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फसल के नुकसान पर सरकार किसानों को देगी 10 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर का मुआवजा, जानें कैसे ले लाभ

फसल के नुकसान पर सरकार किसानों को देगी 10 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर का मुआवजा, जानें कैसे ले लाभ
पोस्ट -30 जनवरी 2024 शेयर पोस्ट

किसानों को फसल के नुकसान पर मिलेगी 10 हजार रुपए की आर्थिक मदद, ऐसे ले सकते हैं लाभ

Crop Compensation : प्राकृतिक आपदा और बेमौसम बारिश से किसानों को होने वाले फसल नुकसान से बचाने के लिए केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) चलाई जा रही है। केंद्र प्रायोजित इस योजना का कार्यान्वयन राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों में किया जा रहा है। केंद्र एवं राज्य दोनों सरकारें इस योजना में अपने स्तर पर अंशदान कर उन किसानों का प्रीमियम का बोझ कम करने में मदद करती है, जो संस्थागत कृषि ऋण लेकर खेती करते है। इसके अलावा, कई राज्यों में सरकार अपने स्तर पर अलग से फसल बीमा योजना शुरू कर किसानों को खराब मौसम के कारण बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि, सूखा, बाढ़ और कीट-रोगों से फसल खराब और नुकसान होने की परिस्थितियों में मुआवजा दिया जाता है। ऐसे में सहकारिता विभाग, बिहार सरकार द्वारा भी राज्य में बिहार राज्य फसल सहातया योजना चलाई जा रही है, जिसके तहत सरकार रबी सीजन 2023-24 फसलों के लिए किसानों को आर्थिक सहायता दे रही है। इस योजना के तहत राज्य सरकार द्वारा किसानों को प्राकृतिक आपदा से फसलों में हुए नुकसान पर 10 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से आर्थिक मुआवजा राशि उपलब्ध करवाया जाएगा, तो आईए इस पोस्ट की मदद से जानते है कि सरकार की इस योजना का लाभ किन किसानों को मिलेगा। 

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सरकार किसानों को प्रति हेक्टेयर के हिसाब से देगी मुआवजा राशि

राज्य सरकार किसानों के लिए राज्य फसल सहातया योजना चला रही है। इसके अंतर्गत राज्य सरकार, बेमौसम बारिश आंधी-तुफान जैस अन्य प्राकृतिक आपदा से  फसल खराब या नुकसान होने पर किसानों को आर्थिक मुआवजा देती है। खास बात ये है की इस योजना के तहत सब्जी फसलों के नुकसान होने या फसल नष्ट की परिस्थितियों में उन्हें मुआवजा का लाभ दिया जाता है। रबी मौसम 2023-24 की फसलों के लिए बिहार सरकार के कृषि विभाग द्वारा राज्य फसल सहायता योजना के तहत किसानों को आर्थिक मुआवजा दिया जाएगा। ऐसे में अगर किसानों की फसल प्राकृतिक आपदा से फसल में 20 प्रतिशत तक खराब या नुकसान होने पर उन्हें बिहार सरकार की तरफ से 7,500 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा दिया जाएगा। वहीं अगर फसल में 20 प्रतिशत से अधिक नुकसान हुआ, तो किसानों 10,000 रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से सरकार मुआवजा राशि देगी

राज्य के इन किसानों को मिलेगी मुआवजा राशि

कृषि विभाग, बिहार सरकार के सोशल मीडिया हैंडल 'X' पोस्ट के मुताबिक, राज्स सरकार किसानों के हित की सुरक्षा के लिए बिहार राज्य फसल सहायता योजना (Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana) शुरू की है, जिसके तहत किसानों का फसल बीमा (Crop Insurance) का लाभ दिया जा रहा है। बिहार राज्य फसल सहायता योजना के अंतर्गत् इस आर्थिक मुआवजे का लाभ रैयत और गैर रैयत दोनों तरह के किसान उठा सकते हैं। इस योजना के तहत रैयत, गैर रैयत और आंशिक रूप से रैयत और गैर रैयत दोनों वर्ग के किसानों को  20 प्रतिशत या इससे अधिक फसल नुकसान होने पर राज्य सरकार की ओर से 7,500 रुपए प्रति हेक्टेयर से 10,000 रुपए प्रति हेक्टेयर के हिसाब से सहायता राशि का भुगतना किसानों को किया जाता है। बता दें कि रैयत किसान से तात्पर्य उन किसानों से है जिनके पास खुद का खेत है और उनके नाम से कृषि भूमि है और गैर रैयत किसान वे है, जिनके पास खेती के लिए स्वयं की भूमि नहीं है लेकिन वह दूसरे की जमीन पर कृषि करते हैं। 

