Free tube well Scheme : देश में गेहूं की कटाई का कार्य किसानों द्वारा पूरा किया जा चुका है। साथ ही गेहूं उपज की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर सरकारी खरीदी का काम राज्य सरकारों द्वारा किया जा रहा है। इन सब के बीच प्रदेश के कई इलाकों में किसान खरीफ के मौसम में धान की फसल हेतु आवश्यक तैयारियां करने में लगे हुए हैं। बता दें कि यह दूसरी सबसे बड़ी खाद्यान्न फसल है, जिसकी खेती बारिश के सीजन (जून से जुलाई) में की जाती है। हालांकि, प्रदेश में धान की खेती करने वाले किसानों को इसकी सिंचाई के लिए हर साल बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। क्योंकि धान के पौधों को पानी की सबसे ज्यादा जरूरत होती है। बड़े किसान बोरबेल एवं अन्य सिंचाई साधनों के सहारे धान की खेती कर लेते हैं, लेकिन प्रदेश के लघु एवं सीमांत किसान फसल की सिंचाई के लिए बारिश पर ही निर्भर रहते हैं, जिससे उन्हें काफी परेशानी होती है।
इस समस्या को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार ने उथले नलकूप योजना शुरू की है। इसके तहत सरकार छोटे और सीमांत किसानों के खेतों में मुफ्त बोरिंग करा रही है। यदि आप भी इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं तो इसके लिए ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इस पोस्ट में फ्री नलकूप बोरिंग के लिए आवेदन कैसे करें और इसके लिए दस्तावेज क्या होंगे आदि से संबंधित जानकारी दी जा रही है।
प्रदेश सरकार, राज्य के किसानों के उत्थान के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे में आगामी खरीफ सीजन के दौरान प्रदेश के किसानों को धान की सिंचाई में पानी की समस्या का सामना न करना पड़े। इस उद्देश्य से राज्य सरकार ने प्रदेश के सभी जनपदों में उथले नलकूप फ्री बोरिंग योजना (shallow tube well free boring scheme) लागू की है। इसके तहत प्रदेश सरकार जरूरतमंद छोटे और सीमांत किसानों के खेतों में फ्री बोरिंग लगाएगी।
उल्लेखनीय है कि मुफ्त बोरिंग योजना कृषि विभाग द्वारा वर्ष 1985 से संचालित की जा रही है। यह विभाग की फ्लैगशिप योजना है, जिससे अतिदोहित / क्रिटिकल विकास खंडों को छोड़कर प्रदेश के सभी जनपदों में लघु औेर सीमांत कृषकों के लिए लागू किया जाता है। ऐसे में राज्य के जरूरतमंद किसान कृषि विभाग की इस योजना के तहत अपने खेतों में मुफ्त बोरिंग करा सकते हैं और समय से खेत की सिंचाई कर फसल उत्पादन बढ़ा सकते हैं।
लघु सिंचाई विभाग, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश में उथले नलकूप फ्री बोरिंग योजना (Free Boring Scheme) संचालित की जा रही है। इसके तहत सभी जनपदों के सामान्य वर्ग के लघु, सीमांत किसानों के साथ अनुसूचित जाति और जनजाति श्रेणी के किसानों के खेतों में फ्री बोरिंग करने एवं नलकूप हेतु सहायक सामग्री जैसे पंपसेट और पाइप लाइन खरीद के लिए बैंक ऋण एवं लागत खर्च पर अनुदान देने का प्रावधान किया गया है। राज्य उथले नलकूप योजना (shallow tube well scheme) में सामान्य श्रेणी के लघु जोत भूमि वाले किसानों को 5 हजार रुपए, सीमांत जोत वाले कृषकों को बोरिंग हेतु 7 हजार रुपए और अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थियों के लिए बोरिंग पर अनुदान की अधिकतम सीमा 10000 हजार रुपए निर्धारित की गई है। योजना के तहत लाभार्थी को पंपसेट स्थापित करने की व्यवस्था स्वयं करनी होगी।
