किसान क्रेडिट कार्ड : किसानों को खेती के लिए सस्ता लोन आसानी से मिले, इसके लिए भारत सरकार और राज्य सरकारों द्वारा विभिन्न डिजिटल प्लेटफॉर्म लॉन्च किए जा रहे हैं। इनके माध्यम से पात्र किसानों तक केसीसी (KCC) यानी किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan credit card) लोन सुविधाओं को पहुंचाया जा रहा है। इस कड़ी में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने किसानों के उत्थान की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाते हुए डिजिटल किसान क्रेडिट कार्ड (Digital Kisan Credit Card) की पहल को लॉन्च किया है। इससे किसानों को 10 से 15 मिनट में लोन की सुविधा प्रदान की जाएगी। इसके लिए सरकार ने राज्य के फर्रूखाबाद जनपद में पायलट प्रोजेक्ट का शुभारंभ किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि डिजिटल केसीसी के माध्यम से किसानों को 10 मिनट में लोन मिल सकेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की इस योजना को जिले में लागू कर दिया गया है। ऐसा करने वाला देश का पहला जिला फर्रुखाबाद बन गया है। इस सुविधा को आगे बढ़ाने के लिए चार बैंक अपना सहयोग कर रही है।
बुधवार को क्रिश्चियन कॉलेज में हुई सभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने कहा कि जिले के किसानों को होली से पहले 288.7 करोड़ की योजनाओं की बड़ी सौगात मिली है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को धरातल पर उतारने में फर्रुखाबाद पहला जिला बना है। उन्होंने कहा कि डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर फोर एग्रीकल्चर, एग्रीस्टैक योजना देश में सबसे पहले फर्रुखाबाद जनपद में लागू की गई है। एग्री स्टैक योजना के तहत किसानों की किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) को डिजिटल कर दिया गया है। इस योजना के तहत किसानों को 10 मिनट में लोन की सुविधा देने के लिए पायलट प्रोजेक्ट का भी शुभारंभ कर दिया गया है। सीएम ने मोदी का आभार जताते हुए कहा कि इस सफलता के बाद पूरे प्रदेश और देश में इस योजना को लागू किया जाएगा। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में फर्रुखाबाद जनपद का चयन किया गया था। जानकारी के लिए बता दें कि एग्री स्टैक योजना के तहत ई-खसरा पड़ताल (डिजिटल क्रॉप सर्वे) के जरिये फसल रजिस्ट्री के साथ ही किसानों की रजिस्ट्री तैयार करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा पायलट प्रोजेक्ट के लिए उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद जिले को भी चयनित किया था।
केंद्र सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड बनवाने के लिए मिशन मोड के अतंर्गत एक अभियान शुरू किया, जिसका नाम केसीसी सैचुरेशन ड्राइव रखा गया। यानी पात्र किसान केसीसी बनवाकर सस्ते दर पर लोन ले सकते हैं। केंद्र सरकार ने सैचुरेशन ड्राइव के पायलट प्रोजेक्ट के तहत पूरे देश के सात राज्यों से सात जिलों को चयनित किए हैं, जिसमें उत्तर प्रदेश से जनपद फर्रुखाबाद चयनित है। जनपद में 5 लाख 44 हजार 118 किसानों के पास 23 लाख 51 हजार 819 गाटा भूमि है। सैचुरेशन ड्राइव के पायलट प्रोजेक्ट के तहत जनपद में भूमि सत्यापन के लिए ई खसरा पड़तात (डिजिटल क्रॉप सर्वे) करने के लिए प्रत्येक गांव के लिए लेखपाल एवं कृषि विभाग के एक-एक कार्मिक की टीम बनाई गई है।
डिप्टी डायरेक्टर कृषि अनिल कुमार यादव ने कहा कि इस योजना में इन 5 लाख किसानों के सापेक्ष अब तक लगभग 2.5 लाख किसानों का आधार और भूलेख सत्यापन किया जा चुका है। इसके साथ ही कृषि विभाग के तकनीकी सहायकों द्वारा 1.90 लाख किसानों को ऑनलाईन ई-केवाईसी व सहमति प्राप्त किया जा चुका है। इस जनसमर्थन पोर्टल के तहत चयनित एसबीआई, बैंक ऑफ बडौदा, पीएनबी और बैंक ऑफ इंडिया कुल चार बैंकों से 16 किसानों को 13 लाख 19 हजार 232 रुपए के केसीसी लोन की स्वीकृति कर धनराशि उनके खाते में ट्रांसफर की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि एग्री स्टैक योजना के तहत रजिस्ट्री और फार्मल रजिस्ट्री के डाटा को उपयोग कर किसानों के लिए क्रेडिट कार्ड की सुविधा उपलब्ध है।
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