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खाद सब्सिडी के लिए किसान को मिलेंगे सरकार से 1.08 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी, अभी करें आवेदन

खाद सब्सिडी के लिए किसान को मिलेंगे सरकार से 1.08 लाख करोड़ रुपए की सब्सिडी, अभी करें आवेदन
पोस्ट -23 मई 2023 शेयर पोस्ट

किसानों के लिए बड़ी खुशखबरी, खरीफ सीजन के लिए नहीं बढ़ेगा खाद का रेट 

फर्टिलाइजर्स पर सब्सिडी : अगले महीने जून से पूरे भारत में खरीफ सीजन की शुरूआत हो जाएगी। किसान खरीफ फसलों की बुवाई की तैयारी में लग जाएंगे। ऐसे में केंद्र सरकार ने खाद पर सब्सिडी को घटाने का ऐलान किया है। बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस फैसले को मंजूर किया गया है। मंत्रिमंडलीय समिति के फैसलों की जानकारी देते हुए रसायत एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि खाद पर सब्सिडी को कम करने से खाद के दामों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। किसानों को खरीफ सीजन के लिए अब भी यूरिया, डीएपी, एनपीके और एमओपी खाद पुराने रेट पर ही मिलेगी। केंद्र सरकार खरीफ के लिए 1.08 लाख करोड़ रुपये की खाद की सब्सिडी देगी। केंद्र सरकार के इस फैसले से देश के लगभग 12 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचेगा। आईए ट्रैक्टर गुरू के इस लेख के माध्यम से पूरी खबर के बारे में डिटेल से जानते हैं। 

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रसायत एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने दिया भरोसा दिलाया 

मीडिया को जानकारी देते हुए रसायन एवं उर्वरक मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक की गई। इस कैबिनेट बैठक में उनके साथ केंद्रीय सूचना प्रोद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव भी उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि इस कैबिनेट बैठक में खाद पर सब्सिडी घटाने का फैसला करते हुए खाद की कीमतों को नहीं बढ़ाने का फैसला मंत्रिमंडल द्वारा लिया गया है। मंत्री मनसुख मंडाविया ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि खरीफ के सीजन में उर्वरकों  की कीमतें नहीं बढ़ेंगी। इस साल इंटरनेशनल मार्केट में उर्वरकों के दाम कम हैं, जिसकी वजह से खाद की सब्सिडी में कुछ कमी हो सकती है। हालांकि‍ दाम बढ़ने पर सरकार सब्सिडी बढ़ाकर उसका असर किसानों पर नहीं आने देगी। उन्होंने कहा कि पहले मुश्किल से खाद सब्सिडी सवा लाख करोड़ रुपये के आस-पास थी। जबकि, पछिले साल पूरी दुनिया में खाद के दाम बढ़े, जिससे सरकार को सब्सिडी बढ़ानी पड़ी। लेकिन केंद्र सरकार ने खाद पर बढ़े दामों का बोझ किसानों पर नहीं आने दिया। इसके साथ सरकार ने अप्रैल से सितंबर की अवधि में दी जाने वाली खाद सब्सिडी का विवरण जारी कर दिया है। 

उर्वरकों सब्सिडी पर केंद्र सरकार कुल 1.08 लाख करोड़ रुपए देगी

केंद्र मंत्री ने कहा कि उर्वरक सब्सिडी कम करने पर भी उर्वरकों के दामों पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। किसानों को खरीफ सीजन 2023-24 के लिए भी पुराने दामों पर ही यूरिया, डीएपी, एनपीके और एमओपी मिलेगी। खरीफ सीजन 2023-24 के लिए केंद्र सरकार अकेले ही उर्वरक पर कुल 1. 08 लाख करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी  देगी। इसमें यूरिया के लिए  70000 करोड़ रुपये की सब्सिडी और डीएपी तथा अन्य उर्वरकों के लिए 38000 करोड़ रुपए की सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव पर केंद्रीय मंत्रिमंडल समिति ने अपनी सहमति दे दी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में खाद के रॉ मैटीर‍ियल की बढ़ते दामों के बावजूद भी केंद्र सरकार ने कभी किसानों पर उसका असर नहीं पड़ने दिया। उन्होंने कहा कि रॉ मैटीर‍ियल की बढ़ते दामों के कारण पिछले साल उर्वरक सब्सिडी 2.54 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गई थी। 

खरीफ की खेती करने वाले 12 करोड़ किसानों को सीधा लाभ

केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री ने बताया कहा कि सरकार के इस फैसले से सीधा लाभ खरीफ की खेती करने वाले 12 करोड़ किसानों को सीधे तौर से होगा। सब्सिडी विवरण के अनुसार खाद सब्सिडी पर सरकार प्रति किसान 21,233 रुपये दे रही है। उन्होंने कहा कि देश में सालाना लगभग 350 लाख मीट्रिक टन यूरिया खाद और 125 लाख मीट्रिक टन डीएपी की जरूर होती है। इसी प्रकार 125 लाख मीट्रिक टन एनपीके तथा 50 लाख एमओपी की आवश्यता पड़ती है, जो रबी और खरीफ दोनों सीजन की डिमांड है। अप्रैल से सितंबर खरीफ सीजन तथा अक्टूबर से मार्च रबी सीजन होता है। केंद्र की पूरी कोशिश कर रही है कि खाद के बढ़ते दामों का बोझ किसानों पर न पड़े। मनसुख मांडव‍िया ने कहा कि इस खरीफ सीजन की मांग को पूरा करने के लिए हमारे पास पर्याप्त स्टॉक है। इसलिए किसानों को उर्वरकों को लेकर कोई चिंता करने की जरूरत नहीं है। सरकार के पास 75 लाख मीट्रिक टन यूरिया, 36 लाख मीट्रिक टन डीएपी और 45 लाख मीट्रिक टन एनपीके और एमओपी स्टॉक में मौजूद है। खरीफ फसलों के उत्पादन बढ़ाने के लिए किसानों को उनकी जरूरतों के अनुसार पर्याप्त खाद मिल सकेगी। 

खादों पर दी जा रही सब्सिडी 

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उर्वरकों पर न्यूट्रेंट बेस्ड सब्सिडी में 35.36 प्रतिशत घटाई है, जिसमें यूरिया, पोटाश, फॉस्फेट और सल्फर तक पर मिलने वाली सब्सिडी में कमी करने का अनुमान लगाया गया था। इसलिए सरकार ने साफ करते हुए कहा है कि उवर्रकों की रिटेल दामों पर कोई असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2022-23 में यूरि‍या के प्रति‍ बैग पर 2126 रुपए की सब्सिडी दी, जबकि‍ किसान को 267 रुपए में यूरिया का बैग मिल रहा है। इसी तरह डीएपी की अंतरराष्ट्रीय बाजार में वर्तमान की कीमत लगभग 4000 रुपए प्रति‍ बैग है, जिस पर सरकार 2461 रुपए की सब्सि‍डी दे रही है। किसानों को डीएपी बाजार में  1350 रुपए प्रति बैग मिल रहा‍ है। एनपीके पर 1639 रुपए प्रति बैग और एमओपी पर 734 रुपए प्रति बैग सरकार सब्सिडी दे रही है। जानकारी के लिए बता दें कि खरीफ की फसल में धान की बुवाई होती है, जिसके लिए भारी मात्रा में उर्वरकों का प्रयोग होता है। इसके अलावा, दूसरी मुख्य फसल तिलहन के लिए भी उर्वरकों की भारी जरूरत होती है।

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