पीएम कुसुम : खेती-किसानी को बढ़ावा देने और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए देश में कई योजनाएं चल रही हैं। इन योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम योजना) के तहत केंद्र सरकार की तरफ से किसानों को सोलर पंप (Solar Pump) पर भारी अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। इस योजना के माध्यम से किसानों को खेत या बंजर भूमि पर सोलर पंप स्थापित करने पर 60 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है। साथ ही बैंकों के माध्यम से 30 प्रतिशत तक लोन भी उपलब्ध कराया जाता है। इसी बीच कृषि में प्रदूषण मुक्त सिंचाई की गतिविधियों में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार ने पीएम कुसुम योजना को अब साल 2026 तक के लिए बढ़ा दिया है। पीएम कुसुम के तहत लक्षित कार्यक्रम के लिए सरकार 34,422 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इसके तहत सरकार ने ऊर्जा तथा सिंचाई की परेशानी दूर करने के लिए 2 साल के दौरान 10,000 मेगावाट के सोलर एनर्जी प्लांट और 14 लाख ऑटोमेटिक सोलर पंप स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इससे किसानों को जल और ऊर्जा सुरक्षा प्रदान की जाएगी, जिससे फसल उत्पादन और किसानों की आय बढ़ाई जा सके।
योजना के तहत 34,422 करोड़ रुपए की दी जाएगी वित्तीय सहायता
केंद्रीय कैबिनेट विद्युत एवं नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने बीते दिन लोकसभा में लिखित जवाब में कहा है कि कृषि कार्यों में तेजी लाने एवं वित्तीय सहायता के लिए प्रधानमंत्री कुसुम योजना को अब मार्च 2026 तक के लिए बढ़ाया जा रहा है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार की ओर से 34,422 करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता कृषि गतिविधियों के लिए दी जाएगी। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (PM-KUSUM Scheme) के मुख्य उद्देश्यों में कृषि क्षेत्र का डिजिटलीकरण, किसानों को जल और ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करते हुए किसानों की आय में इजाफा करना शामिल है। वहीं, पेट्रोल और डीजल सिंचाई पंपों को सोर ऊर्जा पम्पों में परिवर्तन कर बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण पर रोक लगाना भी इस योजना का एक अहम उद्देश्य है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पीएम कुसुम योजना के तहत केंद्र ने 2026 तक 34.8 गीगावॉट की सौर ऊर्जा क्षमता बढ़ाने का लक्ष्य रखा है।
10 हजार मेगावट के सोलर एनर्जी प्लांट की स्थापना
केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा एवं विद्युत मंत्री ने बताया है कि पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों की बंजर, परती, चारागाह, दलदली, कृषि योग्य भूमि पर 10,000 मेगावाट के सोलर एनर्जी प्लांट स्थापित किए जाएंगे। ये एनर्जी प्लांट व्यक्तिगत किसान, सौर ऊर्जा डेवलपर, सहकारी समितियों, पंचायतों तथा किसान उत्पादक संगठनों (FPO) के माध्यम से स्थापित (Established) किए जा सकते हैं। कहा गया है कि ऑफ ग्रिड सेक्टर में 14 लाख ऑटोमेटिक सोलर पंप की स्थापना करने का लक्ष्य है, जिससे सिंचाई की समस्या को दूर करने में सहायता मिलेगी, जबकि इन्डविजूअल पंप एवं बिजली फीडर के साथ ही 35 लाख ग्रिड से जुड़े कृषि पंपों को सोलर ऊर्जा से लैस पंपों में बदलना है।
किसानों की आमदनी में होगी बढ़ोतरी
