की रोपाई के लिए हाईटेक पैडी ट्रांसप्लांटर का इस्तेमाल करने वाले सोहागपुर ब्लॉक के ग्राम पड़मनिया कला के किसान दुष्यन्त सिंह ने बताया कि पैडी ट्रांसप्लान्टर से रोपाई करने में बीज की बचत, लेबर कास्ट के साथ समय बचत और और निराई गुड़ाई और कटाई के काम भी आसानी से किए जा सकते है। यह मशीन एक एकड़ खेत में धान की रोपाई मात्र एक से डेढ़ घण्टे में कर देती है और लागत भी कम आती है। इसमे करीब 2 लीटर पेट्रोल खर्च होती है।  पैडी ट्रांप्लान्टर मशीन से मेट टाइप नर्सरी तैयार होती है, जिससे धान का उत्पादन में भी 10 से 12 फीसदी की बढ़ोतरी होती है। इस मशीन से रोपाई करने पर प्रति एकड़ लागत लगभग तीन हजार रुपए आती है, जबकि परंपरागत विधि से खेत की रोपाई करने में एक एकड़ में लागत 8 हजार रुपए लगती है।

शासन द्वारा 5 लाख रुपए का अनुदान (Government grant of 5 lakh rupees)

अनुविभागीय कृषि अधिकारी पाटन ने बताया की मध्य प्रदेश सरकार उन्नत मशीनों को बढ़ावा देने किसानों को भारी सब्सिडी दे रही है। पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन खऱीदने के लिए शासन द्वारा किसानों को 5 लाख तक का अनुदान दिया जा रहा है। किसान जिला मुख्यालय में स्थित कृषि अभियांत्रिकी कार्यालय में भूमि नक्शा, खसरा, आधार कार्ड व आवेदन जमा कर आसानी से पैडी ट्रांप्लान्टर खरीद सकते है। पैडी ट्रांसप्लांटर मशीन दो रेंज में मिलते है। छोटी पैडी ट्रांप्लान्टर की कीमत 3 लाख रुपए है, जिसमें डेढ़ लाख रुपए या अधिकतम 50 फीसदी अनुदान सरकार की ओर से किसानों को मिलता है, जबकि बड़े पैडी ट्रांप्लान्टर मशीन की कीमत 13 लाख रुपए है, जिसमें सरकार 5 लाख तक का अनुदान किसान को देती है।

खेती से जुड़े अन्य छोटे बड़े यंत्रों पर भी अनुदान (Subsidy on other small and big equipment related to agriculture)

रिपोर्ट के मुताबिक, किसान दुष्यंत सिंह ने बताया कि कृषि अभियांत्रिकी विभाग से उसे डेढ़ लाख की सब्सिडी मिली और डेढ़ लाख उसने स्वयं लगाए और पैडी ट्रांप्लान्टर मशीन ली। शहडोल के जिला मुख्यालय में स्थित कृषि अभियांत्रिकी कार्यालय में पैडी ट्रांसप्लांटर के साथ-साथ खेती में काम आने वाले अन्य छोटे बड़े यंत्रों पर भी सरकार किसानों को अनुदान देती है। जहां बड़े पैमाने में धान की खेती की जाती है। वर्तमान में कृषि श्रमिक न मिलने से और लेबर कास्ट अधिक होने और समय ज्यादा लगने से अब किसान भी धीरे धीरे उन्नत कृषि यंत्रों का उपयोग कर अधुनिक खेती अपनाने में लगे हुए है। 

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