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कृषक दुर्घटना कल्याण योजना : सड़क दुर्घटना पर किसानों को मिलेगी 5 लाख रुपए की मदद

कृषक दुर्घटना कल्याण योजना : सड़क दुर्घटना पर किसानों को मिलेगी 5 लाख रुपए की मदद
पोस्ट -12 सितम्बर 2023 शेयर पोस्ट

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना : दुर्घटना का शिकार होने पर 5 लाख रुपए की आर्थिक मदद

Farmer Accident Insurance Scheme : खेती में फसलों की बुवाई से लेकर पैदावार को मंडी तक पहुंचाने की प्रक्रिया में किसानों को बहुत जोखिम भरा काम करना पड़ता है। इसमें फसल बुवाई के लिए खेतों को तैयार करते समय दुर्घटना, फसलों की देख-रेख के दौरान प्राकृतिक आपदा या जंगली जानवरों का हमला, कृषि मशीनों (agricultural machines) की चपेट में आने से दुर्घटना, पैदावार को बाजारों में बेचने के लिए पहुंचाते वक्त सड़क दुर्घटना का अंदेशा हमेशा बना रहता है। हर साल बड़ी संख्या में किसान इन हादसों का शिकार होते हैं। इससे किसानों को जान-माल की हानि जैसी स्थिति का सामना करना पड़ता है। कई बार तो दुर्घटना के दौरान किसान (Farmer) की मृत्यु तक हो जाती है। जिससे पीड़ित परिवार को आजीविका चलाने में काफी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस प्रकार की समस्या को देखते हुए यूपी की योगी सरकार अपने राज्य के किसानों के लिए “मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना’’ (Chief Minister Farmer Accident Welfare Scheme ) को संचालित कर रही है। जिसके तहत किसानों को किसी भी दुर्घटना (Accident) का शिकार होने की स्थिति में पीड़ित किसानों (Distressed Farmers) के परिवार को प्रदेश सरकार द्वारा सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाती है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना बीमा योजना प्रदेश के किसानों के लिए काफी अहम साबित हो रही है। इस योजना के तहत राज्य के कृषकों को आर्थिक रूप से मजबूत होने में मदद मिल रही है। आईए इस पोस्ट की मदद से इस पूरी योजना के बारे में विस्तारपूर्वक जानते हैं। 

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पीड़ित किसान परिवारों को 5 लाख रुपए तक का मुआवजा

उत्तर प्रदेश के किसानों को सामाजिक सुरक्षा देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने 21 जनवरी 2020 में “’मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना”’ को लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत प्रदेश के किसी किसान की दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है, तो उसके परिवार को सरकार द्वारा 5 लाख रुपए तक का बीमा क्लेम दिया जाएगा। इसके अलावा, दुर्घटना में 60 फीसदी से अधिक दिव्यांगता पर पीड़ित को अधिकतम 2 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने का प्रावधान किया गया है। इस योजना का संचालन जिलाधिकारियों के माध्यम से किया जाता है। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अंतर्गत जो किसान 14 सितंबर  2019 के बाद किसी दुर्घटना में शिकार हुए हैं उन्हें इस योजना में आर्थिक सहायता दी जाती है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा इस योजना के अंतर्गत पिछले 6 साल में किसानों को आर्थिक सहायता के रूप में 9 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। सरकार द्वारा किसानों को सामाजिक सुरक्षा तौर पर 2017 से 2023 में 2335 करोड़ रुपये की मदद राशि प्रदान की जा चुकी है। इससे पहले दुर्घटना का शिकार हुए किसानों को 2012 से 2017 के बीच में सरकार द्वारा 252 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता राशि दी गई थी।

इन दुर्घटनाओं का शिकार होने पर प्रदान किया जाता लाभ

यूपी सरकार द्वारा मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना चलाई जा रही है। इसके तहत किसी किसान की दुर्घटना में आकस्मिक मृत्यु हो जाती है, या 60 प्रतिशत से अधिक विकलांगता से पीड़ित सभी किसानों/ किसान परिवारों को मुआवजा (compensation) दिया जाता है। यदि किसान की आग लगने, बाढ़, बिजली गिरने, करंट लगने, सर्पदंश, जीव-जंतु एवं जानवर के आक्रमण से आकस्मिक मौत हो जाती है या दिव्यांगता का शिकार हो जाते हैं, तो उन्हें सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाता है। योजना के तहत आतंकवादी हमला, लूट-डकैती, हत्या या मारपीट के दौरान दुर्घटना का शिकार हुए किसानों को आर्थिक सहायता दी जाती है। वहीं, पोखर, कुएं, तालाब, झील, नदी, समुद्र में डूबने, रेल ,सड़क और हवाई यात्रा के दौरान होने वाली दुर्घटना, आंधी-तूफान, वृक्ष से गिरने, दबने व मकान गिरने, आकाश से बिजली गिरने, आग लगने, बाढ़ आदि जैसी प्राकृतिक आपदा का शिकार होने पर किसान एवं किसान परिवारों को सरकार की ओर से मुआवजा दिया जाता है। 