योजना के तहत फसलवार अधिसूचित क्षेत्र और इकाई

रबी 2023-24 मौसम फसलों के लिए राज्य के सभी 38 जिले के किसानों को राज्य फसल सहायता योजना का लाभ मिलेगा। इस योजना के तहत किसानों को फसल नुकसान पर मुआवजा दिया जाएगा। राज्य फसल सहायता योजना के तहत कृषि विभाग द्वारा राज्य के सभी जिलों में फसलवार अधिसूचित क्षेत्र/इकाई निर्धारित की गई है, जिस पर किसानों को अनुदान दिया जाएगा। इस योजना के तहत  गेहूं- राज्य के सभी 38 जिलों में पंचायत स्तरीय फसल के रूप में, मकई- राज्य के 31 मकई आच्छादित जिलों में पंचायत स्तरीय फसल के रूप में, गन्ना (ईख)- राज्य के 16 ईख (गन्ना) आच्छादित जिलों में पंचायत स्तरीय फसल के रूप में, चना- राज्य के 17 जिलों में जिला स्तरीय फसल के रूप में, अरहर- राज्य के 20 जिलों में जिला स्तरीय फसल के रूप में, राई सरसों- राज्य के 37 जिलों में जिला स्तरीय फसल के रूप में, मसूर- राज्य के 34 जिलों में जिला स्तरीय फसल के रूप में, गेहूं- राज्य के 15 जिलों में जिला स्तरीय फसल के रूप में, आलू- राज्य के 15 जिलों में जिला स्तरीय फसल के रूप में, टमाटर- राज्य के 10 जिलों में जिला स्तरीय फसल के रूप में, बैंगन- राज्य के 12 जिलों में जिला स्तरीय फसल के रूप में , मिर्ची- राज्य के 12 जिलों में जिला स्तरीय फसल के रूप में, गोभी- राज्य के 11 जिलों में जिला स्तरीय फसल के रूप में अधिसूचित किया गया है। 

किसानों को पास इन दस्तावेजों का होना जरूरी है

इस योजना का लाभ बिहार के रैयत, गैर रैयत तथा आंशिक रूप से रैयत एवं गैर रैयत दोनों श्रेणी के किसान उठा सकते हैं। बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत रबी 2023-24 मौसम के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। इच्छुक लाभार्थी किसान के पास भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र, बैंक डिटेल, आधार कार्ड, गैर रैयत किसानों के लिए वार्ड सदस्य की ओर से जारी हस्ताक्षरित स्वघोषणा पत्र आदि दजस्तावेजों का होना जरूरी है। इसके साथ ही किसानों की फसल का रजिस्ट्रेशन पहले से कृषि विभाग के पोर्टल पर होना चाहिए। राज्य फसल सहायता योजना के तहत एक फसल से ज्यादा फसलों के चयन की सुविधा है। योजना के तहत अधिकतम 2 हेक्टेयर प्रति किसान के लिए आर्थिक सहायता राशि का भुगतान किया जाएगा। इस योजना के तहत  नगर पंचायत/ नगर परिषद क्षेत्र के किसान भी लाभ के पात्र होगें। 

लाभ उठाने  लिए कैसे करें आवेदन

कृषि विभाग, बिहार सरकार से मिली जानकारी के मुताबिक, बिहार राज्य फसल सहायता योजना का लाभ उठाने के लिए आपको योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन होगा। इसके लिए आपको सबसे पहले सहकारिता विभाग, बिहार राज्य फसल सहायता योजना के विभागीय पोर्टल https://pacsonline.bih.nic.in/fsy/Login.aspx पर जाकर योजना हेतु आवेदन करना है। यदि आप पहले से पंजीकृत है, तो मोबाइल नंबर और पासवर्ड के माध्यम से लॉगिन करें या “पासवर्ड पाने के लिए यहां क्लिक करें वाले विक्लप पर क्लिक करें । यहां कृषि विभाग के किसान निबंधन संख्या दर्ज करें। इसके बाद आगे मांगी गई जानकारी भरकर अपने सभी जरूरी दस्तावेजों को अपलोड कर अंत में सबमिट के विक्लप पर क्लिक आवेदन पत्र जमा  कर दें। इस योजना के तहत प्रखंड सहकारिता प्रसार पदाधिकारी/कार्यपालक सहायक की मदद से आवेदन किया जा सकता है। आवेदन के समय किसानों द्वारा फसल और बुवाई के रकबा की जानकारी दी जानी है। बिहार राज्य फसल योजना के तहत आवेदन करने के लिए भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र (Land Possession Certificate) / जमीन का राजस्व रसीद 31-03-2022 के बाद का होना चाहिए। 

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