जानकारी के लिए बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री कुसुम योजना को वर्ष 2019 में लागू किया गया था, जिसके बाद इस योजना का लगातार विस्तार किया जा रहा है। इस योजना के तहत किसानों को प्रदूषण मुक्त सिंचाई व्यवस्था प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा किसानों के खेत, बंजर भूमि या चारागाह भूमि पर सब्सिडी पर सोलर पैनल के साथ कृषि पंप स्थापित किए जाते हैं। इससे किसान बिजली पैदाकर जरूरत भर बिजली का इस्तेमाल सिंचाई कार्य में करते हैं और अतिरिक्त बची बिजली को बिजली वितरक कंपनियों (DISCOM) को बेच कर अतिरिक्त आय भी प्राप्त कर सकते हैं। इससे किसानों की आमदनी में भी बढ़ोतरी होगी और उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर होगी।
25 साल तक बिना परेशानी के रेगुलर इनकम की गारंटी
इन सोलर पैनल का रखरखाव खर्च कम है और ये 25 साल तक बिना किसी परेशानी के इस्तेमाल किए जा सकते हैं। यानी किसान इससे 25 साल तक बिना टेंशन के विद्युत उत्पादन कर प्रदूषण मुक्त सिंचाई कर सकते हैं और बिजली और डीजल की लागत कम कर अपनी आय बढ़ा सकते हैं। वहीं, प्रदूषण कम कर पर्यावरण सुधार में एक अहम भूमिका भी निभा सकते हैं। इस योजना के तहत किसान सब्सिडी पर सोलर पंप अपने खेत या बंजर भूमि पर लगवा सकते हैं और इससे 25 साल तक बिना टेंशन रेगुलर इनकम की गारंटी भी मिलेगी। पीएम कुसुम योजना को साल 2019 में शुरू किया गया था, जिसके बाद इस योजना का लगातार विस्तार किया जा रहा है। इस योजना के तहत किसानों को सब्सिडी पर सोलर पैनल मिलते हैं, जिससे वे सौर ऊर्जा के उपयोग से ऊर्जा और सिंचाई की परेशानी को दूर कर सकते हैं।
प्रदेश के किसानों को 30 हजार नए सोलर पंप सब्सिडी पर मिलेंगे
केंद्र सरकार एवं उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पीएम कुसुम योजना के तहत प्रदेश में डीजल और पेट्रोल सिंचाई पंपों तथा ग्रिड बिजली से संचालित होने वाले कृषि पंपों को सोर ऊर्जा पंपों में बदलने का कार्य कर रही है। ऐसे में प्रदेश सरकार द्वारा पीएम कुसुम योजना के तहत प्रदेश के किसानों को इस साल 30 हजार नए सोलर पंप सब्सिडी पर दिए जाएंगे। जिससे किसानों की बिजली पर निर्भरता को कम कर उन्हें ऊर्जा और सिंचाई के लिए सुरक्षा प्रदान की जा सके। प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि प्रदेश की सरकार किसानों को समृद्ध बनाने के लिए लगातार काम कर रही है। योजना के तहत सरकार ने राज्य में 30 हजार नए सोलर पंप सब्सिडी पर वितरित करने का लक्ष्य तय किया है। किसान इस योजना में आवेदन की जानकारी अपने जनपद के विद्युत एवं कृषि विभाग से संपर्क करके प्राप्त कर सकते हैं। वहीं, योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर भी विजिट कर सकते है। इसके लिए वेबसाइट जल्द खोली जा रही है।
सोलर पंप के लिए महत्वपूर्ण दस्तावेज
प्रदेश के किसानों को सरकार की ओर से 30 हजार नए सोलर पंप सब्सिडी पर दिए जाएंगे। इसके लिए आवेदक के पास कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, पहचान पत्र, बैंक खाता पासबुक, भूमि के कागजात, पासपोर्ट साइज फोटो, राशन कार्ड, पंजीकरण की कॉपी, ऑथोराइजेशन लेटर, चार्टर्ड अकाउंटेंट द्वारा जारी नेटवर्थ सर्टिफिकेट तथा मोबाइल नंबर इत्यादि होने चाहिए। इस योजना के तहत सोलर पंप संयंत्र की स्थापना के लिए ऑनलाइन फॉर्म भरना होता है। इसके लिए आवेदक को आधिकारिक वेबसाइट पर विजिट करना होगा। पीएम कुसुम योजना तहत सोलर पंप लगाने में आने वाले लागत खर्च पर 60 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाती है। इसमें केंद्र और राज्यों की सरकारों की तरफ से 30-30 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाएगी। वहीं, बैंक की ओर से 30 प्रतिशत का लोन सहायता मिलेगी। इस योजना के तहत किसानों को अपनी भूमि पर सोलर पंप स्थापित करने के लिए केवल 10 फीसदी रकम का भुगतान ही करना होता है।
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