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गन्ना पेराई सत्र : इस दिन शुरू होगा गन्ना खरीद का काम, बेचने के लिए यहां करें रजिस्ट्रेशन

गन्ना पेराई सत्र : इस दिन शुरू होगा गन्ना खरीद का काम, बेचने के लिए यहां करें रजिस्ट्रेशन
पोस्ट -02 अक्टूबर 2023 शेयर पोस्ट

गन्ना पेराई सत्र : नवंबर से शुरू होगा गन्ना पेराई का काम, मिल पर गन्ना लाने के लिए भेजा जाएगा मैसेज

Sugarcane Crushing Session : देश में अक्टूबर महीने से नया शक्कर वर्ष शुरू होने जा रहा है। जिसके लिए केंद्र सरकार द्वारा गन्ना सीजन 2023-24 में गन्ने की एफआरपी (Fair and Remunerative Price) को पहले ही बढ़ाया जा चुका है। बता दें कि गन्ने पर एफआरपी (FRP) यानी गन्ना का उचित और लाभकारी मूल्य तय करके चीनी मिलों को गन्ना किसानों को गारंटीड राशि के रूप में देना होता है। इस बीच हरियाणा से खबर निकलकर सामने आ रही है कि राज्य में नवंबर महीने के पहले सप्ताह से गन्ने की पेराई का काम शुरू किया जाएगा। राज्य के सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि राज्य की सभी सहकारी चीनी मिल नवंबर महीने से गन्ने की पेराई का कार्य शुरू कर देंगी। किसानों को बिक्री के लिए गन्ना लाने में परेशानी न हो इसके लिए आवश्यक प्रबंध किए गए हैं। सरकार ने इस वर्ष 2023-24 में गन्ने के पेराई सत्र में गन्ना खरीदी की सूचना मोबाइल पर मैसेज भेजकर करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि किसानों के मोबाईल पर मेसेज आएगा तभी वह पेराई मिल में गन्ना पेराई के लिए लेकर आएंगे। इससे किसानों को गन्ना बेचने में ज्यादा समय तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। आईए इस पोस्ट की मदद से इस पूरी खबर के बारे में विस्तापूर्वक जानते हैं। 

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नवंबर के पहले सप्ताह में शुरू होगी गन्ना पेराई

हाल ही में हरियाणा के सहकारिता मंत्री चंडीगढ़ में राज्य स्तरीय शुगर फेडरेशन सहकारी चीनी मिल के अधिकारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि राज्य की सभी सहकारी चीनी मिल नवंबर के पहले सप्ताह से गन्ने की पेराई का कार्य शुरू कर देंगी। किसानों को बिक्री के लिए गन्ना लाने किसी भी तारीख से बुलाया जा सकता है। गन्ना बिक्री के लिए लाने में ज्यादा समय तक इंतजार न करना पड़े। इसके लिए किसानों के मोबाइज पर मैसेज भेजने का आवश्यक प्रबंध किया गया है। उन्होंने कहा कि चीनी मिल द्वारा किसानों के मोबाइल पर संदेश आएगा तभी किसान गन्ना पेराई के लिए गन्ना लेकर मिल आएंगे। इससे किसानों को गन्ना बिक्री के लिए किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी और उन्हें ज्यादा समय तक इंतजार भी नही करना पड़ेगा। 

सरकार ने रखा 424 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य

सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने जानकारी देते हुए बताया कि राज्य की सभी सहकारी चीनी मिलों में नवंबर माह के पहले सप्ताह से गन्ने की पिराई का काम शुरू कि‍या जाएगा। इस वर्ष 2023-24 में 424 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई तथा 10 प्रतिशत रिकवरी रेट का लक्ष्य हरियाणा सरकार द्वारा रखा गया है। उन्होंने कहा कि चीनी मिलों में किसानों के लिए आवश्यक सुविधाएं मुहैया करवाने की व्यवस्था की गई है। इस वर्ष चीनी मिल में पेराई के लि‍ए गन्ना लाने वाले किसानों के मोबाइल पर मैसेज भेजा जाएगा। जि‍समें उन्हें गन्ना पेराई के लिए गन्ना लेकर आने का तिथि तथा समय दिया जाएगा। इससे उन्हें लाइन में नहीं लगना होगा तथा गन्ना लाने में दिक्कत एवं देरी का सामना भी नहीं करना पड़ेगा। इस साल मिल में पेराई के लिए गन्ना लाने वाले किसानों की सुविधा के लिए केवल 10 रुपये में सस्ते दर पर पौष्टिक एवं गुणवत्ता युक्त आहार मुहैया करवाने की भी व्यवस्था की गई है। 

