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बागवानी फसल बीमा योजना : किसान इन 7 फसलों का कराएं बीमा, मिलेगा लाभ

बागवानी फसल बीमा योजना : किसान इन 7 फसलों का कराएं बीमा, मिलेगा लाभ
पोस्ट -11 अगस्त 2023 शेयर पोस्ट

Horticulture Crop Insurance : बागवानी किसान करा सकेंगे इन 7 फसलों का बीमा

छत्तीसगढ़ सरकार (Government of Chhattisgarh) खरीफ सीजन 2023 में बागवानी फसलों का बीमा कराने की अपील कर रही है। इसके लिए राज्य में बागवानी फसलों की खेती करने वाले किसानों से पीएम फसल बीमा योजना के अंतर्गत खरीफ सीजन में बागवानी फसलों का बीमा कराने के लिए अंतिम तिथि 16 अगस्त तय की गई है।    

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किसान खरीफ सीजन में इन 7 फसलों का करा सकते हैं बीमा, जानें क्या है प्रीमियम की दर

Horticulture Crop Insurance Chhattisgarh : देश में इस साल मानसून की बारिश असमान रहने से कई इलाकों में किसानों को कृषि कार्य करने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, जहां कई क्षेत्रों में भारी वर्षा और बाढ़ से बोई गई फसलें खराब हो गई हैं तो वहीं कई क्षेत्रों में कम बारिश के चलते खरीफ फसलों की कम बुआई हो पाई हैं। केंद्र सरकार ने इसी पर ध्यान देते हुए अधिकांश राज्यों में “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” में रजिस्ट्रेशन करने की अवधि बढ़ा दी है। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ में बागवानी फसलों की खेती करने वाले किसान अपनी बागवानी फसलों का बीमा करा सकते हैं। इसके लिए राज्य सरकार ने राज्य में पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना लागू की है। इसके तहत खरीफ सीजन में बागवानी फसलों का बीमा कराने लिए समय सीमा 16 अगस्त 2023 तय की है। बागवानी फसलों के लिए सरकार द्वारा तय तिथि एवं बीमा संबंधी नियमों के तहत राज्य के ऋण लेने वाले या अपने संसाधनों से बागवानी फसलों की खेती करने वाले इच्छुक किसान बोई गई अपनी बागवानी फसलों का बीमा सरकार द्वारा अधिसूचित बैंकों के माध्यम से करा सकते हैं। 

16 अगस्त तक कर सकते हैं आवेदन

छत्तीसगढ़ में शाक भाजी और फल जैसे बागवानी फसलों की खेती का रकबा दिन-प्रति-दिन बढ़ रहा है। मौसम की प्रतिकूलता से फसलों को होने वाले नुकसान से बचने के लिए प्रदेश में बागवानी फसलों का बीमा कराने वाले किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसे देखते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने खरीफ सीजन में बागवानी फसलों का बीमा कराने की समय सीमा को बढ़ाकर 16 अगस्त कर दिया है। इसके तहत बागवानी किसान सूचीबद्ध फल और सब्जी फसल के बीमा के लिए आवेदन कर सकते हैं। 

इन फसलों को किया गया अधिसूचित 

छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में बागवानी फसलों की खेती करने वाले किसानों के लिए पुनर्गठित मौसम आधारित फसल बीमा योजना संचालित कर रही है। इसके तहत खरीफ सीजन 2023 के लिए बागवानी फसलों के बीमा के दायरे में 7 फसलों को अधिसूचित किया है। जिनमें बैंगन, मिर्च, अदरक, टमाटर, पपीता, केला और अमरूद जैसे बागवानी फसलें शामिल है। इन अधिसूचित फसलों का बीमा राज्य सरकार के सहयोग से भारतीय कृषि‍ बीमा कंपनी द्वारा किया जा रहा है। उद्यानिकी विभाग के मुताबिक प्रदेश में अब उद्यानिकी फसलों से जुड़े हजारों किसान बीमा करा सकेंगे और फसल नुकसान की स्थिति में मुआवजा प्राप्त करने के हकदर बन सकेंगे। इच्छुक किसान 16 अगस्त तक अपनी बोई गई फसलों का बीमा कराने के लिए बीमा कंपनी के प्रतिनिधि से संपर्क कर सकते हैं। 

