Msp Increase : अभी देश में गेहूं की बुवाई का काम किसानों द्वारा शुरू किया जा चुका है, जिसके चलते राज्य सरकारें मांग के अनुसार किसानों को बीज, खाद-उवर्रक एवं अन्य जरूरी पोषक तत्वों की आपूर्ति भी कर रही है। इन सबके बीच गेहूं की खेती करने वाले किसानों के लिए एक अच्छी खबर है। सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ाया है, जिससे अब किसानों को फसल के लिए पहले से अधिक मूल्य मिलेगा। माना जा रहा है कि इससे अधिक से अधिक किसान समर्थन मूल्य पर अपनी गेहूं की उपज सरकार को बेचने के लिए प्रोत्साहित हो सकेंगे।
दरअसल, बिहार सहित देश कई राज्यों में कुछ दिनों में गेहूं की बुवाई शुरू होने वाली है, जिसके चलते बिहार सरकार ने गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने का निर्णय लिया है। सरकार ने गेहूं का समर्थन मूल्य 150 रुपए बढ़ा दिया है। पिछले साल की तुलना में इस साल यह 150 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी है, जो कि 2025-26 सीजन में लागू होगी। यह रबी का अगला सीजन होगा, जिसमें किसान अपनी गेहूं उपज को 150 रुपए प्रति क्विंटल अधिक मूल्य पर बेच पाएंगे। बढ़े हुए दाम से अब किसानों को पैदावार के लिए पहले से और अधिक मुनाफा मिलेगा, जिससे किसान अधिक उत्साह के साथ गेहूं के उत्पादन हेतु प्रेरित हो सकेंगे।
बिहार सरकार द्वारा गेहूं का समर्थन मूल्य 150 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया गया है। बढ़े समर्थन मूल्य के बाद अब राज्य के किसान अपना गेहूं 2425 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बेच पाएंगे। सरकारी क्रय केंद्रों की मदद से किसानों से उनका गेहूं नई दर से खरीदा जाएगा। राज्य सरकार ने किसानों से अपील की है कि बढ़े हुए समर्थन मूल्य का अधिक लाभ लेने के लिए किसान अधिक से अधिक गेहूं की बुवाई करें। किसानों को गेहूं बिक्री के लिए पहले रजिस्ट्रेशन कराना होगा। बिहार सरकार ने किसानों से अपील की है कि वे गेहूं बिक्री के लिए सरकारी पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन जरूर करा लें। राज्य में रबी फसलों का कुल रकबा करीब 40 लाख हेक्टेयर है, जिसमें 26 लाख हेक्टेयर जमीन पर गेहूं की बुवाई होती है। यानी 50 फीसदी से भी अधिक क्षेत्रों में गेहूं की खेती होती है।
किसान सरकार की समर्थन मूल्य योजना यानी कि एमएसपी का आसानी से फायदा उठा सकते हैं। हालांकि, इसके लिए उन्हें कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। डीबीटी पोर्टल (DBT Portal) पर रजिस्ट्रेशन कराने का एक बड़ा लाभ यह होगा कि किसान नजदीकी सरकारी गेहूं खरीद केंद्र पर न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी MSP 2425 रुपए प्रति क्विंटल की दर से गेहूं उपज बेचकर सीधे अपने बैंक अकाउंट में 48 घंटे के अंदर भुगतान (पेमेंट) पा सकते हैं। सरकार की ओर से कहा गया है कि एफसीआई (FCI) सभी राजस्व जिलों में पर्याप्त गेहूं खरीद केंद्र बनाएगा। इसके अलावा बिहार सरकार प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों, व्यापार मंडल हर पंचायत और ब्लॉक स्तर पर गेहूं खरीद केंद्र बनाएगा।
किसानों से खरीद का पूरा प्रोसेस ऑनलाइन किया गया है। यानी गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद ऑनलाइन होगी। इसमें खेत के मालिक या बटाईदार कृषक कृषि विभाग के डीबीटी पोर्टल पर धान या गेहूं बेचने के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। इसमें जो रजिस्ट्रेशन नंबर (पंजीकृत संख्या) मिलेगा, उस संख्या से सहकारिता विभाग के पोर्टल पर आवेदन करना होगा, जिन किसानों ने बिहार सरकार के डीबीटी (Direct Benefit Transfer) पोर्टल पर पहले रजिस्ट्रेशन कराया हुआ है, उन्हें दोबारा रजिस्ट्रेशन कराने की जरूरत नहीं है। ऐसे में बिहार के किसान सहकारिता विभाग के पोर्टल पर आवेदन कर सकते हैं।
बिहार सरकार का कहना है कि गेहूं बेचने के लिए किसानों को बिहार सरकार के डीटीबीट पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के लिए ये तीन जानकारी देना अनिवार्य है, जिसमें आधार नंबर अनिवार्य है। इसके अलावा, आधार पंजीकृत मोबाइल नंबर और जमीन का विवरण भी दर्ज करना अनिवार्य होगा। पोर्टल पर इन तीन जानकारियों के आधार पर ही किसान का रजिस्ट्रेशन और आवेदन होगा। इसके बाद ही सरकार को एमएसपी (MSP) पर गेहूं की बिक्री की जा सकेगी। सरकार ने अपील की है कि किसान पोर्टल पर जल्द से जल्द से आवेदन करें, जिन किसानों का रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर नहीं होगा उनसे गेहूं की खरीद सरकारी रेट (2425 रुपये प्रति क्विंटल) पर नहीं हो सकेगी।
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