मटर की खेती : किसानों को हरी मटर के बीज पर मिलेगी 50 फीसदी की सब्सिडी

पोस्ट -09 नवम्बर 2024 शेयर पोस्ट

Pea Seeds : किसानों को हरी मटर के बीज पर मिलेगी 50 फीसदी की सब्सिडी, खेती को मिलेगा बढ़ावा

pea promotion program : किसान मौसम आधारित पारंपरिक किस्म की सब्जियां जैसे मटर, गोभी और आलू की खेती से अच्छी-खासी नकदी कमाते हैं। ऐसे में कई राज्य सरकारें इस मौसम में किसानों को हरे मटर की खेती के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं, जिसके लिए उन्हें अनुदान पर उन्नत किस्म के मटर बीज भी दिए जा रहे हैं। क्योंकि मटर एक दलहनी फसल है और यह कम समय में कटाई के लिए तैयार हो जाती है। किसान इसकी हरी फलियों और इसके सूखे दाने दोनों से भी कमाई कर करते हैं। मटर का उपयोग प्रमुखता से सब्जियों के रूप में किया जाता है। लेकिन इसकी अधिकांश खेती दलहन उत्पादन के उद्देश्य से की जाती है।

खास बात यह है कि मटर की खेती जहां कम समय में अधिक पैदावार देती है, तो वहीं यह भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाने में भी सहायक होती है। इसकी जड़ों में राइजोबियम जीवाणु पाए जाते है, जो भूमि नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाते हैं। इन्हीं सब बातों को देखते हुए बिहार सरकार भी राज्य में मटर की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने जा रही है। इसके लिए सरकार किसानों को मटर के बीज 50 प्रतिशत सब्सिडी पर उपलब्ध करा रही है। इच्छुक किसान इसके लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और मटर की खेती से अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।

15 जिलों के किसानों को सब्सिडी पर मिलेंगे मटर के बीज

बिहार सरकार द्वारा राज्य के 15 जिलों में हरी मटर की खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जाएगा। दरअसल, सितंबर में आई बाढ़ के कारण फसल नुकसान वाले जिलों के लिए मटर प्रोत्साहन कार्यक्रम तय किया गया है। राज्य में रबी मौसम में हरे मटर के उत्पादन की योजना पहली बार लागू की जा रही है। यह योजना राज्य के खगड़िया, बेगूसराय, मधुबनी, समस्तीपुर, सुपौल, मधेपुरा, पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार, सारण, सीवान, गोपालगंज, भागलपुर और सहरसा जिले में क्रियान्वित होंगी

मटर के बीजों पर किसानों को मिलेगी 50 प्रतिशत सब्सिडी

इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए इन जिलों के किसानों को कृषि विभाग हरे मटर के बीज पर 50 प्रतिशत की सब्सिडी उपलब्ध करवाई जाएगी। योजना के तहत हरा मटर बीज की कीमत प्रति किलो 170 रुपए तय की गई है, इसमें 50 प्रतिशत यानी 85 रुपए किसानों को सब्सिडी के तौर पर दिए जाएंगे। हरा मटर प्रोत्साहन योजना के लिए 13 करोड़ 60 लाख रुपए की राशि का प्रावधान किया गया है। इसमें केंद्र सरकार की ओर से 4 करोड़ 80 लाख रुपए दिए जाएंगे, जबकि राज्य सरकार इसके लिए 3 करोड़ 20 लाख रुपए खर्च करेगी। इसके साथ ही राज्य योजना से टॉप-अप के रूप में 5 करोड़ 60 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है।

मटर की खेती के लिए जिलेवार लक्ष्य किए निर्धारित

इस योजना के तहत खगड़िया, बेगूसराय, मधुबनी, समस्तीपुर, सुपौल, मधेपुरा और पूर्णिया में 1200-1200 हेक्टेयर में हरे मटर की खेती का लक्ष्य रखा गया है। किशनगंज, अररिया, कटिहार, सारण, सीवान, गोपालगंज, भागलपुर और सहरसा में 1000-1000 हेक्टेयर में हरी मटर की खेती का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जिन जिलों में यह योजना लागू की जा रही है, वहां के जिला कृषि पदाधिकारी तय भौतिक लक्ष्य का प्रखंडवार वितरण करते हुए अधिकृत बीज विक्रेता प्रतिष्ठानों को संबंद्ध कर किसानों को बीज उपलब्ध कराएंगे। राज्य बीज निगम बिहार सरकार के माध्यम से किसानों को हरा मटर उत्पादन के लिए मटर के बीज अनुदानित दर से उपलब्ध कराए जाएगा।

सब्सिडी पर मटर बीज लेने के लिए किसान यहां करें आवेदन

बिहार ने राज्य के 15 जिलों में हरा मटर की खेती को बढ़ावा दे रही है। अगर इन जिलों के किसान मटर की खेती लगाते है, तो उन्हें सरकार मटर प्रोत्साहन कार्यक्रम के तहत हरे मटर के बीज पर 50 फीसदी की सब्सिडी देगी। मटर की खेती करने के इच्छुक किसान बिहार राज्य बीज निगम लिमिटेड (बीआरबीएन) की आधिकारिक वेबसाइट https://brbn.bihar.gov.in/ पर जाकर आवेदन करके सब्सिडी पर मटर के बीज प्राप्त कर सकते हैं। किसान वेबसाइट के इस लिंक पर “बीज आवेदन फॉर्म” भरकर अनुदानित दर पर बीज ले सकते हैं। आवेदन फॉर्म भरने के हेतु किसान के पास  किसान पंजीकरण संख्या, जाति प्रमाण पत्र, मोबाइल नंबर, आधार कार्ड आदि दस्तावेज की आवश्यकता होंगी। इस संबंध में अधिक जानकारी के लिए किसान अपने संबंधित जिला के कृषि विभाग में कृषि पदाधिकारी से संपर्क कर सकते हैं।

मटर की खेती कैसे करें?

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, मटर की खेती से बंपर उत्पादन के लिए गहरी दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। भूमि अच्छे जल निकासी वाली  और 6-7.5 पीएच मान के मध्य वाली होनी चाहिए। मटर की खेती इसके बीजों के माध्यम से की जाती है, इसलिए इसके बीजों की बुवाई  ड्रिल विधि से करना सबसे फायदेमंद होता है। बीजों की बुवाई पंक्तियों में 5 से 7 सेंटीमीटर की दूरी पर करें। हरे मटर के उद्देश्य लगाई गई इसकी खेती में सिंचाई और उर्वरक एवं अन्य पोषक तत्व विशेष ध्यान रखें। फसल की मौसम और भूमि नमी अनुसार, समय-समय पर सिंचाई करें।

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