इन अधिसूचित बैंकों से करा सकेंगे बीमा

छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य में बागवानी फसलों का बीमा कराने के लिए बैंकों एवं अन्य संस्थाओं को अधिसूचित किया है। किसान इन अधिसूचित बैंकों और बीमा संस्थाओं से अपनी बागवानी फसल का बीमा करा सकते हैं। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय बैंक की निकटतम शाखा, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, जिला सहकारी बैंक, प्राथमिक सहकारी समितियों, जन सेवा केंद्र, व्यावसायिक बैंक एवं भूमि विकास बैंक के अलावा राष्ट्रीय फसल बीमा पोर्टल या डाक विभाग के अधिकृत बीमा एजेन्ट या फिर प्राधिकृत प्रतिनिधि को फसल बीमा के लिए अधिकृत किया है। राज्य के ऋणी, गैर ऋणी व बंटाईदार बागवानी किसान खरीफ वर्ष 2023 में अपनी फसल का बीमा करने के लिए बैंकों या बीमा कंपनी के अधिकृत बीमा एजेन्ट या फिर प्राधिकृत प्रतिनिधि से संपर्क कर सकते हैं।

इन निर्धारित नियम का करना होगा पालन 

छत्तीसगढ़ सरकार ने मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत 7 फल और सब्जी फसलों को शामिल किया है। मौसम अनिश्चितता के कारण फसल में हुए नुकसान का मूल्यांकन कुछ मानकों के तहत किया जाएगा। इसमें प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, बारिश, भूस्खलन, सूखा या कीड़े एवं रोगों से खराब हुई फसल का मुआवजा सत्यापित मूल्यांकन के पश्चात किसान को दिया जाएगा। बीमा क्लेम राशि का भुगतान सीधे किसान के खाते में किया जाएगा। बीमा नियमों में स्पष्ट किया गया है कि किसानों को मौसम आपदा से अगर कोई व्यक्तिगत नुकसान हुआ है, तो भी उन्हें लाभ मिलेगा, पहले सिर्फ सामूहिक स्तर पर फसल बर्बाद होने पर बीमा क्लेम दिया जाता था। मौसम की मार से खराब हुई फसल नुकसान की क्षतिपूर्ति बीमा कंपनी करती है। इसके लिए किसानों को फसल नुकसान होने की स्थिति में 72 घंटों के भीतर बीमा कंपनी और संबंधित कृषि विभाग को बीमित फसलों का ब्योरा, क्षति का कारण और खराब हुई फसलों की फोटो के साथ सूचना देनी होती है।

अधिसूचित फसलों के निर्धारित की गई बीमा प्रीमियम राशि

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा बिलासपुर जिले में खरीफ सीजन के लिए अधिसूचित  बागवानी फसलों के लिए बीमा प्रीमियम दर बीमा राशि का 5 प्रतिशत ब्याज की रकम किसानों को अदा करनी होगी। मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत जिले में कम से कम 150 हेक्टेयर क्षेत्रफल में लगी बागवानी फसलों को बीमा के दायरे में लाया जाएगा। उद्यानिकी विभाग छत्तीसगढ़ ने योजना के अंतर्गत टमाटर के लिए प्रति हैक्टेयर बीमा राशि 1.20 लाख रुपए तय की है। जिस पर किसान को 6 हजार रुपए प्रति हैक्टेयर प्रीमियम अदा करनी होगी। बैंगन के लिए बीमा की रकम 77 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर पर किसान का अंशदान 3850 हजार रूपए प्रति हेक्टेयर निर्धारित है।  अमरूद के लिए बीमा की राशि 70 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर पर किसान अंशदान 3500 रूपए प्रति हेक्टेयर रहेगा। केला की बीमा राशि 1.65 लाख रुपये प्रति हैक्टेयर निर्धारित है। इस पर अशंदान 8250 रुपए प्रति हैक्टेयर तय है। मिर्च के लिए 90 हजार रुपए प्रति हैक्टेयर बीमा राशि पर 4500 रुपए कृषक अंशदान और अदरक के लिए 1.50 लाख रुपये की बीमा राशि निर्धारित है। इस पर कृषक अशंदान 7500 रुपए हैक्टेयर रहेगा।

फसलों का बीमा करने के लिए आवश्यक दस्तावेज

बीमा योजना के तहत किसानों को 7 बागवानी फसलों का बीमा कराने के लिए आधार कार्ड, भूमि प्रमाणपत्र, बैंक खाते की पासबुक की कॉपी, फसल बुआई प्रमाण पत्र अथवा प्रस्तावित फसल बोने के आशय का स्वघोषणा पत्र, मोबाइल नंबर और बंटाईदार, काश्तकार एवं साझेदार किसानों के लिए फसल साझा या काश्तकार का घोषणा पत्र जैसे कुछ जरूरी दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी। 

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