आधार कार्ड अपडेट : किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य से केंद्र सरकार द्वारा कई तरह की योजनाएं संचालित की जा रही है। इन योजनाओं के अंतर्गत केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा किसानों को लाभान्वित किया जाता है। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से कृषि एवं इससे संबंधित क्षेत्रों से के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ किसानों को बिना किसी परेशानी के मिले, इसके लिए योजनाओं को डिजिटल प्लेटफार्म से जोड़कर किसानों के आधार कार्ड (Aadhar Card) लिंक अप्रूव्ड बैंक खाते में डीबीटी (DBT) के माध्यम से लाभ दिया जाता है। इस बीच किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से किसानों के लिए एक बड़ा अपडेट आया है। कृषि मंत्रालय के अनुसार देश में पाम ऑयल योजना से जुड़े किसानों को अब लाभ लेने के लिए आधार प्रूफ देना होगा। अगर किसान अपने आवेदन में आधार प्रूफ नहीं लगाएंगे तो उन्हें केंद्र की सब्सिडी का लाभ नहीं दिया जाएगा।
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने एक रिपोर्ट में स्पष्ट किया है कि पाम किसानों के लिए आधार प्रूफ को अनिवार्य कर दिया गया है। यदि इन किसानों को पाम की खेती के लिए केंद्रीय सब्सिडी का लाभ उठाना है, तो उन्हें आधार कार्ड (Aadhar Card) देना जरूरी होगा।
देश को खाद्य तेल में आत्मनिर्भर बनाने और कृषि आय बढ़ाने लिए भारत सरकार ने अगस्त 2021 में राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन- ऑयल पाम (National Edible Oil Mission- Oil Palm) का शुभारंभ किया था। इस योजना के तहत आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, ओडिशा, कर्नाटक, गोवा, असम, त्रिपुरा, नागालैंड, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश जैसे पाम ऑयल (Palm Oil) उत्पादक राज्य में ऑयल पाम का रकबा बढ़ाने के लिए 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक का निवेश किया गया है। एनएमईओ-ओपी (NEOM- OP) यानी राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन- ऑयल पाम (National Edible Oil Mission- Oil Palm) के तहत पाम तेल किसानों को वित्तीय सहायता और पारिश्रमिक प्रदान किया जाता है। यह सहायता पाम किसानों को सरकार द्वारा डीबीटी (DBT) यानी प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (Direct Benefit Transfer) के माध्यम से उनके बैंक खाते में भेजी जाती है। इसलिए कृषि मंत्रालय ने सब्सिडी के लाभ के लिए आधार नंबर (Aadhar Number) जरूरी कर दिया है। अब पाम तेल किसानों को सब्सिडी के लिए आधार प्रूफ देना होगा। यदि किसान के पास आधार कार्ड नहीं है तो उसके लिए आवेदन करना होगा। हालांकि, अभी किसी अन्य वैकल्पिक पहचान पत्र से काम चल जाएगा, लेकिन बाद में आधार नंबर अप्रूव्ड की जानकारी अनिवार्य होगी।
देश में वर्ष 2025-26 तक कच्चे ऑयल पाम का उत्पादन 11.20 लाख टन तक बढ़ाने उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन- ऑयल पाम (National Edible Oil Mission- Oil Palm) लागू किया गया। यह मिशन ऑयल पाम के आयात बोझ को कम करके भारत को 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में सफलतापूर्वक ले जा रहा है। इस मिशन के तहत राज्य सरकारें अपने-अपने राज्यों में रिकॉर्ड स्तर पर ऑयल पाम का रकबा बढ़ाने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। वहीं भारत सरकार द्वारा इस मिशन के तहत पाम किसानों को व्यवहार्यता अंतराल अनुदान योजना (वीजीपी) के तहत आर्थिक रूप से उचित वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। किसानों को यह सहायता इसलिए दी जाती है कि कच्चे पाम तेल के दाम गिरने से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई की जा सके। देश के मार्केट में कच्चे पाम ऑयल (Palm Oil) की कीमतें जैसे ही गिरती हैं, राज्यों के किसानों को सरकार द्वारा डीबीटी (DBT) के माध्यम से सब्सिडी की राशि उनके खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
फिलहाल, सरकार ने किसानों को राहत देते हुए इस सख्त नियम में कुछ दिनों की ढिलाई देते हुए राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि जिन किसानों के पास आधार कार्ड (Aadhar Card) नहीं है, उनका कार्ड जल्द बनाया जाए। वहीं, कोई ऑयल पाम (Palm Oil) किसान तत्काल अनुदान की योजना से वंचित न रह जाए, इसलिए आधार कार्ड (Aadhar Card) की जगह पर कोई दूसरा पहचान दस्तावेज विकल्प के तौर पर जमा कराने का निर्देश दिया गया है। पाम किसान अभी कोई अन्य वैकल्पिक पहचान पत्र देकर सब्सिडी (Subsidy) का लाभ ले सकते हैं, लेकिन बाद में आधार प्रूफ जरूर जमा कराना होगा। बता दें कि भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण, भारत सरकार ने देशवासियों को एक विशिष्ट पहचान देने के लिए आधार मिशन चलाया, जिसके तहत समस्त देशवासियों काे आधार कार्ड जारी किए गए। इस कार्ड (Card) से ही केंद्रीय एवं राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित योजनाओं का लाभ आम जनता से लेकर किसानों तक को दिया जाता है।
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