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न्यूनतम समर्थन मूल्य : गेहूं और सरसों सहित रबी की 6 फसलों की MSP में की बढ़ोतरी

न्यूनतम समर्थन मूल्य : गेहूं और सरसों सहित रबी की 6 फसलों की MSP में की बढ़ोतरी
पोस्ट -17 अक्टूबर 2024 शेयर पोस्ट

न्यूनतम समर्थन मूल्य : किसानों को मिला दिवाली गिफ्ट, सरकार ने रबी की 6 फसलों के एमएसपी में की बढ़ोतरी 

MSP hike :  देशभर के करोड़ों किसानों को केंद्र सरकार की ओर से दिवाली गिफ्ट मिला है। दिवाली त्योहार से ठीक पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सरकार ने रबी की 6 फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। केंद्र सरकार ने गेहूं, सरसों समेत रबी की 6 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) बढ़ा दिया। सबसे ज्यादा सरसों-तिलहन में 300 रुपए बढ़ाया गया है। गेहूं में 150 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाया गया। इसके साथ ही अब गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,425 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। केंद्र ने जौ, चना, मसूर, कुसुम फसलों की एमएसपी (MSP) में भी इजाफा किया है। कैबिनेट बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले की जानकारी दी है। 

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इन फसलों के लिए बढ़ाई गई एमएसपी (MSP increased for these crops)

प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने मार्केटिंग ईयर 2025-26 के लिए सभी जरूरी रबी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी को मंजूरी दे दी है। इसके तहत एमएसपी में सबसे अधिक वृद्धि रेपसीड और सरसों के लिए 300 रुपये प्रति क्विंटल और मसूर के लिए 275 रुपये प्रति क्विंटल की गई है। इसी प्रकार चना, गेहूं, कुसुम और जौ के लिए क्रमशः 210 रुपए प्रति क्विंटल, 150 रुपए प्रति क्विंटल, 140 रुपए प्रति क्विंटल और 130 रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है। रबी फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि केंद्रीय बजट 2018-19 की घोषणा के मुताबिक है, जिसमें एमएसपी को अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत के कम से कम 1.5 गुना के स्तर पर तय करने की घोषणा की गई है।

फसलों के लिए नई एमएसपी दरें (New MSP rates for crops)

अखिल भारतीय भारित औसत उत्पादन लागत पर अपेक्षित मार्जिन गेहूं के लिए 105 प्रतिशत है, इसके बाद रेपसीड और सरसों के लिए 98 प्रतिशत, मसूर के लिए 89 प्रतिशत, चना के लिए 60 प्रतिशत, जौ के लिए 60 प्रतिशत और कुसुम के लिए 50 प्रतिशत है। केंद्र सरकार के इस फैसले के अनुसार, विपणन वर्ष 2025-26 के लिए सभी जरूरी रबी फसलों की नई एमएसपी दरें अब इस प्रकार होगी : - 

क्र. सं. फसल पुरानी MSP रुपए/ क्विंटल नई MSP रुपए/ क्विंटल दरों में बढ़ोतरी (रुपए)
1 गेहूं 2,275/- 2,425/- 150
2 जौ 1,850/- 1,980/- 130
3 चना 5,440/- 5,650/- 210
4 सरसों -तिहलन 5,650/- 5,950/- 300
5 कुसुम 5,800/- 5,940/- 140
6 मसूर 6,425/- 6,700/- 275

फसल विविधीकरण को मिलेगा प्रोत्साहन (Crop diversification will be encouraged)

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हम किसानों के कल्याण के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं और हमने किसानों को लाभ पहुंचाने वाले कई फैसले लिए हैं। मुझे उम्मीद है कि रबी फसलों के इस बढ़े हुए एमएसपी से किसानों को लाभकारी मूल्य सुनिश्चित होगा और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा। हमारी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के महंगाई भत्ता (DA और DR) में 3 प्रतिशत की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। इसके अलावा बैठक में वाराणसी में एक नया रेल-रोड ब्रिज बनाने की योजना को भी मंजूर किया गया है। इस परियोजना के लिए सरकार द्वारा करीब 2642 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।  

MSP या मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP or Minimum Support Price)

न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) या मिनिमम सपोर्ट प्राइस वो गारंटीड मूल्य है, जिस पर सरकार किसानों की फसलों की खरीद करती है। इससे किसानों को उनकी उपज के लिए गारंटीड मूल्य मिलता है, भले ही बाजार में उस फसल की कीमतें कम हों। सरकार प्रत्येक फसल सीजन से पहले कमीशन फॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइसेस (CACP) की सिफारिश पर सभी प्रमुख फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करती है। अगर किसी फसल की बंपर पैदावार हुई है, तो उसकी बाजार में कीमतें कम होती हैं, तब MSP उनके लिए फिक्स एश्योर्ड प्राइज का काम करती है। यह एक तरह से बाजार में कीमतें गिरने पर किसानों को उपज के लिए लाभकारी मूल्य दिलवाने का काम करती है। बता दें कि MSP का सीधा ताल्लुक सरकारी खरीद से होता है। राज्य सरकारें खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बड़े पैमाने पर कृषि उपजों की खरीद एमएसपी पर सुनिश्चित करती है और उन्हें सरकारी गोदामों में रखती है। 

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