हमारा देश एक कृषि प्रधान देश है, देश में ग्रामीण आबादी का अधिकतम अनुपात कृषि पर आश्रित है। देश के विभिन्न हिस्सों में ग्रामीण आबादी कृषि क्षेत्र से जुड़ी हुई है। और विभिन्न हिस्सों में मौसम की अनिश्चितताओं के आधार पर खेती करते हैं। लेकिन कभी-कभी मौसम की अनिश्चितताओं के कारण देश के विभिन्न क्षेत्रों को कृषि को प्रभावित होते हुए देखा गया है। मौसम अनिश्चितताओं से साल-दर-साल कृषि में जोखिम बढ़ते जा रहे हैं। किसान ज्यादातर प्राकृतिक आपदाओं के चक्कर में नुकसान भुगत रहे हैं। इस नुकसान को कम करने और इसकी भरपाई करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार ने 13 जनवरी 2016 को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) का अनावरण किया। यह योजना उन किसानों पर प्रीमियम का बोझ कम करने में मदद करती है, जो अपनी खेती के लिए बैंक से ऋण लेते हैं और खराब मौसम से उनकी रक्षा भी करती है। कुल मिलाकर यह किसानों के लिए सुरक्षा कवच का काम करती है। ऐसे में मौसम की अनिश्चितताओं से किसानों को बचने एवं फसल नुकसान से बचने के लिए कई राज्यों में सरकारें रबी फसलों का बीमा करवाने के लिए जागरुकता कार्यक्रम चलाए जा रहे है। अपने-अपने राज्य में कैंप, किसान गोष्ठी और मोबाइल वैन के जरिए रबी फसलों का बीमा करवाने के लिए किसानों को लगातार प्रेरित कर रही है। ऐसे में किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसलों की नुकसान की भरपाई के लिए अपनी फसल का बीमा जरुर करवाना चाहिए। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) अंर्तगत किसान अपने क्षेत्र के लिए जारी अधिसूचित फसलों का बीमा 31 दिसंबर 2022 तक करवा सकते है। ट्रैक्टर गुरू की इस पोस्ट के माध्यम से सरकार की अधिसूचना के बारें में सम्पूर्ण जानकारी साझा करने जा रहे है।
राजस्थान में रबी फसलों की बुवाई का काम पूरा हो चुका है, इसलिए राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) अंर्तगत आने वाली रबी फसलों के लिए प्रीमियम की राशि की अधिसूचना जारी कर दी है। रबी फसल सुरक्षा समाधान को लेकर राजस्थान सरकार ने प्रदेश के किसानों के लिए बीमा योजना की सुविधा दे रही है। इसके तहत कृषि विभाग ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी सीजन 2022-23 के लिए राज्य के अलग-अलग जिलों में अलग-अलग फसलों के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई है। जिसमें हनुमानगढ़ जिलें में रबी सीजन 2022-23 के लिए सरसों, तारामीरा, गेहूं, चना और जौ को शामिल किया गया है। इसी प्रकार अन्य जिलों के लिए भी फसलों को बीमा के लिए अधिसूचित किया जाता है। ऐसे में जल्दी से किसान भाई फसलों का बीमा करवा के अपनी फसलों का सुरक्षा समाधान करवा लें। इस अधिसूचना के मुताबिक, राज्य के सभी किसान 31 दिसंबर 2022 से पहले रबी फसलों का बीमा करवा सकते हैं।
राजस्थान सरकार की अधिसूचना के मुताबिक, रबी सीजन- 2022-23 के तहत अधिसूचित फसल सरसों, तारामीरा, गेहूं, चना और जौ के लिए 1.5 प्रतिशत ब्याज की रकम अदा करनी होगी। पीएमएफबीवाई में राज्य शासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार साल 2022-23 में रबी सीजन के लिए हनुमानगढ़ जिला में सरसों, तारामीरा, गेहूं, चना और जौ के लिए अलग-अलग दरों पर ब्याज का भुगतना करने की व्यवस्था कि है। जिसमें सरसों के लिए बीमा ब्याज 269.89 रुपए प्रति बीघा निर्धारित है। तारामीरा के लिए ब्याज 69.16 हजार रूपए प्रति बीघा रहेगी। गेहूं के लिए के लिए ब्याज 304.56 रूपए प्रति बीघा रहेगी। चना के लिए के लिए ब्याज 138.36 रुपए प्रति बीघा रहेगी। और जौ के लिए 205.95 रुपए ब्याज रकम प्रति बीघा निर्धारित की गई है।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत रबी सीजन 2022-23 के लिए राजस्थान सरकार द्वारा राज्य के अलग-अलग जिलों में अलग-अलग फसलों के लिए अधिसूचना के मुताबिक, हनुमानगढ़ के कलेक्टर ने किसानों को सूचना देते हूए कहा है कि जिले के ऋणी, गैर ऋणी व बंटाईदार किसान अधिसूचित फसलों का बीमा 31 दिसंबर 2022 तक पीएम फसस बीमा योजना के तहत करवा सकते हैं। बीमा करवाने के लिए किसानों को अपने नजदीकी जन सेवा केन्द्र, वित्तिय संस्थान क्षेत्रिय ग्रामीण बैंक, व्यावसायिक बैंक एवं भुमि विकास बैंक, बीमा कम्पनी के अधिकृत बीमा एजेन्ट या फिर प्राधिकृत प्रतिनिधि संपर्क करना होगा। इसके अलावा राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल पर भी अपना आवेदन कर फसलों का बीमा करवा सकते हैं।
बीमा कम्पनी के टोल फ्री नम्बर 18002095959 पर नुकसान के 72 घण्टे के भीतर बीमा कम्पनी को सूचना किसानों द्वारा दी जाएगी। अगर 72 घण्टे में किसान द्वारा पूर्ण सूचना उपलब्ध नहीं करवाई जाती हैं, तो वह किसान सात दिवस में पूर्ण सूचना निर्धारित प्रपत्र में संबधित बीमा कम्पनी को आवश्यक रुप से उपलब्ध करवाएगा। कृषक द्वारा 72 घण्टे में सूचना देना अति आवश्यक हैं। पीएम फसल बीमा योजना की आधिकारिक वेबसाइट https://www.pmfby.gov.in/ पर जाकर भी इस योजना की जानकारी ली जा सकती है।
अधिसूचित क्षेत्र में अधिसूचित फसल बीमित राशि एवं प्रीमियम राशि फसलवार निर्धारित की गई है। देय प्रीमियम बीमित राशि का अधिकतम 1.5 प्रतिशत तथा उद्यानिकी एवं वाणिज्यिक फसलो के लिए अधिकतम 5 प्रतिशत ही किसानों द्वारा वहन किया जाएगा। शेष राशि का 50-50 प्रतिशत के अनुपात में केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। बीमित राशि तथा कृषक द्वारा देय प्रीमियम राशि प्रति हेक्टेयर के अनुसार होगी।
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