किसानों की जेब भरने एवं उनकी आय को बढ़ने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें तमाम कृषि योजनाओं को चला रही है। इन योजना के माध्यम से किसानों के हित में काम किया जा रहा है। इसी क्रम में राजस्थान सरकार द्वारा वर्ष 2022.23 में किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए प्रशासन ने दिवाली से पहले राज्य के किसानों के हित में एक अहम फैसला लिया हैं। किसानों को दिवाली तोहफा देते हुए उन्हें कर्ज मुक्त करने के लिए एकमुश्त समझौता योजना चला रही है। यह योजना ग्रामीण विकास बैंक एवं सरकारी बैंकों से कर्ज लेने वाले किसानों के लिए शुरू की गई है। इस योजना के अंतर्गत राज्य में अवधिपार कर्जदार किसानों एवं जिला कृषि और भूमि विकास बैंक के सदस्यों को बकाया ब्याज पर 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की जाएगी तथा जिन अवधिपार कर्जदार किसानों की मृत्यु हो चुकी है, ऐसे किसान परिवारों को ब्याज माफी, दंडनीय ब्याज सहित वसूली खर्च को भी माफ कर राहत दी जाएगी। अगर आप भी ऐसे किसान है, तो ट्रैक्टरगुरु की यह पोस्ट आपके लिए बहुत खास हो सकती है। इस पोस्ट में हम आपको एकमुश्त समझौता योजना से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहे है।
सहकारिता रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक राज्य के समस्त अवधिपार कर्जदार किसान एवं प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक से जुड़े सदस्यों के लिए एकमुश्त समझौता योजना आगामी दिनों में जल्द ही लागू की जाएगी। इस योजना के तहत अवधिपार कर्जदार किसानों एवं भूमि विकास बैंक से जुड़े किसान द्वारा लिए गए ऋण का बकाया मूलधन जमा करने पर ब्याज में 50 प्रतिशत छुट प्रदान की जाएगी। सहकारी भूमि विकास बैंकों से एकमुश्त समझौता लेने के लिए योजना को जल्द लागू करने की तैयारी है। यानी अब योजनांतर्गत ऋणी किसान मात्र मूलधन की बकाया राशि जमा कर ब्याज एवं अन्य खर्चों की छूट का लाभ उठाकर अपनी बंधक भूमि को मुक्त करा सकते हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक समीक्षा बैठक को सम्बोधित करते हुए राजस्थान सहकारिता रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल ने कहा कि इस साल भी दीर्घकालीन कृषि लोन को समय पर चुकता करने पर किसानों को 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान की भी योजना राज्य सरकार को भेज दी गई है। जानकारी के मुताबिक, राज्य सरकार के सहमित के साथ यह योजना इस साल भी लागू की जाएगी। उन्होंने कहा कि 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान योजना के आंकड़ों के मुताबिक, वर्ष 2019 से लेकर वर्ष 2022 तक लगभग 51,232 किसानों को 53.23 करोड़ रुपये का अुदान दिया जा चुका है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि दीर्घकालीन कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीण भूमि विकास बैंकों की आर्थिक स्थिति का सही होना भी जरूरी है।
सहकारिता रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक इस योजना को लाने का मुख्य उद्देश्य डिफॉल्टर घोषित किए गए किसानों को एकमुश्त समझौता राशि का भुगतान करने के लिए प्रोत्साहित करना है। इस प्रस्तावित योजना के तहत किसानों को समय पर लोन की राशि का सही इस्तेमाल करने और समय पर इसकी अदायगी करने के लिये भी प्रेरित किया जायेगा। एकमुश्त समझौता योजना में, प्राथमिक सहकारी बैंकों से जुड़े किसानों को बकाया ऋण की वसूली के लिये इस योजना में शामिल किये जाएंगे। इस योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंक और एसएलडीबी में खाली पदों के विरूद्ध 84 पदों पर भर्तियां भी की जायेंगी। प्राथमिक सहकारी भूमि विकास बैंकों के सचिवों ने अपने-अपने बैंक की आर्थिक स्थिति, ऋण वितरण एवं वसूली की स्थिति की जानकारी भी दी। एवं गुणवत्तापूर्वक ऋण वितरण के लिए व्यावहारिक सुझाव भी दिए।
इन ऋणी किसान परिवार को होगा लाभ
जारी सूचना के मुताबिक एकमुश्त समझौता योजना के माध्यम से किसानों के ऋणों पर ब्याज दर को कम करने के साथ ही अवधिपार ऋण ब्याज माफी, दण्डनीय ब्याज सहित अन्य वसूली खर्च में 50 प्रतिशत तक माफ किया गया है। इसके अलावा ऐसे अवधिपार ऋणी किसानों को भी राहत दी गई, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। ऐसे किसान परिवार को किसान की मृत्यु तिथि से सम्पूर्ण बकाया ब्याज, दण्डनीय ब्याज एवं वसूली खर्च को पूर्णतया माफ कर दिया है। वहीं, जो किसानों समय से कर्ज नहीं चुकाया है या वह उसे चुकाने में असमर्थ हैं उनके लिए इस योजना के तहत 50 प्रतिशत की कर्ज रिहायत दी गई है। योजना के तहत केन्द्रीय सहकारी बैंकों एवं प्राथमिक भूमि विकास बैंकों के माध्यम से कृषि एवं अकृषि ऋण लेने वाले काश्तकारों को लाभ मिलेगा।
जारी सूचना के मुताबिक इस प्रस्तावित योजना के तहत वे किसानों पात्र होंगे, जो 31 मार्च 2020 को डिफाल्टर श्रेणी (एनपीए) में वर्गीकृत है। और कृषि व अकृषि लोन प्राप्त ऐसे किसान जो 30 जून 2016 को अवधिपार हो चुके थे तथा उनका नाम 31 मार्च 2020 को डिफाल्टर श्रेणी (एनपीए) में वर्गीकृत हैं।
एकमुश्त समझौता योजना में ऐसे ऋण प्रकरण जो 31 मार्च 2017 को अवधिपार हो चुके हैं व उसके बाद नियमित नहीं हुए हैं।
मृत्यु होने वाले किसानों के परिजनों को मिलेगी राहत, ऐसे ऋणी किसान जिनकी मृत्यु 31 मार्च 2020 से पूर्व हो चुकी है, ऐसे मामलों में अवधिपार होने की दिनांक से मृत्यु होने की तिथि तक 8 प्रतिशत या स्वीकृत ब्याज दर जो भी कम हो साधारण ब्याज की दर से ब्याज वसूल किया जाएगा व मृत्यु की दिनांक से समझौता दिनांक तक का सूद दण्डनीय ब्याज आदि माफ किया जाएगा।
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