चीन मिलों की क्षमता और उत्पादन बढ़ाने के प्रयास

संगठनों के प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान डॉ. बनवारी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा चीनी मिलों की क्षमता और उत्पादन बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य की सभी सहकारी चीनी मिलों का कलस्टर बनाकर इथेनॉल प्लांट लगाए जाने की महत्वाकांक्षी योजना क्रियान्वित की जा रही है। जिससे चीनी मिलों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि कई मिलों में रिफाइंड चीनी, बकेटस, कॉम्पैक्ट बायोगैस प्लांट बनाने का कार्य भी किया जा रहा है। ताकि चीनी मिलों की आय को बढ़ाया जा सके। शाहाबाद की चीनी मिल में 100 करोड़ रुपये की लागत से इथेनॉल प्लांट लगाया गया है। इस प्लांट ने कार्य करना आरंभ कर दिया है। पानीपत में भी जल्द ही इथेनॉल प्लांट लगाया जाएगा। इसके अलावा, कैथल व महम चीनी मिल में इथेनॉल प्लांट लगाने की क्षमता 2500 से 3 हजार टीडीसी करना प्रस्तावित है। सहकारिता मंत्री ने यह भी कहा कि किसानों को गन्ने के भुगतान की राशि समय पर मिल सके। इसके लिए राज्य सरकार ने पुख्ता प्रबंध किए हैं। गन्ना किसानों को पिछले सीजन का सभी बकाया भुगतान कर दिया गया है। 

घाटे से उबरने के लिए इथेनॉल उत्पादन पर ध्यान

सहकारिता मंत्री डॉ. बनवारी लाल ने कहा कि राज्य में कुल 16 चीनी मि‍लें हैं, जि‍नमें से 11 सहकारी हैं। इसमें चीनी र‍िकवरी केवल 9.75 फीसदी ही है, जबकि‍ वर्ष 2020-21 के दौरान राज्य की प्राइवेट चीनी मि‍लों में रि‍कवरी 10.24 फीसदी थी। सहकारी मि‍लों पर 5292 करोड़ रुपये का घाटा बताया गया है। जिससे उबरने के लि‍ए चीनी मि‍लें इथेनॉल उत्पादन के साथ बकेटस, कम्पेक्ट बायोगैस, प्रेस मड और गुड आदि बनाने पर ध्यान दे रहे हैं। इस तरह के उत्पाद बनाने से चीनी मिलों की आय बढ़ेगी और घाटे से उबरने में मदद होगी। साथ राज्य में युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। उन्होंने आगे कहा कि हरियाणा की देश के कुल गन्ना उत्पादन में हि‍स्सेदारी केवल 2 फीसदी है। यहां पर किसानों से 372 रुपए प्रति‍ क्वि‍ंटल एसएपी (राज्य परामर्श मूल्य) पर गन्ना खरीदा जा रहा है, जबकि पंजाब में देश का सबसे ज्यादा 380 रुपए प्रति क्वि‍ंटल का गन्ना भाव है। 

पि‍छले साल से कम हुई है गन्ने की बिजाई

हरियाणा की देश के कुल गन्ना उत्पादन में हि‍स्सेदारी केवल 2 फीसदी है। फसल विविधीकरण की वजह से इस बार राज्य में 1,97,581 एकड़ भूमि पर गन्ने की बिजाई की गई है, जो पिछले साल की तुलना में 17 प्रतिशत कम है। इस वर्ष 424 लाख क्व‍िंटल गन्ने की पेराई का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। राज्य में किसानों से 372 रुपए प्रति‍ क्वि‍ंटल एमआरपी पर गन्ना खरीदा जा रहा है, जबकि पंजाब में देश का सबसे ज्यादा 380 रुपए प्रति क्वि‍ंटल का गन्ना भाव है। गन्ने के कुल उत्पादन में उत्तर प्रदेश की 46 प्रतिशत हिस्सेदारी है। गन्ना फसल सीजन 2022-23 में उत्तर प्रदेश में 28.53 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की बिजाई किसानों ने की थी, जबकि महाराष्ट्र में 14.9 लाख हेक्टेयर में गन्ने की बुवाई किसानों ने की थी। पूरे देश में गन्ना उत्पादन का रकबा 62 लाख हेक्टैयर है। इसमें 24 प्रतिशत की हिस्सेदारी के साथ महाराष्ट्र गन्ना उत्पादन में दूसरा राज्य है, जबकि बिहार, कर्नाटक, गुजरात, तमिलनाडु हरियाणा, पंजाब, उत्तराखंड राज्य शेष हिस्सेदारी देश के गन्ना उत्पादन में देते हैं।

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