किसानों को कृषि क्षेत्र से बेहतर लाभ मिले इस कोशिश में केन्द्र सरकार समय-समय पर किसानों के लिए हर संभव प्रयास करती है। जिससे किसान खेती-बाड़ी से अच्छा लाभ अर्जित कर सके। क्योंकि कृषि क्षेत्र देश के अर्थव्यवस्था का मुख्य जरिया है। वर्तमान समय में सरकार भी कृषि क्षेत्र के विकास के लिए किसानों को बहुत से अवसर प्रदान कर रही है। कृषि के विकास के लिए सरकार नई नई योजनाएं लेकर आती है। देश के किसानों को खेती-बाड़ी से अच्छा लाभ मिल सके एवं उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो सके इस क्रम में केन्द्र सरकार ने एक अहम घोषणा की है। केन्द्र सरकार इस बार देश के करोड़ों किसानों को राहत देते हुए खरीफ फसल की बुवाई से पहले ही इनके न्यूनतम समर्थन मूल्य की घोषणा कर दी है ताकि किसान एमएसपी के आधार पर बुवाई के लिए फसलों का चयन कर सके। बता दें कि केन्द्र सरकार ने यह फैसला कृषि में बढ़ती लागत और महंगाई की मार झेल रहे देश के करोड़ों किसानों को राहत देने के लिए किया है। इतना ही नहीं इस बार सरकार ने खरीफ फसलों के एमएसपी पर भारी बढ़ोतरी की है। इससे देशभर के करोड़ों किसानों को लाभ होगा।
इस खरीफ सीजन 2022-23 में किसानों को फसल का अधिक मूल्य प्राप्त हो सकेगा। बता दें कि बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सरकार ने फसल वर्ष 2022-23 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 4 से 9 प्रतिशत की वृद्धि की है। इस वर्ष केंद्र सरकार ने धान के एमएसपी मूल्य में 100 रूपये की बढ़ोतरी के साथ 2,040 रूपये प्रति क्विंटल कर दिया है। केन्द्र सरकार ने अलग-अलग फसलों के दामों में 92 रुपए से लेकर 523 रुपए प्रति क्विंटल तक की बढ़ोतरी की गई है। इससे किसानों को उत्पादन लागत पर 50-85 प्रतिशत का मुनाफा मिलेगा। सरकार का यह कदम, धान के रकबे में वृद्धि करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने और उनकी आय बढ़ाने के ध्येय से प्रेरित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने फसल वर्ष 2022-23 के लिए सभी तयशुदा 14 खरीफ फसलों के लिए एमएसपी में वृद्धि को मंजूरी दी है। ट्रैक्टरगुरू की इस पोस्ट के माध्यम से खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में हुई बढ़ातेरी के बारें में विस्तृत जानकारी देने जा रहे है।
केन्द्र सरकार ने वर्ष 2022-23 के लिए खरीफ फसलों के एमएसपी में वृद्धि की है, ताकि उत्पादकों को उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित किया जा सके और फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित किया जा सके। कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसले की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया, बुवाई के समय एमएसपी की जानकारी हो जाने से किसानों का मनोबल भी बढ़ता है और उन्हें फसल के दाम भी अच्छे मिलते हैं। अनुराग ठाकुर ने बताया कि इस बार खरीफ की सभी 14 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की गई है। खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि के तहत धान (सामान्य), धान (ग्रेड ए), ज्वार (हाइब्रिड), ज्वार (मालदंडी), बाजरा, रागी, मक्का, तूर (अरहर), मूंग, उड़द, मूंगफली, सूरजमुखी के बीज, सोयाबीन (पीला), तिल, रामतिल के अलावा सरकार ने कॉटन (मीडियम फाइबर), कॉटन (लॉन्ग फाइबर) पर एमएसपी बढ़ा दिया है। सीसीईए के निर्णय के अनुसार, 14 खरीफ फसलों के एमएसपी को 92-523 रुपये प्रति क्विंटल के दायरे में बढ़ाया गया है। तिल में अधिकतम 523 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि सबसे कम 92 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी मक्का के मामले में की गई है।
मीडिया को जानकारी देते हुए, सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार ने ‘बीज से बाजार तक’ से लेकर अन्य कई पहल की हैं, जिससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि खरीफ फसलों की बुवाई से पहले एमएसपी वृद्धि की घोषणा से किसानों को आगे मिलने वाली कीमत के बारे में संकेत मिलेगा और उन्हें यह तय करने में मदद मिलेगी कि कौन सी फसल उगानी है। उन्होंने कहा कि इस बार धान के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 100 रूपए की बढ़ोतरी साथ धान का समर्थन 2040 रूपए प्रति क्विटल हो गया है। जो पिछली बार के समर्थन मूल्य से 100 रूपये अधिक है। धान के समर्थन मूल्य पर 100 रूपये की बढ़ोतरी से किसानों का मनोबल भी बढ़ा है। समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी से अब धान किसानों को उत्पादन लागत पर 50 से 85 प्रशित का अधिक लाभ मिलेगा। धान का गतवर्ष समर्थन मूल्य 1940 रूपये प्रति क्विटल था। जानकारी के लिए बता दें कि खरीफ फसलों में धान प्रमुख है। धान की खेती देश के 36.95 मिलियन हेक्टेयर भू-भग पर की जाती है। इसमें देश के पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलांगाना, पंजाब, उड़ीसा, बिहार व छत्तीसगढ़ सहित कई अन्य राज्यों में इसकी खेती प्रमुखता से की जाती है। उन्होंने कहा इस बार धान समर्थन मूल्य में वृद्धि से देश में धान के रकबे में वृद्धि की उम्मीद है।
