देश के किसानों, पशुपालकों और मछुआरों की आय डबल करने एवं उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए भारत सरकार द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड योजना चलाई जा रही है। इस योजना का उद्देश्य कृषि, मछली पालन और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में किसानों की क्रेडिट जरूरतों को बिना किसी गड़बड़ी के पूरा करना है। केंद्र सरकार किसानों, पशुपालकों और मछुआरों को साहूकारों के चंगुल से मुक्त करने के उद्देश्य से ज्यादा से ज्यादा किसानों, पशुपालकों और मछुआरों तक किसान क्रेडिट कार्ड पहुंचाने की कोशिश में जुटी हुई है। दरअसल किसान, पशुपालक और मछुआरा क्षेत्र से संबंधित लोग जब बैंक में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) बनवाने लिए पहुंचते हैं, तो उनसे बैंक गारंटी के तौर पर जमीन के कागजात मांगे जाते हैं। लेकिन सरकार ने केसीसी बनवाने के लिए ऐसी कोई शर्त/नियम नहीं रखी हैं। इसलिए केसीसी बनवाने एवं केसीसी के तहत कोलेक्ट्रल फ्री (रेहन मुक्त) लोन के लिए अप्लाई करिए। यदि आप केसीसी के तहत सिर्फ 1.6 लाख रुपये तक के लोन उठाने के लिए अप्लाई करेंगे तो बिना कोई गारंटी दिए लोन उठा सकते है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अनुसार सरकार ने अब केसीसी के तहत पशुपालन एवं मछलीपान क्षेत्र को जोड़कर कर केसीसी जारी करने की प्रक्रिया को सरल किया है। अब केसीसी की यह सुविधा मछुआरे और पशुपालक भी उठा सकते हैं। आइए ट्रैक्टरगुरू के इस लेख के माध्यम से सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के माध्यम से जानते हैं कि किसान क्रेडिट कार्ड का फायदा पशुपालक और मछुआरों को कितना मिला है।
सरकार द्वारा फरवरी, 2020 से इसकी कवरेज बढ़ाने के लिए एक विशेष अभियान चलाया गया। इसके तहत 25 फरवरी 2022 तक यह सफलता हासिल की गई है। इस विशेष अभियान के तहत केसीसी प्रोसेस को आसान करने के लिए निम्न बदलाव किये गए हैं। इसमें लघु अवधि के कृषि ऋण के लिए बिना गारंटी के 1.60 लाख रूपए तक केसीसी लोन मछुआरों सहित सभी कार्ड धारकों द्वारा लिया जा सकता है। यह सुविधा पशुओं, पक्षियों, मछली, झींगा, जलीय जीवों को पालने और मछली पकड़ने के लिए लघु अवधि लोन की जरूरतों को पूरा करेगी। केसीसी लोन की यह सुविधा पहले सिर्फ कृषि क्षेत्र के लिए थी और उनकी ब्याज मुक्त सीमा सिर्फ 1 लाख रुपये थी। सरकार द्वारा पहले इसे किसानों के लिए बढ़ाकर 1.60 लाख रुपये किया गया। फिर इसे पशुपालकों और मछुआरों के लिए भी इसे लागू किया गया।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने केसीसी योजना के तहत पिछले दो साल में 2.92 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया है। सरकार द्वारा इस योजना से पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम को जोड़कर केसीसी बनाने का विशेष अभियान चलाया गया। जिसके तहत सिर्फ 2 साल में इतने किसानों को केसीसी का फायदा पहुंचाया गया है। केसीसी का लाभ अधिक से अधिक लोगों को मिले इसके लिए सरकार ने विशेष अभियान भी चलाया। विशेष अभियान के तहत केसीसी प्रोसेस को आसान करने के लिए निम्न बदलाव किये गए। लेकिन इसके बावजूद भी केसीसी का लाभ लेने में किसानों के मुकाबले पशुपालक और मछुआरे काफी पीछे हैं। इसकी मुख्य वजह पशुपालक और मछुआरों में जागरूकता का अभाव और बैंकों के भ्रष्ट अधिकारी है।