उत्तर सरकार की यह योजना राज्य के लघु एवं सीमान्त कृषकों के लिए है। इस योजना में सामान्य श्रेणी के लघु एवं सीमान्त कृषकों के साथ-साथ अनुसूचित जाति /जनजाति के कृषकों को बोरिंग पर अनुदान (Grant On Boring) की अधिकतम सीमा क्रमशः 5000 हजार, 7000 हजार रुपए और 10 हजार रुपए निर्धारित है। योजना के तहत सामान्य लाभार्थियों के लिए जोत सीमा 0.2 हेक्टेयर निर्धारित है, जबकि अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थियों हेतु न्यूनतम जोत सीमा का प्रतिबंध तथा पंपसेट स्थापित करने की बाध्यता नहीं है। बोरिंग पंपसेट क्रय कर स्थापित करने पर लघु कृषकों को अधिकतम 4500 रुपए व सीमांत कृषकों हेतु 6000 रुपए का अनुदान अनुमन्य है। वहीं, योजना के तहत अनुसूचित जाति/जनजाति कृषकों के लिए 10000 हजार की सीमा के अन्तर्गत बोरिंग से धनराशि शेष रहने पर रिफ्लेक्स वाल्व, डिलिवरी पाइप, बेंड आदि सामग्री उपलब्ध कराने की अतिरिक्त सुविधा भी उपलब्ध है। पम्पसेट स्थापित करने पर अधिकतम 9000 हजार रुपए का अनुदान अनुमन्य है।
सिंचाई विभाग द्वारा वर्ष 2012-13 से जल के अपव्यय को रोकने एवं सिंचाई दक्षता में अभिवृद्धि के दृष्टिकोण से कुल लक्ष्य के 25 प्रतिशत लाभार्थियों को 90mm साईज का न्यूनतम 30 मी. से अधिकतम 60 मी. एच.डी.पी.ई.पाइप (HDPE Pipe) स्थापित करने हेतु लागत का 50 प्रतिशत अधिकतम 3000 हजार रुपए का अनुदान अनुमन्य कराए जाने का प्रावधान योजना में किया गया है। किसानों की मांग के दृष्टिगत शासनादेश संख्या-955/62-2-2012 दिनांक 22 मार्च 2016 से 110 mm साईज के एच.डी.पी.ई.पाइप स्थापित करने हेतु भी अनुमन्यता प्रदान कर दी गई है। बोरिंग योजना (Boring Scheme) के अंतर्गत नाबार्ड द्वारा विभिन्न अश्वशक्ति के पंपसेटों के लिए ऋण की सीमा निर्धारित है जिसके अधीन बैकों के माध्यम से पंपसेट क्रय हेतु ऋण की सुविधा उपलब्ध है। जनपदवार रजिस्टर्ड पंपसेट डीलरों से नकद पंपसेट क्रय करने की भी व्यवस्था है। दोनों विकल्पों में से कोई भी प्रक्रिया अपनाकर ISI मार्क पंपसेट क्रय करने पर अनुदान अनुमन्य है।
इच्छुक किसान बोरिंग योजना में फ्री बोरिंग का लाभ लेना चाहते हैं, तो उन्हें आवेदन के समय अपना आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के किसानों के लिए), बैंक खाता विवरण बैंक पासबुक की कॉपी, मोबाइल नंबर जो आधार से लिंक, पासपोर्ट साइज फोटो आदि दस्तावेजों की आवश्यकता होगी।
यूपी सरकार, लघु सिंचाई विभाग की उथले नलकूप बोरिंग योजना के तहत किसान अपने खेत में फ्री बोरिंग करा सकते हैं। इसके लिए इस योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर योजना का आवेदन पत्र डाउनलोड करना होगा। इसके बाद आवेदन पत्र में मांगी गई सभी संबंधित जानकारी सही-सही भरनी होगी। इसके बाद आवेदन पत्र के साथ सभी जरूरी दस्तावेजों की प्रतियां अटैच कर अपने जिले के लघु सिंचाई विभाग में जमा करना होगा। आपके द्वारा जमा कराए गए आवेदन पत्र का सत्यापन विभाग द्वारा किया जाएगा। सब कुछ ठीक पाये जाने पर आपको फ्री बोरिंग योजना का लाभ (Benefit of Free Boring Scheme) प्रदान किया जाएगा। अधिक जानकारी के लिए किसान बोरिंग योजना उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट https : // minorirrigationup . gov . in /StaticPages/ scheme - hi . aspx पर विजिट कर सकते हैं।
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