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लाख की खेती : किसानों को बिना ब्याज के लोन देगी सरकार, जानें पूरी खबर

लाख की खेती : किसानों को बिना ब्याज के लोन देगी सरकार, जानें पूरी खबर
पोस्ट -21 नवम्बर 2022 शेयर पोस्ट

छत्तीसगढ़ में लाख की खेती करने वाले किसानों को प्रोत्साहित करने की सरकार की विशेष पहल

Lac Farming in Chhattisgarh :  छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में किसानों की आय में वृद्धि हेतु किसानों को लाख (Lacquer Farming) की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए राज्य सरकार की ओर से विशेष पहल की जा रही है। जिससे किसानों को बेहतर रोजगार के साथ एक अच्छी आमदनी का जरिया मिल सके। पत्रकारों की रिपोर्ट के अनुसार राज्य सरकार का कहना है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के अनुरूप छत्तीसगढ़ में सरकार द्वारा किसानों को लाख की खेती के लिए सही ट्रेनिंग और बिना ब्याज दर के लोन उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया है। यानि छत्तीसगढ़ में लाख की खेती करने वाले किसानों को सरकार अब बिना किसी ब्याज के कर्ज देगी। इसके परिपालन में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा बीहन लाख आपूर्ति तथा बीहन लाख विक्रय और लाख फसल ऋण की उपलब्धता के लिए मदद सहित आवश्यक व्यवस्था की गई है। बता दे कि देश की कई राज्य सरकारें इस दौर में किसानों की आय को दोगुना करने के लिए पारंपरिक फसलों के साथ-साथ बागवानी और कमर्शियल फसलों को भी बढ़ावा दे रही है। ट्रैक्टरगुरू की इस लेख के माध्यम से जानते है कि लाख की खेती के लिए किसानों को प्रेरित करने के लिए क्या फैसला लिया है और कैसे इससे किसानों को लाभ मिल सकता हैं।

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बिना ब्याज के दिया जाएगा ऋण

प्रदेश की बघेल सरकार लगातार ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए कृषि व्यवसाय से जुड़े लोगों को बेहतर से बेहतर शासकीय सुविधाएं और रोजगार देने के लिए कई प्रकार की योजनाओं पर काम कर रही है। छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में लाख की खेती को काफी बढ़ावा दे रही है। इसके लिए सरकार किसानों को लाख की खेती के लिए प्रोत्साहित करने के लिए जिला सहकारी बैंक के माध्यम से लाख फसल ऋण निःशुल्क ब्याज के साथ देने की व्यवस्था की है। साथ ही खेती के सही ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की है। जिसके तहत लाख पालन करने के लिए पोषक वृक्ष कुसुम पर 5000 रुपए, बेर पर 900 रुपए एवं पलाश पर 500 रुपए प्रति वृक्ष की ऋण सीमा निर्धारित की गई है। लाख की खेती को वैज्ञानिक प्रशिक्षण के साथ करने हेतु राज्य लघु वनोपज संघ की ओर से कांकेर में एक प्रशिक्षण केन्द्र भी खोला गया है। इस केन्द्र में लाख पालन के लिए 3 दिन का वैज्ञाकिन प्रशिक्षण और लाख उत्पादन क्लस्टर में ऑनफार्म प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इसके अलावा प्रदेश के किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना का भी लाभ दिया जा रहा है। बता दें कि यहां के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में लाख की खेती आजीविका का अहम हिस्सा बनती जा रही है।  

छत्तीसगढ़ में लाख  उत्पादन को 10 हजार टन तक बढ़ाने की तैयारी

राज्य लघु वनोपज संघ छत्तीसगढ़ ने प्रदेश में लाख उत्पादन को 10 हजार टन तक बढ़ाने की तैयारी तेज की है। इससे किसानों को करीब 250 करोड़ रुपए तक की आय हो जाएगी। राज्य में अभी 4 हजार टन लाख का उत्पादन होता है। जिससे किसानों को करीब 100 करोड़ रुपए तक की आय होती है। राज्य लघु वनोपज संघ प्रदेश के किसानों को लाख उत्पादन कर लाखों कमाने की योजना पर काम कर रहा है। इसके लिए किसानों को बीहन लाख आपूर्ति, बीहन लाख की बिक्री और लाख फसल ऋण जैसी मदद दी जा रही है। 

लाख को उचित मूल्य पर क्रय करने के लिए क्रय दर का निर्धारण

छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ ने राज्य में लाख की कमी को दूर करने हेतु किसानों के पास उपलब्ध बीहन लाख की बिक्री के लिए दरों का निर्धारण कर दिया है। राज्य लघु वनोपज संघ के अधिकारियों ने बताया, कुसुमी बीहन लाख (बेर पेड़ से प्राप्त) के लिए किसानों को देय खरीदी दर 550 रुपए प्रति किलोग्राम और रंगीनी बीहन लाख (पलाश पेड़ से प्राप्त) के लिए खरीदी दर 275 रुपए प्रति किलोग्राम तय हुआ है। इसी प्रकार किसानों को बीहन लाख उपलब्ध कराने के लिए विक्रय दर भी निर्धारित किया हुआ है। जिसके तहत कुसुमी बीहन लाख (बेर वृक्ष से प्राप्त) के लिए 640 रुपए प्रति किलोग्राम और रंगीनी बीहन लाख (पलाश वृक्ष से प्राप्त) के लिए 375 रुपए प्रति किलोग्राम की दर निर्धारित है। 

बीहन लाख के लिए 15 दिसम्बर तक राशि जमा करनी होगी

छत्तीसगढ़ सरकार राज्य मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के अनुरूप राज्य में लाख की खेती (Lac Farming) करने वाले किसानों को सरकार बिना ब्याज के सहकारी बैंक से लोन एवं राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा खोले गए प्रशिक्षण केंद्रों में लाख उत्पादन क्लस्टर में ऑनफार्म प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। बता दें कि राज्य में अक्टूबर से दिसम्बर तक लाख का सीजन है। इस दौरान राज्य में प्रदेश के 20 जिलों में 50 हजार किसान इसकी खेती करते हैं। इस साल बीहन यानी लाख के बीज को महाराष्ट्र से मंगाया गया है। सरकार की इस विशेष पहल को सफल बनने एवं लाख उत्पादन में वृद्धि करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य लघु बनोपज संघ ने 20 जिला यूनियनों में 3 - 5 प्राथमिक समिति क्षेत्र को जोड़ते हुए लाख उत्पादन क्लस्टर का गठन किया है। इसके तहत प्रत्येक लाख उत्पादन क्लस्टर में सर्वेक्षण कर कृषकवार बीहन लाख की मांग की जानकारी ली जा रही है। इनमें किसानों को राज्य लघु वनोपज संघ द्वारा तय मूल्य पर बीहन लाख प्रदाय करने के लिए आवश्यक कुल राशि को अग्रिम रूप से जिला यूनियन खाते में जमा करना होगा। इसके तहत कुसुमी बीहन लाख के लिए कृषकों से प्राप्त मांग के अनुरूप राशि जमा किए जाने हेतु 15 दिसंबर तक समय-सीमा निर्धारित है। संघ अधिकारियों द्वारा दी गई जानकारी में बताया गया कि, रंगीनी बीहन की समयसीमा 15 नवम्बर को ही खत्म हो चुकी है। बड़ी संख्या में किसानों ने यह लाख बीहन लिया है।

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