Crop Insurance Claim : देशभर में अभी मानसून की विदाई का समय शुरू हो चुका है। इस दौरान देश के अधिकांश हिस्सों में तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम और तेज बारिश का दौर जारी है। अभी आगामी दिनों में देश के कई कृषि राज्यों में तेज हवाओं के साथ-साथ भारी बारिश का दौर चलने की संभावना है। राजस्थान में वर्तमान में हो रही बरसात से कटाई के बाद खेत में रखी गई खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचा है। लेकिन सुखद बात यह है कि प्रधानमंत्री फसल बीमा (Prime Minister Crop Insurance) योजनान्तर्गत नुकसान की भरपाई हो सकेगी, जिसके लिए प्रभावित बीमित फसल (insured crop) के काश्तकार को 72 घंटे के भीतर फसल खराबे की सूचना संबंधित जिले में कार्यरत इंश्योरेंस कंपनी को देनी होगी। कृषि विभाग, राजस्थान सरकार (Agriculture Department, Government of Rajasthan) द्वारा बीमा कंपनियों (insurance companies) को तत्काल सर्वे करने के निर्देश दिए हैं। बता दें कि वर्तमान में राजस्थान राज्य के कई हिस्सों में हल्की से मध्यम और तेज बरसात का दौर चल रहा है, जिससे कई जगहों पर किसानों की फसलों को काफी नुकसान हुआ है। ऐसे में जिन किसानों ने अपनी फसलों का बीमा प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत कराया है, वह किसान बरसात से कटाई के बाद खेत में सुखाने के लिए रखी फसल खराबे की सूचना तत्काल संबंधित बीमा कंपनियों को दें।
राजस्थान के कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि राज्य में कुछ जगहों पर असामयिक बारिश के कारण खरीफ की फसल में नुकसान होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत असामयिक बारिश की वजह से फसल कटाई उपरान्त खेत में सुखाने के लिए रखी फसल को 14 दिन की अवधि में नुकसान होने पर व्यक्तिगत आधार पर बीमा कवरेज उपलब्ध है।
कृषि मंत्री ने आगे बताया कि बारिश से प्रभावित काश्तकारों के लिए बीमित फसल खराबे की सूचना 72 घंटे के भीतर जिले में कार्यरत बीमा कंपनी को देना जरूरी है, जिससे नुकसान का आंकलन कर बीमा क्लेम देने की आवश्यक कार्यवाही की जा सके। उन्होंने बताया कि प्रभावित किसान बीमित फसल में हुए नुकसान की सूचना बीमा कंपनी के टोल फ्री नंबर तथा क्रॉप इंश्योरेंस ऐप अथवा कृषि कार्यालय या संबंधित बैंक को भी हानि प्रपत्र भरकर सूचित कर सकते हैं। कृषि आयुक्त गौरव अग्रवाल ने विभागीय अधिकारियों व इंश्योरेंस कंपनियों को तत्काल फील्ड में पहुंचकर फसल खराबे का सर्वे प्रारंभ करने के निर्देश दिए हैं। जिससे प्रभावित किसानों को बीमित फसलों के नुकसान का बीमा क्लेम दिलवाकर राहत प्रदान की जा सके।
राजस्थान में असामयिक वर्षा से प्रभावित किसान फसल नुकसान की सूचना 72 घंटों के अंदर बीमा कंपनी को दे सकते हैं। राज्य में कार्यरत बीमा कंपनियों की जानकारी देते हुए कृषि मंत्री ने कटारिया ने बताया कि भरतपुर, चूरू, डूंगरपुर, जालौर, करौली, राजसंमद और टोंक जिले के किसान रिलायंस जनरल इंश्योरेंस कंपनी के टोल फ्री नम्बर 18001024088 पर फसल खराबे की सूचना दे सकते हैं। वहीं, अलवर, बूंदी और श्रीगंगानगर जिले के किसान क्षेमा जनरल इंश्योरेन्स कंपनी के टोल फ्री नम्बर 18005723013 पर तथा अजमेर, बांसवाडा, बांरा, बाडमेर, भीलवाड़ा, बीकानेर, चित्तौडगढ़, दौसा, धौलपुर, हनुमानगढ़, जयपुर, जैसलमेर, झालावाड़, जोधपुर, झुन्झूनू, कोटा, नागौर, पाली, प्रतापगढ़, सवाईमाधोपुर, सीकर, सिरोही व उदयपुर जिले के किसान एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इण्डिया लि. के टोल फ्री नम्बर 18001809519 पर बीमित फसल के नुकसान की सूचना दे सकते हैं।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजनान्तर्गत असामयिक बारिश, अतिवृष्टि, ओलावृष्टि, बादल फटना, भारी बारिश के कारण जलभराव, फसल में फलियों के अंकुरित होने की स्थिति में, तेज हवा से फसल आड़ी पड़ने की स्थिति में, कीट रोगों के प्रकोप होने पर, मौसम प्रतिकूल के कारण कम बारिश की स्थिति में सूखे से फसल नुकसान होने पर और आगजनी जैसी तमाम प्राकृतिक आपदाओं से बीमित फसल को नुकसान हुआ तो, प्रभावित किसान बीमित फसल खराबे की सूचना संबंधित बीमा कंपनी को दे सकते हैं। वहीं, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना अंतर्गत फसल कटाई के उपरान्त आगामी 14 दिनों तक खेत में सुखाने के लिए रखी गई कटी हुई अधिसूचित फसल को असामयिक वर्षा, ओलावृष्टि से नुकसान होने की स्थिति में फसल की क्षति का आंकलन व्यक्तिगत बीमित फसल के कृषक के स्तर पर किए जाने का प्रावधान है।
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