Millet Mission Scheme : जलवायु परिवर्तन की वजह से पिछले कुछ दशकों से मौसमी गतिविधियों में बदलाव देखा जा रहा है, जिसके कारण कई राज्यों में भारी बारिश देखने को मिल रही है, तो कई इलाकों में औसत से कम बारिश होने से सुखाड़ की स्थिति देखी जा रही है। इस बीच झारखंड में भी बीते 2- 3 सालों से मौसम की अनियमितता के चलते कम, असामान्य और असमय बारिश हो रही है, जिससे राज्य के कई जिलों में किसान सूखे की मार झेल रहे हैं। किसानों को हर साल प्रमुख फसल धान और मक्का की खेती (Maize Cultivation) में काफी नुकसान हो रहा है और उत्पादन भी घट रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए राज्य सरकार किसानों को अलग-अलग फसलों की खेती के लिए प्रेरित कर रही है, जो कम पानी और कम समय में अधिक उत्पादन देती है।
ऐसे में राज्य सरकार द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए झारखंड मिलेट मिशन योजना लागू की गई है, जिसके माध्यम से किसानों को दलहन, तिलहन और मोटे अनाज फसलों (millet crops) की खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए कृषि विभाग द्वारा प्रति किसान को 15 हजार रुपए प्रोत्साहन देने का प्रावधान किया गया है। किसानों को अधिकतम पांच एकड़ भूमि पर खेती करने के लिए अनुदान दिया जाएगा। यह योजना राज्य के सभी 24 जिलों में संचालित है। इसके तहत अलग-अलग जिलों में अलग-अलग फसल खेती पर सब्सिडी और फसल बीज किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। किसान अपने जिले के लिए निर्धारित फसल की खेती करके सब्सिडी का लाभ उठा सकते हैं।
बता दें कि मोटे अनाज (मिलेट्स) में कई पोषक तत्व मौजूद होते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। बीते कुछ सालों में मोटे अनाज (millet Farming) से तैयार खाद्य पदार्थ और अन्य उत्पादों की मांग वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ी है, जिससे इसकी खेती करने वाले किसानों को काफी फायदा मिल रहा है। खास बात यह भी है कि केंद्र सरकार द्वारा “श्री अन्न योजना” (Shri Anna Yojana) के तहत मिलेट का उत्पादन एवं उत्पादकता बढ़ाने का प्रयास भी किया जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत कम पानी वाले राज्यों की सरकारें मोटे अनाज की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान कर रही है। ऐसे में झारंखड सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 में मिलेट मिशन योजना झारखंड शुरू की गई है, जिसके तहत राज्य के सभी 24 जिलों में ज्वार, बाजरा, सांवा, कोदो, मडुआ जैसे मोटे अनाज फसल की खेती का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही खेती करने वाले किसानों को सब्सिडी और फसल बीज देने का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त, सर्वश्रेष्ठ मोटे अनाज की खेती करने वाले किसान और मिलेट बीज बैंक को राष्ट्रीय किसान दिवस (National Farmers Day) पर नकद पुरस्कार दिया जाएगा।
वर्ष 2023-24 से 2027-28 तक पांच वर्षों के लिए झारखंड मिलेट मिशन योजना प्रस्तावित है। वर्ष 2024-25 में मिलेट मिशन योजना के तहत राज्य के सभी 24 जिलों में शुरू किया गया है। इसके तहत मडुआ, ज्वार, बाजरा, रागी, कोदो और सांवा की खेती करने वाले किसानों को विभाग द्वारा 3 हजार रुपए से लेकर 15 हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। कृषि विभाग द्वारा रखी गई शर्त के अनुसार, एक किसान को न्यूनतम एक एकड़ से लेकर अधिकतम 5 एकड भूमि क्षेत्र में खेती करने पर प्रति किसान 3 हजार रुपए से लेकर 15 हजार रुपए तक का अनुदान मिलेगा। विभाग द्वारा यह प्रोत्साहन राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में हस्तातंरित की जाएगी। साथ ही सभी जिलों में किसानों को फसल के प्रमाणित बीज भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
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