ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई यंत्रों पर किसानों को मिलेगी सरकार से 75% सब्सिडी, जानें क्या है योजना

पोस्ट -25 सितम्बर 2023 शेयर पोस्ट

इन कृषि यंत्रो से करें खेतों की सिंचाई, सरकार से मिलेगी 75% तक सब्सिडी 

कृषि विभाग, राजस्थान सरकार की ओर से ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई संयंत्रों पर किसानों को सब्सिडी दी जाती है। इसके लिए राज्य और केंद्र संचालित विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत किसानों से आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। इच्छुक किसान इन सिंचाई संयंत्रों पर अनुदान का लाभ लेने के लिए राज किसान साथी पोर्टल https://rajkisan.rajasthan.gov.in/ पर आवेदन कर सकते  हैं।

Micro Irrigation Rajasthan : कृषि क्षेत्र का विकास और कृषि उत्पादकता में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए देशभर में खेती के पैटर्न में बदलाव आ रहे हैं। जिससे कृषि उत्पादकता के साथ-साथ किसानों की आय में भी वृद्धि होती दिखाई दे रही है। ऐसे में राजस्थान के किसानों ने भी खेती के पुराने पैटर्न बदले हैं। प्रदेश के किसान खेती में आधुनिक कृषि मशीनों एवं कम पानी में बेहतर फसल उत्पादकता हासिल करने के लिए सिंचाई में सूक्ष्म सिंचाई (Micro Irrigation) संयंत्रों का इस्तेमाल करते रहे हैं। प्रदेश के किसान अब खेतों की सिंचाई के लिए पहले की तरह खेतों में खुला पानी नहीं छोड़ते हैं, बल्कि सिंचाई  के लिए ड्रिप, स्प्रिंकलर और मिनी स्प्रिंकलर जैसे सूक्ष्म सिंचाई संयंत्रों (माइक्रो इरिगेशन) का इस्तेमाल कर रहे हैं। जिसके परिणामस्वरूप यहां के किसानों को कम पानी खपत में अच्छा फसल उत्पादन भी प्राप्त हो रहा है। वहीं, राजस्थान सरकार इन माइक्रो इरिगेशन संयंत्रों पर भारी सब्सिडी भी प्रदान करती है। जिससे राज्य के अधिक से अधिक किसान इन संयंत्रों को अपनाने में दिलचस्पी दिखा सके। राजस्थान सरकार ने दावा किया है कि राज्य स्प्रिंकलर, मिनी स्प्रिंकलर और ड्रिप सिंचाई संयंत्र को बढ़ावा देने में देश के टॉप राज्यों में शुमार है। आईए, इस पोस्ट की मदद से जानते हैं कि प्रदेश की गहलोत सरकार ने बीते साढ़े चार साल के कार्यकाल में राजस्थान के कितने खेतों में सिंचाई संयंत्र स्थापित किए गए और कितने खेत इससे सिंचित हो रहे हैं?

कितने किसानों के खेतों में स्थापित हुए सिंचाई संयंत्र

देश के सभी खेतों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिले, इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा “प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई (अटल भूजल) योजना” को संचालित किया जा रहा है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि कृषि के सेक्टर में भूमिगत जल के दोहन को कम करके कम पानी से अधिक से अधिक खेतों की सिंचाई की जा सके। पानी की एक-एक बूंद का सही प्रयोग कर कृषि उत्पादकता में वृद्धि कर किसानों की आय बढ़ाई जा सके। देश में लगभग सभी राज्यों की सरकारें “प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना(Prime Minister Agricultural Irrigation Scheme) को अपने-अपने राज्य में लागू कर ड्रिप सिंचाई, मिनी स्प्रिंकलर, पोर्टेबल स्प्रिंकलर एवं स्प्रिंकलर जैसे सूक्ष्म सिंचाई संयंत्रों पर तय प्रावधानों के अनुरूप निर्धारित प्रतिशत दर से किसानों को अनुदान देती है। इन राज्यों में राजस्थान भी शामिल है। राजस्थान की सरकार योजना के तहत ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक को बढ़ावा दे रही है। इन माइक्रो इरिगेशन संयंत्रों को खेतों में लगाने पर किसानों को सब्सिडी दे रही है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक राजस्थान में 5 लाख 33 हजार 668 हैक्टेयर क्षेत्र में किसान सिंचाई के लिए ड्रिप सिंचाई, मिनी स्प्रिंकलर और पोर्टेबल स्प्रिंकलर तकनीक का इस्तेमाल कर रहे हैं और 50-60 प्रतिशत तक पानी की बचत कर खेती से 35 से 50 प्रतिशत तक अधिक उत्पादन प्राप्त कर रहे हैं।  

