Mushroom Production Kit : केंद्र एवं सभी राज्यों की सरकारें कृषि तथा इससे जुड़ी गतिविधियों के लिए आर्थिक सहायता व सुविधा प्रदान कर रही है, ताकि किसानों, भूमिहीन लोगों और बेरोजगारों को बेहतर रोजगार प्रदान किया जा सके। इस बीच देश में मशरूम के उत्पादन का चलन तेजी से अपने पैर पसार रहा है, क्योंकि यह पोषक तत्वों से युक्त एक सुपर फुड सब्जी है। इसे फंगी कवक भी कहते हैं। इसका उत्पादन किसान कम क्षेत्र में भी कर सकते है और इससे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। अभी यह भूमिहीन गरीब परिवारों के लिए बेहतर आमदनी का एक अच्छा साधन बन गया है। मशरूम की उपयोगिता और इसमें रोजगार के अच्छे अवसर को देखते हुए बिहार सरकार राज्य में मशरूम के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं चला रही हैं, जो इच्छुक लोगों को लोन तो दे रही है साथ में उस लोन पर अनुदान भी प्रदान कर रही है। इसके अलावा, सरकार इसके उत्पादन किट पर सहायता भी दे रही है। साथ ही शासन ने इन योजनाओं के तहत इच्छुक व्यक्तियों को प्रशिक्षण देने की व्यवस्था भी की है और राज्य के युवाओं को इसके उत्पादन के लिए सब्सिडी पर मशरूम किट उपलब्ध करा रही है। आइए, जानते हैं कि शासन की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी का लाभ कैसे लिया जा सकता है तथा लाभ के लिए आवेदन कहां करना है?
बाजार में मशरूम की मांग में तेजी से बढ़ोतरी हुई है और राज्य के कुछ अलग-अलग स्थानों के किसान कम लागत और कम जगह में मशरूम की खेती से बढ़िया कमाई भी कर रहे हैं। मशरूम की बढ़ती डिमांड को देखते हुए बिहार सरकार इसके उत्पादन क्षेत्र का विस्तार करना चाहती है। इसके लिए बिहार सरकार बगैर खेतिहर भूमि वाले लोगों के लिए मशरूम किट योजना चला रही है। इस योजना से जुड़कर बेरोजगार युवक, युवतियां, किसान व गरीब महिलाएं स्वरोजगार स्थापित कर सकते हैं और कम लागत व कम जगह में इसके उत्पादन से बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं। बिहार सरकार मशरूम उत्पादन किट पर 90 प्रतिशत अनुदान मुहैया करा रही है।
बिहार मशरूम किट योजना के अंतर्गत उद्यानिकी विभाग ने मशरूम की एक किट की लागत 60 रुपए आंकी है, जिस पर लाभार्थी को अधिकतम 90 प्रतिशत या 54 रुपये का अनुदान मिलेगा। इस योजना तहत एक आवेदक को न्यूनतम 25 और अधिकतम 100 उत्पादन किट उपलब्ध कराया जाएगा। एक किट का वजन 5 किग्रा होगा, जिसमें 100 ग्राम हाई क्वालिटी मशरूम के स्पॉन मिलेगा। इस योजना की ख़ास विशेषता यह है कि जिस आवेदक के पास जमीन नहीं होगी तब ही वह योजना का लाभ ले सकता है। योजना का लाभ लेने के लिए आवेदक को प्राधिकृत संस्थान द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त करना अनिवार्य है।
उद्यानिकी विभाग द्वारा पहले आओ-पहले पाओ की तर्ज पर इस योजना का लाभ आवेदकों को दिया जाएगा। योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक व्यक्ति को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। इसके लिए इच्छुक आवेदक को बिहार सरकार की उद्यानिकी विभाग की विभागीय वेबसाइट https://horticulture.bihar.gov.in/ पर जाना है। यहां किसानों को “मशरूम से संबंधित योजना” पर क्लिक करना होगा। इसके बाद आवेदक को मशरूम किट वितरण पर क्लिक करना होगा। आवेदक किसान के पास पहले से कृषि विभाग से प्राप्त डीबीटी संख्या होना आवश्यक है। आवेदन पत्र के साथ मशरूम उत्पादन प्रशिक्षण का प्रमाण-पत्र, किसान रजिस्ट्रेशन, पासपोर्ट साइज फोटो आदि आवश्यक दस्तावेज संलग्न करना होगा। मशरूम किट योजना का लाभ केवल बिहार के रहने वाले सभी वर्ग के किसानों को ही दिया जाएगा।
इच्छुक किसान चाहे, तो खुद या ग्राहक सेवा केंद्र की सहायता से कृषि विभाग, बागवानी निदेशालय, बिहार सरकार की आफिशियल वेबसाइट पर जाकर योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। स्वयं आवेदन के लिए इच्छुक व्यक्ति को सबसे पहले बागवानी निदेशालय की वेबसाइट पर जाना है। यहां सभी योजनाओं का लाभ लेने हेतु आवेदन करें का विकल्प मिलेगा। इसमें मशरूम से संबंधित योजना (2024-25) पर क्लिक करना होगा। इसके बाद मशरूम किट वितरण में आवेदन करें विकल्प पर क्लिक करना है। इसके बाद एक नया पेज खुलेगा जहां सभी दिशा-निर्देशों को पढ़ते हुए अपनी स्वीकृति देनी है। इसके बाद आवेदन के लिए आगे बढ़े विकल्प पर क्लिक करते हुए आगे बढ़ना है। इसके बाद आवेदन का प्रकार और किसान पंजीकरण संख्या दर्ज कर रजिस्ट्रेशन करना है। किसान इस योजना के बारे में अधिक जानकारी अपने जिले के उद्यान विभाग के सहायक निदेशक से संपर्क कर प्राप्त कर सकते हैं।
जानकारी के लिए बता दें कि मशरूम का उत्पादन एक छोटे से कमरे में भी किया जा सकता है। इसके लिए खेत या जमीन की आवश्यकता नहीं पड़ती है। इसमें प्राकृतिक आपदा का जोखिम भी नहीं रहता है। जिनके पास खेती के लिए भूमि नहीं है वे सभी एक छोटे से कमरे या झोपड़ी में मशरूम का उत्पादन कर सकते हैं। कम लागत, कम जगह और कम समय में मशरूम का उत्पादन कमाई का बेहतर जरिया साबित हो रहा है। अन्न के फसलों के तिनकों (गेंहू, मक्का, धान) और गन्ने फसल के अपशिष्टों में मशरूम का उत्पादन किया जा सकता है। वहीं, वर्मी कंपोस्ट, पोल्ट्री अपशिष्ट और कोकोपिट का उपयोग भी मशरूम की खेती के लिए किया जा सकता है। हालांकि, जिस जगह पर इसका उत्पादन कर रहे है वहां बारिश और सूरज की रोशनी नहीं पहुंचनी चाहिए। मशरूम उत्पादन के लिए इसके स्पॉन (मशरूम जीवाणु) सहायक रोगविज्ञानी, मशरूम विकास केन्द्र से हर ब्लॉक के लिए प्राप्त किया जा सकता है।
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