कैबिनेट की बैठक में लिए गए फसल वर्ष 2022-23 खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य वृद्धि फैसले की जानकरी देते हुए बताया कि इस बार खरीफ की सभी 14 फसलों और उनकी वैरायटीज सहित 17 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में वृद्धि की गई है। सरकार ने यह कदम फसल विविधीकरण को प्रोत्साहित करने एवं उत्पादकों की उनकी उपज के लिए लाभकारी मूल्य सुनिश्चित करने हेतु उठाया है। तो आइए जान लेते हैं सरकार ने किस खरीफ फसल पर कितनी एमसएपी बढ़ाई गई है।
फसल वर्ष 2022-23 खरीफ फसलों की प्रमुख धान और बाजरा के एमएसपी में 100 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि अरहर, उड़द के एमएसपी में 300 रूपये प्रति क्विंटल, और मूंग के एमएसपी पर 480 रूपये प्रति क्विंटल, मूंगफली के एमएसपी में 300 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की गई है।
धान की सामान्य किस्म का एमएसपी फसल वर्ष 2022-23 के लिए पिछले वर्ष के 1,940 रुपये से बढ़ाकर 2,040 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। इसमें धान की ‘ए’ ग्रेड किस्म का समर्थन मूल्य 1,960 रुपये से बढ़ाकर 2,060 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
वाणिज्यिक फसलों में, कपास का एमएसपी, मध्यम स्टेपल किस्म के लिए गतवर्ष के 5,726 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 6,080 रुपये कर दिया गया है, जबकि कपास की लंबी स्टेपल किस्म के लिए एमएसपी को 6,025 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 6,380 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
दलहन में अरहर का एमएसपी पिछले साल के 6,300 रुपये से बढ़ाकर 6,600 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि मूंग का एमएसपी 7,275 रुपये से बढ़ाकर 7,755 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। उड़द का एमएसपी बढ़ाकर 6,600 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि पिछले साल यह 6,300 रुपये प्रति क्विंटल था।
मोटे अनाज में, मक्के का एमएसपी गतवर्ष के 1,870 रुपये से बढ़ाकर 1,962 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि रागी के लिए समर्थन मूल्य अब 3,578 रुपये प्रति क्विंटल है, जो गतवर्ष 3,377 रुपये था।
बाजरा का एमएसपी 2,250 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2,350 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
ज्वार (संकर) का एमएसपी इस वर्ष 2,738 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2,970 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है, जबकि ज्वार (मालदानी) के लिए समर्थन मूल्य को 2,758 रुपये से बढ़ाकर 2,990 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
नाइजरसीड का एमएसपी फसल वर्ष 2022-23 में बढ़कर 7,287 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है, जो गतवर्ष 6,930 रुपये प्रति क्विंटल था।
तिलहनों में सोयाबीन का एमएसपी गतवर्ष के 3,950 रुपये से बढ़ाकर 4,300 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है, जबकि सूरजमुखी के बीज के लिए समर्थन मूल्य 6,015 रुपये से बढ़ाकर 6,400 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। इसकी प्रकार मूंगफली का समर्थन मूल्य गतवर्ष के 5,550 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 5,850 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
अनुराग ठाकुर ने बताया कि फसल वर्ष 2022-23 के लिए खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में बढ़ोत्तरी से किसानों को उत्पादन लागत पर 50-85 प्रतिशत का लाभ मिलेगा। उन्होने कहा कि आठ फसलों का एमएसपी उत्पादन लागत से 1.5 गुना अधिक है, जबकि शेष छह फसलों के समर्थन मूल्य में वृद्धि 51-85 प्रतिशत के बीच है। मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि पिछले कुछ वर्षों में तिलहन और दलहन के एमएसपी में वृद्धि से देश की आयात निर्भरता को कम करने में मदद मिली है। गेहूं, धान, कुछ तिलहन और दलहन की खरीद में भी तेज वृद्धि हुई है। किसानों की आय बढ़ाने और कृषि क्षेत्र के व्यापक विकास को सुनिश्चित करने के लिए मोदी सरकार द्वारा गत आठ वर्षों के दौरान शुरू किए गए कई कार्यक्रमों पर भी प्रकाश डाला। उन्होने कहा कि फसल उत्पादन में बीज से बाजार तक से लेकर सभी मिश्रित खर्च और पारिवारिक श्रम के मूल्य को शामिल किया गया है।
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