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में पात्र किसान 

किसानों की आजीविका का एक मात्र साधन खेती-किसानी है। यदि कृषि के दौरान किसानों की किसी आकस्मिक दुर्घटना में मृत्यु हो जाती है या दुर्घटना का शिकार हुए किसानों का शरीर 35 से 60 प्रतिशत से अधिक दिव्यांग हो जाता है, तो किसान या उनके परिवार को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाती है।  मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत राज्य के सभी छोटे और मध्यम किसानों को लाभ दिया जाता है। इस योजना का लाभ 18 से 70 वर्ष के बीच की आयु के किसानों को प्रदान किया जाता है। अगर किसी किसान के पास स्वयं की कृषि योग्य भूमि नहीं और वह किसी और की जमीन पर बटाई तथा पट्टे पर खेती करता है और उसकी किसी दुर्घटना के कारण मृत्यु या विकलांगता होने पर उनके आश्रितों को भी मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना का लाभ प्रदान किया जाता है। इस योजना के पात्र वे किसान पात्र होंगे जो राज्य की खतौनी में दर्ज खातेदार/सह खातेदार हैं और दुर्घटना में मृत्यु अथवा विकलांगता के शिकार हो जाते हैं और उनके माता-पिता, पति-पत्नी, पुत्र-पुत्री, पुत्र वधु, पौत्र-पोत्री की जीविका का प्रमुख साधन कृषि है। 

इन महत्वपूर्ण दस्तावेजों की होती है जरूरत 

मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना में आवेदन करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेजों की जरूरत होती है, जो इस प्रकार हैः-

  • जमीन की प्रमाणित खतौनी की प्रति
  • रजिस्टर्ड निजी पट्टेदार हेतु प्रस्तर-3 (क) के अनुसार पट्टे की प्रमाणित प्रति
  • बटाईदार हेतु प्रस्तर-3 (ख) के अनुसार कोई एक प्रमाण पत्र।
  • आयु का प्रमाण के लिए हाईस्कूल प्रमाण-पत्र, परिवार रजिस्टर की प्रति, निवास का प्रमाण, वोटर आई.डी. कार्ड, पोसापोर्ट, आधार कार्ड आदि 
  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट अथवा जहां पर पोस्टमार्टम संभव नहीं है वहां पर पंचनामा
  • मृत्यु प्रमाण पत्र
  • दिव्यांगता की स्थिति में मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा जारी प्रमाण पत्र
  • उत्तराधिकार प्रमाण पत्र (केवल विवादित उत्तराधिकार की दशा में)
  • बैंक पासबुक की प्रति
  • मोबाइल नंबर आदि प्रमाणित दस्तावेज

यहां प्रस्तुत करे आवेदन

किसान की दुर्घटनावश मृत्यु या दिव्यांगता होने पर, किसान/विधिक वारिस/वारिसों को आवेदन पत्र निर्धारित प्रमाण पत्रों/प्रपत्रों को पूर्ण कराकर, दो प्रतियों- मूल प्रति एवं छाया प्रति में अधिकतम 45 दिन की अवधि में संबंधित तहसील कार्यालय में प्रस्तुत करना होता है। आवेदन पत्र प्रस्तुत करने के लिए लाभार्थी किसान कृषक दुर्घटना कल्याण योजना की आधिकारिक वेबसाइट से आवेदन फॉर्म डाउनलोड कर सकते हैं। वहीं, किसान/ विधिक वारिस को जिला कलेक्टर के पास जाकर वहां से आवेदन पत्र प्राप्त करके उसमें पूछी गई सभी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे कि नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि, पता, दिनांक, थाना, तहसील, जनपद, दुर्घटना का कारण आदि से संबंधित जानकारी दर्ज आवेदन पत्र तहसील में प्रस्तुत करना होगा।

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