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मीठी क्रांति योजना: किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार से मिलेगी 80 हजार रुपए की सब्सिडी

मीठी क्रांति योजना: किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार से मिलेगी 80 हजार रुपए की सब्सिडी
पोस्ट -07 जून 2022 शेयर पोस्ट

शहद उत्पादन के साथ बढ़गी किसानों की आय, जानें मीठी क्रांति योजना की विस्तृत जानकारी  

झारखंड सरकार राज्य में बढ़ती बेरोजगारी की समस्या को देखते हुए स्वरोजगार और कृषि क्षेत्र में अपना ध्यान बढ़ा रही है। झारखंड सरकार ने आत्मनिर्भर मिशन को बढ़ावा देने के लिए राज्य में मीठी क्रांति योजना को शुरू किया है। योजना के माध्यम से राज्य में शहद उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ इसके माध्यम से किसानों की आय भी दोगुनी होगी। झारखंड में शहद उत्पादन की अनुकूल परिस्थितियों को देखते हुए योजना के माध्यम से इसे बढ़ाने की पहल की गई है। राज्य में इस योजना को लागू करने के लिए 100 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था। योजना के तहत मधुमक्खी पालन करने वाले किसानों को वित्तीय सहायता के साथ-साथ मधुमक्खी पालन विषय में प्रशिक्षण देने का भी प्रावधान है। इसके लिए राज्य सरकार से सब्सिडी (अनुदान) भी मिलता है। गौरतलब है कि झारखंड में करंज के पेड़ों के साथ-साथ फूलों के पौधें काफी बड़े पैमाने पर पाए जाते हैं, साथ ही यहां के किसान सरसों की खेती भी खूब करते हैं। यदि आप भी सरकार की मीठी क्रांति योजना के तहत मधुमक्खी पालन कर अपनी आय में वृद्धि करना चाहते है, तो ट्रैक्टरगुरू की इस पोस्ट को अंत तक ध्यान से पढ़े।

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योजना के तहत सरकार देगी आर्थिक सहायता

मीठी क्रांति योजना के तहत किसानों को एक लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाती है। योजना के तहत किसानों कों राज्य सरकार द्वारा 80,000 रुपये तक का अनुदान दिया जाता है। शेष 20,000 रुपये की राशि किसानों को स्वयं निवेश करना होता है। योजना के तहत किसान 20 हजार की पूंजी निवेश कर सालाना 1 लाख 30 हजार की आमदनी कर सकता है। गौरतलब है कि राज्य में शहद उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 2020 से 2023 तक मधुमक्खी पालन व शहद मिशन की शुरुआत की गई थी। किसान इस योजना का लाभ उठाकर मधुमक्खी पालन कर खुद का शहद व्यापार स्थापित कर सकते हैं। किसान मीठी क्रांति का लाभ उठाकर अपनी आय को दोगुना नहीं बल्कि 4 गुना वृद्धि कर सकते है। 

कृषि व बागवानी उत्पादन को राज्य में मिलेगा बढ़ावा

वर्तमान समय में किसान कृषि के साथ ही बागवानी फसलों पर अधिक ध्यान दे रहे है, ऐसे में मधुमक्खी पालन किसानों की अतिरिक्त आय का एक अच्छा स्त्रोत बनता जा रहा है। यह एक ऐसा व्यवसाय है, जिससे किसानों और बेरोजगार लोगो की आमदनी बढ़ाने के साथ ही वातावरण शुद्ध रखनें का कार्य करता है। मधुमक्खी पालन से कृषि व बागवानी उत्पादन बढ़ाने की क्षमता विकसित होती है। मधुमक्खी पालन के लिए मीठी क्रांति योजना को लागू करते हुए यह भी कहा गया कि राज्य में किसानों द्वारा उत्पादित शहद को बेचने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की हैं। वे सभी जो बेरोजगार हैं और जिनके पास आय का कोई स्रोत नहीं है, वे सभी योजना के तहत लाभ लेने के पात्र हैं। इस योजना को भारत के आत्मनिर्भर मिशन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लागू किया गया था। योजना की सहायता से राज्य के मधुमक्खी पालन से संबंधित सभी किसानों को सरकार द्वारा राष्ट्रीय मधुमक्खी बोर्ड के माध्यम से वैज्ञानिक आधार पर मीठी क्रांति के लक्ष्य को पूरा करने के लिए लागू किया जाएगा।

12000 से अधिक किसानों को योजना से जोड़ने का लक्ष्य 

मीठी क्रांति योजना के अंतर्गत मधुमक्खी पालन के माध्यम से राज्य के सभी कृषि और गैर-कृषि परिवार आय का स्रोत बना सकते हैं। योजना के विकास से राज्य में बागवानी उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। योजना की मदद से सरकार का लक्ष्य राज्य में न्यूक्लियस स्टॉक और ब्रीडर जैसे केंद्र स्थापित करना है। मधुमक्खी पालन से कृषि आय में वृद्धि हो रही है। प्रदेश में 12000 से अधिक किसानों को मीठी क्रांति योजना से जोड़ा जाएगा। यह योजना राज्य में 2019 में लागू की गई थी। मधु प्रसंस्करण इकाई की स्थापना होगी। यह योजना कारगर साबित होगा। किसानों को सशक्त करना राज्य सरकार का उद्देश्य है।

मीठी क्रांति योजना के अंतर्गत मधुमक्खी पालन से लाभ

  • मधुमक्खी वातावरण शुद्ध रखनें का कार्य करती है। मधुमक्खी पालन से कृषि व बागवानी उत्पादन बढ़ाने की क्षमता विकसित होती है। 

  • मधुमक्खी पालन व्यवसाय में बहुत ही कम समय में अधिक लाभ प्राप्त कर सकते है।

  • मधुमक्खी पालन किसी समूह या एक व्यक्ति द्वारा शुरू किया जा सकता है, मार्किट में शहद और मोम की मांग काफी अधिक है।

  • इस व्यवसाय के माध्यम से आप शहद और मोम के साथ ही रायल जेली उत्पादन, पराग, मौनी विष आदि प्राप्त कर सकते है।

  • मधुमक्खी पालन कम उपज वाले खेतों में भी कर सकते है, जहा मधुमक्खी के मोम का उत्पादन भारी मात्रा में किया जा सकता है।

  • मधुमक्खी पालन से धन लाभ होनें के साथ ही पर्यावरण पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

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