बीते साढ़े चार साल में ड्रिप और स्प्रिंकलर पर 818.60 करोड़ रुपये की सब्सिडी

राजस्थान सरकार, कृषि विभाग (Government of Rajasthan, Agriculture Department) द्वारा जारी आंकड़ों की मानें तो गत साढ़े चार साल के दौरान राज्य के 3,79,472 किसानों ने योजानान्तंर्गत ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर और स्प्रिंकलर सिंचाई संयंत्र अपने खेतों में स्थापित किए हैं। इसके लिए प्रदेश सरकार द्वारा योजना के तहत 1 हजार 71 करोड़ 49 लाख रुपए की धनराशि सब्सिडी के रूप में किसानों को प्रदान की गई है। वहीं, इन सिंचाई संयंत्रों के माध्यम से प्रदेश में 5 लाख 33 हजार 668 हैक्टेयर भूमि सिंचित  हो रही  है।आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान सरकार (Government of Rajasthan) द्वारा अकेले अपनी ओर से स्प्रिंकलर पर 252. 89 करोड़ रुपए और ड्रिप सिंचाई संयंत्र पर 818.60 करोड़ रुपए की सब्सिडी किसानों को दी जा चुकी है। 

किसानों को इतनी मिलती है सब्सिडी

राजस्थान का लगभग 55 प्रतिशत क्षेत्र रेगिस्तानी या सूखा है। यहां भूमिगत जल का स्तर भी काफी नीचे है और पानी के कोई प्राकृतिक स्त्रोत भी उपलब्ध नहीं है। जिसके चलते यहां कृषि क्षेत्र के लिए पर्याप्त पानी किसानों को उपलब्ध नहीं हो पाता है। पानी की कमी के कारण राज्य के अधिकांश हिस्सों के किसान हर साल संघर्ष करते हैं। ऐसे में यहां ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर एवं स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक का महत्व बढ़ जाता है, क्योंकि इस तरह की सिंचाई तकनीक में कम पानी खपत में अधिक क्षेत्र की सिंचाई आसानी से हो जाती है। इसीलिए यहां सरकार की ओर से ड्रिप, स्प्रिंकलर और मिनी स्प्रिंकलर सिंचाई पद्धति अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसके लिए किसानों को इन संयंत्रों पर अच्छी खासी सब्सिडी के रूप में आर्थिक सहायता दी जाती है। ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर एवं स्प्रिंकलर तकनीक खेतों में स्थापित करने पर राजस्थान सरकार की ओर से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, लघु, सीमांत और महिला किसानों को इकाई लागत पर 75 प्रतिशत और अन्य सामान्य वर्ग के सभी किसानों को इकाई लागत पर 70 प्रतिशत तक का अनुदान दिया जाता है। इसके लिए राजस्थान सरकार, कृषि विभाग द्वारा समय-समय पर लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं। 

माइको इरिगेशन सिंचाई संयंत्रों पर अनुदान के लिए इस तरह करें आवेदन

कृषि विभाग, राजस्थान सरकार की ओर से ड्रिप एवं स्प्रिंकलर सिंचाई संयंत्रों पर किसानों को सब्सिडी उपलब्ध करवाई जाती है। इसके लिए राज्य और केंद्र संचालित विभिन्न सरकारी योजनाओं के तहत लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं। इन लक्ष्यों के विरूद्ध राज्य के किसानों से इन संयंत्रों के लिए समय-समय पर आवेदन भी आमंत्रित किए जाते हैं। सूक्ष्म सिंचाई संयंत्रों पर सब्सिडी का लाभ लेने के लिए किसान के पास कम से कम 0.2 हेक्टेयर सिंचाई योग्य कृषि भूमि होनी चाहिए। इसके अलावा, आवेदक किसान राज्य का मूल निवासी होना चाहिए। आवेदक के पास योजना में आवेदन करने के लिए 6 माह पुरानी जमाबन्दी नकल, आधार कार्ड/जनाधार कार्ड, सिंचाई स्त्रोत प्रमाण पत्र, मृदा और जल जांच रिपोर्ट एवं आपूर्तिकर्ता का कोटेशन आदि दस्तावेजों का होना अनिवार्य है। बिना इनके आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा। 

राजस्थान कृषि विभाग द्वारा सिंचाई संयंत्रों पर अनुदान देने के लिए आवेदन राज किसान साथी पोर्टल (Raj Kisan Sathi Portal)  https://rajkisan.rajasthan.gov.in/  पर मांगे जाते हैं। जिसके तहत पात्र इच्छुक व्यक्ति अपने क्षेत्र के नजदीकी ई-मित्र केन्द्र या कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर संयंत्रों पर अनुदान के लिए आवेदन कर सकते हैं। वहीं, अधिक जानकारी के लिए अपने जिला के कृषि विभाग में जाकर संबंधित आधिकारी से संपर्क भी कर सकते हैं। 

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