PM Kusum Yojana 2024 : देश में किसान ट्यूवबेल (नलकूप) के उपयोग से खेतों की सिंचाई करें, इसके लिए सरकार द्वारा कई योजनाओं के तहत किसानों को सिंचाई के लिए कृषि पंप समेत ट्यूवबेल के लिए मुफ्त कनेक्शन और नि:शुल्क पावर सप्लाई सुविधाएं दी जा रही हैं। इनमें केंद्र सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान पीएम कुसुम योजना (PM Kusum Solar Subsidy Yojana 2024) भी शामिल है। पीएम-कुसुम-योजना के 3 घटक ए, बी और सी के तहत देश के केंद्र शासित प्रदेशों और राज्यों में किसानों की बंजर/परती भूमि पर सौर ऊर्जा पावर प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। साथ ही ऑफ-ग्रिड क्षेत्रों में सौर कृषि पंपों की स्थापना के लिए किसानों को सहायता दी जा रही है। इसके अलावा, ग्रिड से जुड़े कृषि पंप वाले व्यक्तिगत किसानों को पंपों के सौरीकरण (Solarization) के लिए भी सहायता इस योजना के तहत दी जा रही है। इस कड़ी में यूपी सरकार “उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति-2022” में पीएम-कुसुम योजना (PM-Kusum Yojana) के घटक सी-1 के अंतर्गत प्रदेश में विभिन्न एचपी क्षमता वाले सोलर पम्पों (Solar Pump) की स्थापना के लिए किसानों को शत-प्रतिशत तक की सब्सिडी मुहैया करा रही है। इसके लिए किसानों से यूपीनेडा द्वारा तैयार पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन लिए जा रहे हैं। इच्छुक किसान आवेदन कर बिना किसी लागत के अपने खेतों में सौर (Solar Pump) पंप स्थापित करवा सकते हैं।
यूपीनेडा (UPNEDA) की जानकारी के अनुसार,राज्य में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय भारत सरकार (एमएनआरई) पीएम कुसुम योजना घटक (सी-1) के अंतर्गत स्थापित ऑन-ग्रिड पंपों का सोलराइजेशन किया जाएगा। इसके तहत वर्ष 2024-25 के लिए प्रदेश में विभिन्न क्षमता 3 एचपी, 05 एचपी और 7.5 एचपी के 4 हजार निजी मीटर्ड आन-ग्रिड कृषि पंप के सौरीकरण (Solarization) का लक्ष्य तय किया है। इसमें कुसुम घटक सी-1 के अंतर्गत राज्य सरकार अनुसूचित जनजाति, वनटांगिया और मुसहर जाति के किसानों को 70 प्रतिशत सब्सिडी देगी। यह सब्सिडी केंद्र सरकार से मिलने वाली 30 प्रतिशत सब्सिडी के अतिरिक्त होगी। इससे इन किसानों को आन-ग्रिड पंप के सोलराइजेशन के लिए शत प्रतिशत यानी 100 प्रतिशत सब्सिडी लाभ मिल रहा है। वहीं, राज्य सरकार अन्य श्रेणी के किसानों को 60 प्रतिशत अतिरिक्त सब्सिडी देगी, जिससे किसानों को खेतों में सोलर पंप की स्थापना के लिए केवल 10 प्रतिशत राशि का ही भुगतान करना होगा।
यूपीनेडा के निदेशक की जानकारी के अनुसार, पीएम कुसुम-घटक-सी-1 योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में 1000 अदद पात्र लाभार्थियों के निजी मीटर्ड आन-ग्रिड पंप का सोलराईजेशन चार माह की अवधि में पूर्ण किया जायेगा। अन्य पात्र लाभार्थियों के निजी मीटर्ड आनग्रिड पंप का सोलराईजेशन द्वितीय चरण में किया जायेगा। सौर ऊर्जा नीति के अंतर्गत किसानों को 3 एचपी सौर पंप के लिए 4.5 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगवाने की कुल बाजार लागत 2,65,439 रुपए पर केंद्र के 30 प्रतिशत अनुदान में 79,632 रुपए, राज्य के 60 प्रतिशत अनुदान में 1,59,263 रुपए, कुल 90 प्रतिशत अनुदान में 2,38,895 रुपए मिल रहे हैं। इसमें शेष 10 प्रतिशत कृषक अंशदान के रूप में कुल 26,544 रुपए किसानाें को देना होगा।
निदेशक ने जानकारी देते हुए बताया कि, कुसुम घटक सी-1 योजना के अंतर्गत अगर किसान 05 एचपी का पंप लगाने के लिए 7.5 किलोवॉट क्षमता के सोलर पावर प्लांट की स्थापना करते हैं, तो उन्हें कुल 4,26,750 रुपए की लागत में से केंद्र सरकार द्वारा 30 प्रतिशत अनुदान में 1,28,025 रुपए, राज्य के 60 प्रतिशत अनुदान में 2,56,050 रुपए कुल 90 प्रतिशत में 3,84,075 रुपए का अनुदान मिलेगा। किसानों को 05 एचपी सोलर पंप लेने के लिए मात्र 10 प्रतिशत राशि में कुल 42,675 रुपए देने होंगे।
इसी प्रकार 7.5 एचपी का पंप लगाने के लिए 11.2 किलोवॉट क्षमता के सोलर पॉवर प्लांट के लिए कुल 6,23,909 रुपए की लागत आएगी। जिसमें केंद्र सरकार द्वारा 30 प्रतिशत अनुदान में 1,87,173 रुपए, राज्य सरकार के 60 प्रतिशत अनुदान में 3,74,345 रुपए, कुल लागत में 90 प्रतिशत अनुदान के रूप में 5,61,518 रुपए मिल रहे हैं। मात्र 10 प्रतिशत राशि यानी कुल 62,391 रुपए 7.5 एचपी सोलर पंप के लिए देने होंगे।
यूपीनेडा के निदेशक अनुपम शुक्ला ने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में ऑन-ग्रिड कनेक्टेड कृषि पंपों और उत्पादों के सौरीकरण को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में अधिक निवेश को आकर्षित करने के इरादे से, यूपीनेडा के लिए ऑन-ग्रिड कनेक्टेड कृषि पंपों के सौरीकरण पोर्टल को विकसित किया है। यह पोर्टल उत्तर प्रदेश में सौरीकरण के लिए सौर पीवी सिस्टम को भी प्रोत्साहित करेगा। जो लाभार्थी ऑन-ग्रिड कनेक्टेड कृषि पंपों के सौरीकरण की स्थापना करने के इच्छुक हैं, वे पोर्टल https://upnedakusumc1.in/ पर अपना ऑनलाइन पंजीकरण करा सकते हैं। पंजीकरण के बाद, अनुरोध को आगे की प्रक्रिया के लिए UPNEDA को भेज दिया जाएगा। आवेदक पूरी प्रक्रिया के दौरान आवेदन को ट्रैक कर सकता है। साथ ही, आवेदक और यूपीनेडा को प्रस्तुत आवेदन के संबंध में प्रश्न उठाने और उत्तर देने तथा ऑन-ग्रिड कनेक्टेड कृषि पंपों के सौरकरण से संबंधित शिकायत दर्ज करने और उसका निवारण करने के लिए भी अधिकृत किया जाएगा। इच्छुक लाभार्थी एवं पात्र किसानों को 10 प्रतिशत कृषक अंशदान ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ही जमा करना होगा।
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