Crop Loss Compensation : देश में किसानों की फसलों को प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार एवं राज्य की सरकारों द्वारा कई प्रयास किए जा रहे हैं। प्राकृतिक आपदाओं (Natural Disaster) के कारण किसानों को खेती में होने वाले फसल नकसान से राहत दिलाने के लिए केंद्र की ओर से “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” (पीएमएफबीवाई) चलाई जा रही है। इस केंद्रीय योजना के तहत कई राज्य की सरकारें अपने राज्य में प्राकृतिक आपदाओं से क्षतिग्रस्त फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए किसानों को फसल मुआवजा के तौर पर धनराशि देती है। खास बात यह है कि इस योजना के तहत यह धनराशि संबंधित कृषि विभाग एवं बीमा कंपनियों द्वारा सीधे बीमित किसानों के बैंक खाते में ट्रांसफर की जाती है। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की सरकार ने पिछले दो वर्षों में प्राकृतिक आपदाओं (Natural Disaster) से क्षतिग्रस्त हुई फसलों (Crop Damage) के नुकसान के मुआवजे से वंचित किसानों को लेकर बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश सरकार ने किन्हीं तकनीकी कारणों से वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 में फसल नुकसान के मुआवजे से छूटे प्रदेश के कुल साढ़े तीन लाख से अधिक किसानों को 1.76 अरब से अधिक की धनराशि जल्द से जल्द खाते में ट्रांसफर करने के निर्देश दिए हैं। वित्तीय वर्ष 2021-22 और 2022-23 में प्रदेश के कुल 3,76,287 किसान आपदाओं से क्षतिग्रस्त फसलों के मुआवजे से छूट गये थे, जिसमें वित्तीय वर्ष 2021-22 के 2,27,735 किसान एवं वर्ष 2022-23 के 1,48,552 किसान शामिल हैं।
विभिन्न आपदाओं से क्षतिग्रस्त हुई फसलों के मुआवजे और अन्य राहत को लेकर हाल ही में प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने समीक्षा बैठक की थी। इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने तकनीकी त्रुटियों के कारण फसलों के नुकसान के दोबारा सत्यापन में लापरवाही और मुआवजा राशि जारी नहीं होने पर नाराजगी जाहिर करते हुए प्रदेश के 17 जिलों के जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व से जवाब तलब किया था। इसके साथ ही, अधिकारियों को ऐसे मामलों में तत्काल सत्यापन कराकर किसानों को मुआवजा धनराशि (Compensation Amount) दिए जाने के स्पष्ट निर्देश दिए थे। उल्लेखनीय है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में जनवरी तक 1,87,845 से अधिक किसानों को 80,88,68,299 रुपए से अधिक का मुआवजा वितरण किया जा चुका है।
प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव (राजस्व) सुधीर गर्ग ने बताया कि फसल नुकसान के मुआवजे से वंचित किसानों को सहायता धनराशि प्रदान करने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में दोबारा सर्वे कराया गया। इस दौरान पाया गया कि प्रदेश के वित्तीय वर्ष 2021-22 और वर्ष 2022-233 में कुल 3,76,287 किसान फसल मुआवजे से वंचित रह गए थे, जिस पर प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को वंचित किसानों को मुआवजा देने के लिए धनराशि की मांग करने के निर्देश दिए गए थे। इसके तहत प्रदेश के सभी 75 जिलों से पिछले दोनों वित्तीय वर्ष के लिए कुल 1,76,96,63,245 रुपए की धनराशि की मांग की गई है। ऐसे में अब प्रदेश सरकार ने मुआवजे से छूटे प्रदेश के कुल साढ़े तीन लाख से अधिक किसानों के खाते में जल्द से जल्द राशि ट्रांसफर करने के लिए अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
अपर मुख्य सचिव राजस्व विभाग उत्तर प्रदेश शासन के अनुसार सर्वे में पाया गया कि वित्तीय वर्ष 2021-22 में मुआवजे से सबसे अधिक सीतापुर जिले के 27,836 किसान छूट गये थे, जिन्हें मुआवजा देने के लिए कुल 10,72,51,397 रुपए की धनराशि का भुगतान किया जा रहा है। बरेली के 22,661 किसानों और तीसरे नंबर पर ललितपुर जिले के 19,420 किसानों को मुआवजा धनराशि का भुगतान किया जा रहा है। वहीं, वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए सिद्धार्थनगर में मुआवजे से सबसे अधिक 21,002 किसान छूट गये थे, जिन्हें मुआवजे के रुपए 10,07,53,392 रुपए की धनराशि का भुगतान किया जा रहा है। इसी तरह, वित्तीय वर्ष 2022-23 में दूसरे नंबर पर झांसी के 17,296 किसानों तथा तीसरे नंबर पर बलरामपुर के 12,933 किसानों को सहायता राशि का भुगतान किया जा रहा है। मालूम हो कि बेमौसम बारिश, बाढ़ और ओलावृष्टि से 33 प्रतिशत से अधिक क्षतिग्रस्त फसलों के नुकसान से प्रभावित किसानों को योजना के तहत मुआवजा दिया जाता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर किसानों को मुआवजा धनराशि सर्वे के 24 घंटे में डीबीटी प्रक्रिया के माध्यम से बीमित किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है।
अपर मुख्य सचिव सुधीर गर्ग के अनुसार, प्रदेश के सभी 75 जिलों के लिए पिछले दोनों वित्तीय वर्ष के लिए मुआवजा राशि जारी की गई है। इसमें वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 77,36,83,239 रुपए और वर्ष 2022-23 में 59,59,80,006 रुपए की मुआवजा धनराशि शामिल है। राजस्व (राहत) विभाग में कार्यरत राहत आयुक्त जीएस नवीन के मुताबिक डाटा फिडिंग के दौरान आधार, खाता संख्या में गलती तथा डुप्लीकेसी के चलते प्रभावित किसानों के मुआवजे का भुगतान नहीं हो पाता है। इस स्थिति में, दोबारा सर्वे कराकर सत्यापन कराया जाता है। हालांकि, जिलास्तर पर पिछले दो वर्षों में इसमें लापरवाही की गई, जिससे प्रभावित किसानों को मुआवजा जारी नहीं किया जा सका। लेकिन अब सीएम योगी के निर्देश पर दोबारा सर्वे कराकर मुआवजे से छूटे किसानों को धनराशि हस्तातंरित की जा रही है। प्रदेश के विभिन्न जिलों से क्षतिग्रस्त फसलों से प्रभावित वंचित किसानों को तत्काल मुआवजा देने के लिए डिमांड के अनुसार सहायता राशि उपलब्ध कराई जा रही है। ऐसे में अभी तक पिछले दोनों वित्तीय वर्ष के छूटे किसानों को 60 करोड़ से अधिक की मुआवजा धनराशि का भुगतान किया जा चुका है।
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