National Bank for Agriculture and Rural Development (NABARD) : खेती को आकर्षक और किसानों की आय बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं, जिसके तहत केंद्र एवं राज्य सरकारों द्वारा डिजिटल प्लेटफार्म से जुड़े सहकारी बैंक एवं ग्रामीण बैंक से किसानों को लोन की सुविधा प्रदान की जा रही है। साथ ही ब्याज दर और राशि चुनने का विकल्प भी किसानों को उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि किसान बिना संपत्ति को गिरवी रखे कम ब्याज दर पर आसान ऋण प्राप्त कर सकें।
इसी बीच हरियाणा में कृषि सेक्टर के विकास के लिए राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के जरिए किसानों के बीच 2 लाख 27 हजार 821 करोड़ रुपये का लोन बांटा जाएगा। इसकी जानकारी हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल द्वारा दी गई है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में खेती के साथ-साथ पशुपालन एवं डेयरी सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए नाबार्ड के जरिए किसानों के बीच 2 लाख 27 हजार 821 करोड़ रुपए का ऋण बांटा जाएगा। इसमें कृषि सेक्टर के विकास के लिए 1.02 लाख करोड़ रुपए का ऋण बांटने का अनुमान शामिल है। उन्होंने बताया कि साख जमा अनुपात के मामले में हरियाणा बेहतर स्थिति में है, जिसका लाभ किसानों को मिलेगा और बैंक उन्हें लोन देने में आनाकानी नहीं करेंगे।
मंगलवार को चंडीगढ़ में नाबार्ड के स्टेट क्रेडिट सेमिनार आयोजित हुआ। इस सेमिनार में हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे। इस सेमिनार में कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कृषि एवं ग्रामीण क्षेत्र के विकास को धन मुहैया कराने वाले शीर्ष बैंक राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) की भूमिका को लेकर बड़ी बात कही है। उन्होंने किसानों को आधुनिक खेती से जोड़ने की बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य के किसानों को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा, जिसके लिए हमें क्रॉप डायवर्सिफिकेशन एवं प्रोसेसिंग पर ध्यान देना होगा। इसके लिए बैंक लोन उपलब्ध करवाएं, ताकि किसान आर्थिक दृष्टि से संपन्न हो सकें। कृषि मंत्री ने कहा कि कुछ निजी बैंकिंग संस्थान किसानों को जमीन के नाम पर लोन उपलब्ध करवाते हैं, जबकि बैंकों को प्रोजेक्ट पर ऋण देना चाहिए। ऐसा होगा तभी ग्रामीण अर्थव्यवस्था आत्मनिर्भर बनेगी। राज्य में खेती के साथ-साथ पशुपालन और डेयरी सेक्टर को बढ़ावा देने की जरूरत है, जिसके लिए बैंक भेड़-बकरी, गाय-भैंस और मत्स्य पालन हेतु आसानी से लोन उपलब्ध करवाए।
इस दौरान हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने नाबार्ड के जरिए हरियाणा के लिए तैयार किए गए स्टेट फॉक्स पेपर 2024-25 पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि हरियाणा में वर्ष 2024-25 के लिए राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) कृषि, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई), शिक्षा, आवास, निर्यात एवं नवीनीकरण ऊर्जा जैसे क्षेत्रों के विकास के लिए 2 लाख 27 हजार 821 करोड़ रुपए का लोन दिलाया जाएगा, जो पिछले साल की तुलना में 32.76 फीसदी अधिक है। उन्होंने कहा नाबार्ड द्वारा तैयार स्टेट फोकस पेपर के तहत आने वाले समय में किसानों को 2,27,821 करोड़ रुपए का लोन बैंको की से दिया जाएगा। इसमें कृषि क्षेत्र के विकास के लिए किसानों के बीच 1.02 लाख करोड़ रुपये का लोन बांटने का अनुमान शामिल है।
मंत्री ने कहा कि साख जमा अनुपात के मामले में हरियाणा अच्छी स्थिति में है, जिसका लाभ किसानों को मिलेगा और बैंक उन्हें ऋण देने में आनाकानी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि इस साल के स्टेट फॉक्स पेपर 2024-25 के मुताबिक, 31 दिसंबर, 2023 तक हरियाणा के लोन भुगतान में नकद जमा अनुपात की दर 84 प्रतिशत है, जबकि यह दर राष्ट्रीय लेवल पर 60 प्रतिशत तय है, जिसका लाभ किसानों को मिलेगा। वर्ष 2023-24 के बीच हरियाणा में कृषि सेक्टर ने 8.1 प्रतिशत की विकास दर हासिल की है, जो देश में सबसे अधिक में से एक है। भौगोलिक दृष्टि से छोटा राज्य होने के बावजूद भी हरियाणा देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) में लगभग 4 प्रतिशत का योगदान देता है।
जेपी दलाल ने कहा कि हमारी सरकार किसानों को आत्मनिर्भर बनाने जुटी है। इसके लिए हरियाणा सरकार किसानों के साथ हर तरह का सहयोग कर रही है। हम किसानों को परंपरागत खेती से आधुनिक खेती की ओर आने के लिए प्रेरित कर रहे हैं, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ाई जा सकें। उन्होंने कहा कि इसके लिए नीति तैयार की जाएगी। किसानों को परंपरागत कृषि के स्थान पर बागवानी, मत्स्य पालन प्रॉसेसिंग, सेमी प्रॉसेसिंग, पशुपालन और दुग्ध उत्पादन कर उसे डेयरी प्रोडेक्ट में कंवर्ट करने की ट्रेनिंग देने की जरूरत है। इसके लिए ऐसी नीतियां तैयार करने की आवश्यकता है, जिसके माध्यम से किसानों के उत्पाद अच्छे दाम पर बिकें। उन्होंने कहा कि नाबार्ड को रूरल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट फंड के अलावा मशरूम, फूलों की खेती, पॉली हाउस के साथ-साथ स्वयं सहायता समूहों और पशु नस्ल सुधार जैसे कार्यक्रमों को भी अपनी योजनाओं में शामिल करने की जरूरत है।
कृषि मंत्री दलाल ने कहा कि राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) अन्य बैंकों को निर्देश दे कि वे ग्रामीण क्षेत्र के छोटे व सीमांत किसानों को उनकी आवश्यकतानुसार लोन उपलब्ध करवाएं, जिससे उन्हें आत्मनिर्भर बनाया जा सकें। उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे अगले साल का फोकस पेपर तैयार करते समय इस बात का भी उल्लेख करें कि ग्रामीण क्षेत्र में कितने उद्यमी तैयार किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि आने वाले समय में हरियाणा देश के ग्रोथ का इंजन साबित होगा। हरियाणा सरकार द्वारा राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था पर लगातार जोर दिया जा रहा है। पैक्स को सुदृढ़ किया जा रहा है। पैक्स में व्यापक बहुआयामी गतिविधियां भी संचालित की जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य में तेजी से विकास हो रहा है। वर्ष 2047 में हरियाणा विकसित भारत का सबसे विकसित राज्य बनेगा। उन्होंने राज्य स्तरीय बैकिंग कमेटी के संयोजक से आग्रह किया कि वे जिला स्तर पर विशेष शिविर आयोजित कर लघु ऋण लेने वाले नागरिकों की शिकायतों का निवारण करें।
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