One Time Settlement Scheme 2024 : क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों एवं सहकारी भूमि विकास बैंकों से ऋण लेकर कृषि में निवेश करने वाले ऋणी किसानों के लिए खुशखबरी है। राजस्थान सरकार ने राज्य में सहकारी बैंकों का कर्ज चुकाने के लिए राज्य में एकमुश्त समाधान योजना 2024 लागू कर दी है। राज्य सरकार की इस योजना का लाभ इस बार कृषि एवं अकृषि ऋणी दोनों व्यक्तियों को दिया जाएगा। ऐसे में राज्य के जिन व्यक्तियों ने सहकारी बैंकों से ऋण लिया है और वे किसी कारणों के चलते समय से अपने लोन का चुकारा नहीं कर पाए हैं, तो वे ओटीएस 2024 के तहत ऋण का भुगतान कर सकते हैं और बैंक डिफाल्टर घोषित होने से अपने आप को बचा सकते हैं।
राजस्थान के सहकारिता मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गौतम कुमार दक ने बताया कि राज्य के जिला सहकारी बैंकों और अपेक्स बैंक समेत सभी ग्राम सेवा सहकारी समितियों तथा लैम्प्स के लिए “एकमुश्त समाधान योजना” (ओटीएस-2024) लागू कर दी गई है। उन्होंने कहा कि इस योजना के दायरे में ऐसे सभी प्रकार के कृषि एवं अकृषि ऋण आएंगे, जो कि 31 मार्च, 2020 को अवधिपार हो गये थे तथा उसके पश्चात 31 मार्च, 2023 को बेड एण्ड डाउटफुल (अशोध्य एवं संदिग्ध) श्रेणी में वर्गीकृत किया जा चुका है।
बता दें कि राज्य में अधिकांश किसान छोटे एवं सीमांत श्रेणी से आते है और कृषि में निवेश करने के लिए जिला सहकारी बैंकों और अपेक्स बैंक सहित ग्राम सेवा सहकारी समितियों से कृषि एवं अकृषि ऋण लेते है। लेकिन कई कारणों के चलते कृषक इस ऋण का चुकारा समय पर नहीं कर पाते हैं। इससे वे डिफाल्टर हो जाते हैं और उन्हें नया ऋण भी नहीं मिलता है। इसी को देखते हुए राजस्थान सरकार ने राज्य में एकमुश्त समाधान योजना (one time settlement scheme)-2024 लागू कर दी है।
सहकारिता राज्य मंत्री दक ने बताया कि पहली बार इस राज्य योजना के तहत दुर्घटना या अन्य किसी कारण से शारीरिक रूप से कमाने की स्थिति में नहीं होने वाले ऋणी को भी सम्मिलित कर राहत दी गई है। उन्होंने कहा, कि कई बार प्राकृतिक आपदाओं और औद्योगिक मंदी के कारण ऋणी अपने ऋण का चुकारा समय पर नहीं कर पाता है। वह दुष्चक्र में फंस जाता है। ऐसे सभी ऋणी सदस्यों को राहत देने और वे अपना कारोबार पुनः शुरू कर सके, इसलिए इस योजना को लागू किया गया है। मंत्री ने बताया कि इस योजना का दायरा विस्तृत करते हुए इसमें अब व्यक्ति विशेष के अलावा संयुक्त हिन्दू परिवार, प्रोपराईटर/पार्टनरशिप फर्म, प्रा. लिमिटेड कम्पनी, सहकारी संस्थाऐं, स्वयं सहायता समूह आदि को भी सम्मिलित किया गया है। यह ओटीएस योजना राज्य में 31 मार्च, 2025 तक लागू रहेगी।
सहकारी मंत्री ने बताया कि व्यक्तिगत ऋण (personal loan), उपभोक्ता ऋण (consumer loan), स्वरोजगार क्रेडिट कार्ड योजना (Self Employment Credit Card Scheme) और राज्य प्रायोजित योजनाओं (state sponsored schemes) के अंतर्गत लिए गए ऋणों के प्रकरण में ब्याज राशि को आधा ही वसूल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस एक मुश्त समाधान योजना का लाभ लेने के लिए ऋणी आवेदक को आवेदन प्रपत्र के साथ कुल वसूल योग्य राशि का 25 फीसदी जमा कराना होगा एवं शेष धनराशि को अधिकतम दो किश्तों में 31 मार्च, 2025 तक जमा कराना अनिवार्य होगा।
सहकारिता मंत्री के अनुसार, एकमुश्त समाधान योजना 2024 के तहत ऋण जिस दिन को अवधि पार हुआ है उस दिन से 8 फीसदी या ऋण स्वीकृति पत्र में अंकित ब्याज दर, जो भी कम हो, उसे देना होगा। यह ब्याज साधारण दर से वसूल (Recovered) किया जाएगा। जिन ऋणों के विरुद्ध कोलेटरल सिक्योरिटी (Collateral Security) उपलब्ध नहीं है ऐसे प्रकरणों में अगर मूल राशि के बराबर ब्याज राशि बन रही है और 8 प्रतिशत की साधारण दर से ब्याज की गणना करने पर कुल राशि में से जो भी कम होगी, उसे जमा कराया जाएगा।
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