PM Kisan Samman Nidhi Yojana 17th installment : देश के लघु एवं सीमांत किसान, जिनके पास वास्तव में कृषि योग्य जमीन है और वे आर्थिक रूप से कमजोर है। ऐसे सभी पात्र किसानों को केंद्र की जनकल्याणकारी योजना पीएम किसान सम्मान निधि (PM-KISAN Samman Nidhi) के तहत आर्थिक सहायता दी जाती है। 100 प्रतिशत फंडिंग वाली इस केंद्रीय क्षेत्र की योजना के तहत देशभर में पात्र किसानों को 16वीं किस्तों का लाभ दिया चुका है, जबकि लाभार्थियों द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM Kisan Samman Nidhi Yojana) की 17वीं किस्त जल्द ही जारी होने की आस लगाई जा रही है। इन सब के बीच देशभर में किसान पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ खुद से छोड़ रहे हैं।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय भारत सरकार के आंकड़ों के अनुसार, जून 2023 से मई 2024 तक 1.16 लाख किसानों ने स्वयं को पीएम किसान योजना की लाभार्थी सूची से बाहर कर लिया है। मतलब यह कि किसान खुद से योजना का लाभ नहीं उठा रहे हैं। योजना छोड़ने वालों की लिस्ट में बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान राज्य के किसान सबसे आगे हैं। आइए, खुद से योजना का लाभ छोड़ने के पीछे के कारण को जानते हैं।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, किसान खुद से पीएम किसान सम्मान निधि योजना (PM KISAN Samman Nidhi) का लाभ छोड़ रहे हैं, योजना का लाभ छोड़ने में बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के किसान सबसे आगे है। रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार में सबसे ज़्यादा 29,176 किसान परिवारों ने पीएम-किसान योजना (PM KISAN YOJANA) में लाभ को छोड़ा है, जबकि उत्तर प्रदेश में 26,593 परिवारों ने खुद को योजना की सूची से बाहर कर लिया है और राजस्थान में लगभग 10,343 लाथार्थियों ने खुद से योजना का लाभ लेना छोड़ दिया है।
पीएम किसान योजना का लाभ छोड़ने के पीछे की वजह के बारे में बताते हुए सूत्रों का कहना है कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा पिछले साल पीएम-किसान मोबाइल ऐप (PM-Kisan Mobile App) और वेबसाइट (Website) में एक मॉड्यूल पेश किया था, जो किसानों को स्वेच्छा (खुद) से योजना से बाहर निकलने में सक्षम बनाता है यानी योजना का लाभ छोड़ने का विकल्प देता है। मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि बहुत अधिक जोत वाले किसानों ने खुद से योजना का लाभ न लेने का फैसला किया, जबकि कर-भुगतान करने वाले छोटे किसानों ने भी योजना में लाभ लेना छोड़ दिया। पीएम-किसान योजना के तहत, पात्रता मानदंड (एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया) पास करने वाले किसान परिवारों को प्रत्येक चार महीने के अंतराल में प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) के माध्यम से 2-2 हजार रुपए की तीन समान किस्तों में 6,000 रुपए प्रति वर्ष मिलते हैं।
अधिकारियों ने बताया कि योजना के पोर्टल पर उपलब्ध किसानों का कोना (FARMER'S CORNER) के सेक्शन में “पीएम किसान लाभ का स्वैच्छिक समर्पण” विकल्प के माध्यम से लाभ का सरेंडर कर सकते हैं। अपने लाभ का स्वैच्छिक समर्पण (Voluntary surrender) करने के इच्छुक किसानों को अपना पंजीकरण नंबर दर्ज करना होगा। इसके बाद, वे एक ओटीपी जनरेट कर सकते हैं, जो उनके आधार-पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा। इस प्रक्रिया के माध्यम से, पीएम-किसान लाभार्थी की पहचान की जाती है, जिसके बाद, लाभार्थी अपने लाभ खुद से सरेंडर कर सकता है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN Samman Nidhi) योजना को साल 2019 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले 24 फरवरी, 2019 को शुरू किया गया था। इस योजना के तहत दिसंबर-मार्च 2018-19 में पहली किस्त के समय लाभार्थियों की संख्या 3.03 करोड़ थी। हालांकि, पीएम-किसान योजना में अब तक किसानों को पीएम-किसान की 16 किस्तें जारी की जा चुकी हैं। योजना की 16वीं किस्त इस साल 29 फरवरी को महाराष्ट्र के यवतमाल से पीएम नरेंद्र मोदी ने 9.09 करोड़ किसान परिवारों के बैंक खातों में हस्तांतरित की थी। सूत्र ने बताया कि इस अवधि (अप्रैल-जुलाई 2024) में योजना की 17वीं किस्त जारी होना बाकी है। कहा जा रहा है कि नई सरकार के शपथ लेने के तुरंत बाद इसे जारी किया जा सकता है। ऐसे में योजना के पात्र लाभार्थी अपने पीएम खाते की ई-केवाईसी प्रोसेस पूरा ध्यान से करा लें, नहीं तो वे 17वीं किस्त के लाभ से वंचित रह सकते हैं।
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