केंद्र सरकार की सख्ती के बावजूद बैंकों का माइंडसेट कृषि, पशुपालन और मछली पालन के लिए लोन देने का नहीं है। सरकार द्वारा केसीसी बनवाने के नियमों के बदलाव एवं सभी शुल्क माफ करने के बावजूद ज्यादातर केसीसी बनवाने में बैंक वाले अवैध तरीके से पैसा वसूलते हैं। केंद्र सरकार ने आदेश दिए हैं कि आवेदन पूर्ण होने के दो सप्ताह के भीतर केसीसी जारी करना पड़ेगा। लेकिन ऐसा होता नहीं, बैंक मैनेजरों की मनमानी कायम है। फिलहाल 22 जुलाई तक देश में 3,33,164 पशुपालकों और मछुआरों के किसान क्रेडिट कार्ड बनाए जा चुके हैं।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के अनुसार केसीसी जारी करने की प्रक्रिया को सरल किया गया है। केसीसी के लिए पूरी जानकारी के साथ भरा हुआ आवेदन, पहचान पत्र-जैसे वोटर आईडी, आधार और पैन कार्ड, एफीडेविड, पासपोर्ट साइज फोटो के साथ केसीसी आवेदन पत्र को बैंक की शाखा में जमा करें। केसीसी पूर्ण आवेदन प्राप्त होने के 14 दिनों के भीतर जारी किया जाना है। सरकार ने किसानों की परेशानी को समझते हुए केसीसी आवेदन के लिए बहुत ही सरल फॉर्म सिर्फ एक पेज का विशेष आवेदन पत्र भी तैयार किया गया और बैंकों के साथ साझा किया गया। 3 लाख रूपये तक के लोन के लिए प्रसंस्करण शुल्क, निरीक्षण, बही फॉलियो शुल्क, सेवा शुल्क सहित सभी शुल्क माफ कर दिए गए।
किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए सबसे सस्ता लोन मिलता है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत विशेष क्रेडिट कार्ड किसान को औसतन 4 प्रतिशत ब्याज दर पर राशि उधार लेने के लिए अनुमति देता है। इस पर लिए गए 3 लाख रुपये तक के कृषि लोन की ब्याज दर वैसे तो 9 फीसदी होती है। लेकिन सरकार इसमें 2 फीसदी की सब्सिडी देती है। जबकि समय पर मूल राशि और ब्याज लौटाने पर 3 परसेंट की और छूट मिलती हैं। कुल मिलाकर ईमानदारी और समय पर सरकारी पैसा लौटाने वाले किसानों को यह लोन 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से पड़ता है। केवल यही ही नहीं, किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन के लिए पुनर्भुगतान अवधि भी सुविधाजनक है, जैसे कि यह फसल की कटाई के बाद शुरू हो सकती है। केसीसी लोन का आवेदन करने के लिए आपके पास केसीसी क्रेडिट कार्ड का होना अनिवार्य है।
हम सभी जानते हैं कि सरकार केसीसी के तहत किसानों को कृषि में बढ़ावा देने के लिए आर्थिक सहयोग के लिए उन्हें क्रेडिट कार्ड प्रदान करती है। इस क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसानों को विभिन्न कृषि कार्ये जैसे कि फसल के लिए कर्ज, फार्म ऑपरेटिंग लोन, फार्म ओनरशिप लोन, एग्री बिजनेस लोन, डेयरी प्लस लोन ब्रॉइलर प्लस स्कीम, मछलीपालन लोन, हॉर्टिकल्चर लोन, फार्म स्टोरेज फेसिललिटीस और वेयरहाउसिंग लोन, माइनर इरिगेशन स्कीम और लैंड पर्चेज स्कीम आदि कृषि से संबंधित कार्यों के लिए लोन बेहद आसान ब्याज दर पर मिलते हैं।
किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से किसान, पशुपालक और मछुआरे बेहद कम ब्याज दर पर अधिकतम तीन लाख रुपये तक का लोन आसानी से उठा सकते हैं। किसान क्रेडिट कार्ड पांच सालों के लिए वैध होता है। केसीसी के माध्यम से आप कई बैंक जैसे बैंक ऑफ इंडिया, एक्सिस बैंक, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, नेशनल पेमेंट्स कॉपरपोरेशन ऑफ इंडिया और भी कई अन्य बैंक से लोन प्राप्त कर सकते हैं।
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