Sugarcane Price : गन्ना उत्पादक किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी है। उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार गन्ना किसानों को बड़ी राहत दे सकती है। बताया जा रहा है कि प्रदेश सरकार इस बार गन्ना पेराई सीजन के लिए गन्ने के दाम बढ़ा सकती है। इससे यूपी के लाखों गन्ना उत्पादक किसान परिवारों को फायदा पहुंचेगा। खास बात यह है कि इसके लिए प्रदेश सरकार तैयारी करने में जुट गई है। कहा जा रहा है कि प्रदेश सरकार दुर्गा पूजन या दिवाली त्यौहार से पहले गन्ने के रेट में बढ़ोतरी कर सकती है। अगर ऐसा होता है, तो प्रदेश में लगभग 45 लाख किसान परिवारों को फायदा होगा। वहीं, भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक गुट) का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने गत वर्ष गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी नहीं की थी। ऐसे में प्रदेश सरकार को लागत और महंगाई को ध्यान में रखते हुए गन्ना पेराई सत्र (sugarcane crushing season) 2023-24 में गन्ने का मूल्य कम से कम 450 रुपये प्रति क्विंटल घोषित करना चाहिए।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दे दी स्वीकृति
दरअसल, किसानों को उनकी फसलों के उचित एवं लाभकारी रेट मिल सके, इसके लिए सरकार द्वारा फसलों के समर्थन मूल्य यानी एमएसपी पहले से घोषित कर दिए जाते हैं। ऐसे में देश के सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों ने गन्ना का रेट बढ़ाने की मांग की थी। इसके लिए बीते दिनों भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक गुट) के प्रतिनिधिमंडल ने सीएम योगी से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की थी। इस दौरान किसान नेता धर्मेंद्र मलिक, हरिनाम सिंह वर्मा के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री योगी को 11 सूत्री मांग पत्र सौंपा था, जिसमें गन्ने का रेट जल्द बढ़ाने की मांग की गई थी। कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गन्ने के रेट में बढ़ोतरी करने को लेकर स्वीकृति दे दी है। सब कुछ ठीक रहा, तो उत्तर प्रदेश सरकार दुर्गा पूजा या दिवाली से पहले गन्ने की कीमत में बढ़ोतरी कर सकती है।
गन्ना समर्थन मूल्य में 30 से 35 रुपए की बढ़ोतरी संभव
भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक गुट) का कहना है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने गत वर्ष गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी नहीं की थी। ऐसे में प्रदेश सरकार को लागत और महंगाई को ध्यान में रखते हुए गन्ना पेराई सीजन 2023-24 के लिए गन्ने का मूल्य कम से कम 450 रुपये प्रति क्विंटल घोषित करना चाहिए। इसके अलावा, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता धर्मेंद्र मलिक का कहना है कि गन्ने का बकाया भुगतान सरकार को तुरंत करना चाहिए, ताकि किसान भाई दुर्गा पूजा और दिवाली अच्छे से मना सके। ऐसे में कहा जा रहा है कि योगी सरकार इस साल गन्ना के समर्थन मूल्य में 30 से 35 रुपए की बढ़ोतरी घोषित कर सकती है। फिलहाल, प्रदेश में गन्ना उत्पादक किसानों को 350 प्रति क्विंटल का रेट मिल रहा है। यदि सरकार गन्ने के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी करती है, तो प्रदेश के गन्ना किसानों को 380 से 385 रुपए प्रति क्विंटल तक मिलेगा। अभी पंजाब में देश का सबसे ज्यादा 380 रुपए प्रति क्विंटल का गन्ना के रेट है।
45 लाख किसानों को सीधा फायदा
किसान नेता धर्मेंद्र मलिक का कहना है कि उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा गन्ना उत्पादक राज्य है। प्रदेश में करीब 45 लाख किसान गन्ने की खेती करते हैं। इसका मतलब है कि गन्ने की फसल से उत्तर प्रदेश के 45 लाख किसानों के घर चलते हैं। यदि प्रदेश सरकार गन्ने का मूल्य बढ़ाती है, तो प्रदेश के 45 लाख किसानों को सीधा फायदा मिलेगा। इसके अलावा, भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक गुट) के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने उत्तर प्रदेश के बकाया गन्ना मूल्य का अविलम्ब भुगतान कराया जाने की मांग को सरकार के सामने रखा है। चौधरी धर्मेंद्र मलिक का कहना है कि 14 दिन के अन्दर भुगतान न होने पर विलम्बित भुगतान पर गन्ना मूल्य एवं कमीशन भुगतान हेतु उ.प्र.गन्ना (पूर्ति एवं खरीद विनियमन) अधिनियम 1953 एवं तत्संबंधी नियमावली 1954 में व्यवस्था के अनुसार ब्याज दिलाया जाए। जिसका वायदा चुनावी घोषणा-पत्र में किया गया था। जनपद फतेहपुर में निजी और सहकारी क्षेत्र की नई चीनी मिल स्थापित किए जाए। जनपद बिजनौर की नजीबाबाद, मुजफ्फरनगर की मोरना चीनी मिल की क्षमता और उत्पादन में वृद्धि/जीर्णोंद्धार कराई जाए।
बकाया गन्ना भुगतान करने में अव्वल है यूपी
रिपोर्ट के मुताबिक, योगी सरकार द्वारा पिछले 6 सालों में करीब 2 लाख 11 हजार 350 करोड़ का भुगतान गन्ना उत्पादक किसानों को किया जा चुका है। प्रदेश सरकार का दावा है कि देश में गन्ना उत्पादन किसानों का भुगतान करने में यूपी अन्य सभी राज्यों से आगे है। यूपी सरकार ने गन्ना पेराई सत्र 2022-23 के लिए गन्ना किसानों से 350 रुपए प्रति क्विंटल के रेट से गन्ना की खरीदी की थी। वहीं, सामान्य किस्म के गन्ने के रेट 340 रुपए और क्वालिटी प्रभावित किस्म के गन्ने का रेट 335 रुपये प्रति क्विंटल तक तय किया गया था। इसके अलावा, पिछले पेराई सीजन 2022-23 के बकाया भुगतान करने के लिए योगी सरकार ने 450 करोड़ रुपए की राशि सहकारी चीनी मिलों को जारी की थी। बता दे कि सरकार ने गन्ना बकाया राशि चालू वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट के तहत प्राविधानित धनराशि के सापेक्ष, ऋण के रूप में सहकारी मिलों को स्वीकृत की गई थी। गन्ना किसानों के बकाया भुगतान को लंबित नहीं रखने के लिए सहकारी एवं निजी चीनी मिलों को योगी सरकार ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हुए हैं।
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