डिजिटल लोन : किसानों को 15 दिन में मिलेगा 3 लाख रुपए का लोन

पोस्ट -06 सितम्बर 2022 शेयर पोस्ट

किसानों को कम समय में उचित दरों पर मिलेगा डिजिटल कृषि लोन, आरबीआई ने जारी की नयी गाइडलाइंस 

देश में किसानों की क्रेडिट जरूरतों का पूरा करने के लिए भारत सरकार ने किसान क्रेडिट कार्ड योजना का शुभारंभ किया था। यह योजना औपचारिक क्रेडिट देने के लिए नाबार्ड (नेशनल बैंक फॉर एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट) द्वारा 1998 में शुरू की गयी थी। इस योजना तहत किसानों को एक क्रेडिट कार्ड दिया जाता है। जिसके माध्यम से किसान खेती-किसानी से जुड़े कार्यों जैसे बुवाई, निराई-गुडाई, कटाई, भंड़ारण एवं खाद, बीज, कीटनाशक आदि कृषि सामग्री की खरीद के लिए कृषि लोन उचित दरों पर बेहद कम समय में बैंक से प्राप्त कर सकते है। किसान क्रेडिट कार्ड पर 3 लाख रुपए तक का कृषि लोन महज 4 फीसदी ब्याज दर पर लिया जा सकता है। हालांकि, इस कृषि लोन में आवेदन करने के लिए आपके पास केसीसी क्रेडिट कार्ड का होना अनिवार्य है। किसानों को बिना किसी गड़बड़ी के यह कृषि लोन मिले इसके लिए भारत सरकार समय-समय पर केसीसी प्रोसेस में बदलाव करती रहती हैं। सरकारी सूचना के अनुसार केसीसी को अधिक बेहत्तर बनाने एवं किसानों को जल्द से जल्द कृषि लोन उपलब्ध करवाने के लिए भारत सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा डिजिटल लोन की व्यवस्था पर काम कर रही है। इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से गांव-गांव में विशेष अभियान भी चलाया जाएगा। ताकि इस योजना के बारे में अधिक से अधिक किसानों को जानकारी हो सके और कृषि कार्य के लिए कम समय पर सस्ती दर से कृषि लोन ले सके और बिना किसी आर्थिक परेशानी के कृषि कार्य कर सके। यदि पहले कभी भी कृषि कार्य के लिए आपने कृषि लोन नहीं लिया हैं,तो आप अपने नजदीकी बैंक जाकर कुछ अन्य औपचारिकताओं की पूर्ति करके कृषि लोन ले सकते हैं। ट्रैक्टर गुरू के इस लेख में हम आपको केसीसी डिजिटल लोन की पूरी जानकारी से अवगत करा रहे हैं। आशा करते हैं कि इस जानकारी से आपको डिजिटल लोन लेने की प्रक्रिया को समझ पाएंगे और इसका लाभ उठा पाएंगे। 

केसीसी धारक किसानों को घर बैठे मिलेगा डिजिटल कृषि लोन 

सरकारी सूचना के अनुसार किसानों को और अधिक सशक्त बनाने एवं कम समय में उचित दरों पर डिजिटल लोन की व्यवस्था उपलब्ध करने पर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) काम कर रही हैं। इसके लिए भारतीय रिजर्व बैंक की ओर गांव-गांव में विशेष अभियान चलाने की भी तैयारी की जा रही है, ताकि किसानों को कम समय और कम दरों पर कृषि लोन मिल सके। जानकारी के लिए बता दें कि केसीसी कार्ड पर ज्यादातर किसान कृषि से जुड़े कार्यों के लिए कृषि लोन लेते है। इस लोन को लेने की पूरी प्रक्रिया में करीब 4 सप्ताह का समय लग जाता है, लेकिन जल्द ही आरबीआई की डिजिटल लोन प्रक्रिया में सिर्फ 15 दिनों के अंदर आप कृषि लोन घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं। फिलाहल इस काम के लिए भारतीय रिजर्व बैंक-आरबीआई द्वारा मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में पायलट प्रोजेक्ट भी शुरू किया जाएगा।

देशभर के किसानों को लाभान्वित किया जाएगा

मीडिया रिपोर्टस के अनुसार केसीसी के तहत किसानों को कम समय में डिजिटल लोन उपलब्ध करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई द्वारा मध्य प्रदेश और तमिलनाडू में पायलट प्रोजेक्ट शुरु किया जाएगा। आरबीआई की गाइडलाइन्स के मुताबिक, पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद ही डिजिटल लोन की सुविधा से देशभर के किसानों को लाभान्वित किया जाएगा। पायलेट प्रोजेक्ट के दौरान केसीसी लोन देने वाली बैंकों में ऑटोमेशन और सर्विस प्रोवाइडर के साथ-साथ उनकी प्रणालियों के इंटीग्रेशन पर फोकस किया जायेगा। केसीसी पर डिजिटल कृषि लोन की किसानों तक पहुंच को आसान और सुगम बनाया जायेगा। ताकि लोन के वितरण में समय की बर्बादी न हो और किसानों को समय पर लोन व्यवस्था उपलब्ध हो। इस पायलेट प्रोजेक्ट के तहत कृषि, किसान, ग्रामीण उद्योग और अन्य कृषि संबंधित कार्यों के लिये केसीसी लोन को 2 सप्ताह के अंदर वितरित किया जायेगा। 

अब बिना किसी अड़चन के मिलेगा कृषि लोन

किसानों, पशुपालकों और मछुआरों को बिना किसी परेशानी के वित्तीय सहायता उपलब्ध हो, इसके लिए भारत सरकार द्वारा किसान क्रेडिट कार्ड योजना को संचालित किया जा रहा हैं। इस योजना के तहत किसानों को बहुत कम ब्याज पर 3-4 लाख रुपये तक का कर्ज दिया जाता है। किसान इस लोन राशि को अपनी खेती में निवेश कर सकता है या खाद-बीज, कीटनाशक, कृषि उपकरण जैसी अन्य चीजें खरीद सकता है। बैंक द्वारा यह लोन अल्पकाल के लिए उपलब्ध कराया जाता है। इस तरह लोन की आसान पहुंच और कम ब्याज दर पर किसानों को मिले, इसके लिए भारत सरकार ने हाल ही केसीसी प्रोसेस को आसान करने के लिए निम्न बदलाव किये गए। लेकिन आरबीआई के मुताबिक केसीसी का लाभ लेने में किसान अभी काफी पीछे हैं। इसकी मुख्य वजह किसानों में जागरूकता का अभाव और बैंकों के भ्रष्ट अधिकारी हैं। 

केसीसी लोन के लिए किसानों को आवश्यक दस्तावेजों के साथ में जाना पड़ता है। भ्रष्ट अधिकारी के कारण किसानों को इस लोन के लिए बैंकों में चक्कर काटने पड़ते हैं। जिससे किसानों को काफी परेशानी होती थी। यहां तक यह भी देखने को मिलता है कि केंद्र सरकार की सख्ती के बावजूद बैंकों का माइंडसेट कृषि के लिए लोन देने का नहीं है। कृषि ऋण सुविधा की इन्हीं अड़चनों को दूर करने एवं बैंक मैनेजरों की मनमानी को रोकने के लिए केसीसी लोन प्रोसेस का डिजिटलाइजेशन किया जा रहा है। ताकि किसानों को कम समय और कम दरों पर बिना किसी अड़चन के कृषि कर्ज मिल सके। 

समय -समय पर संशोधन 

सरकारी आंकड़ों के अनुसार आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने केसीसी योजना के तहत पिछले दो साल में 2.92 करोड़ किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी किया है। सरकार द्वारा हाल ही इसमें संशोधन भी किए हैं जिसके तहत पीएम किसान सम्मान निधि स्कीम और फसल बीमा जैसी योजना को इससे जोड़ा गया है। केसीसी लोन आवेदन के लिए बहुत ही सरल फॉर्म सिर्फ एक पेज का तैयार किया गया और बैंकों के साथ साझा किया गया। 3 लाख रूपये तक के लोन के लिए प्रसंस्करण शुल्क, निरीक्षण, बही फॉलियो शुल्क, सेवा शुल्क सहित सभी शुल्क माफ कर दिए गए हैं। अब सरकार इसे और भी सरल और डिजिटल बनाने के लिए मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में केसीसी डिजिटल लोन के पायलट प्रोजेक्ट को चुनिंदा जिलों से शुरु करेगी। इस प्रोजेक्ट का संचालन यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और फेडरल बैंक करेंगी। इस इस काम में राज्य सरकार भी अपना पूरा सहयोग करेगी। 

किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए सबसे सस्ता लोन

किसान क्रेडिट कार्ड के जरिए सबसे सस्ता लोन मिलता है। किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत विशेष क्रेडिट कार्ड किसान को औसतन 4 प्रतिशत ब्याज दर पर राशि उधार लेने के लिए अनुमति देता है। इस पर लिए गए 3 लाख रुपये तक के कृषि लोन की ब्याज दर वैसे तो 9 फीसदी होती है। लेकिन सरकार इसमें 2 फीसदी की सब्सिडी देती है। जबकि समय पर मूल राशि और ब्याज लौटाने पर 3 परसेंट और छूटती है। केवल यह ही नहीं, किसान क्रेडिट कार्ड पर लोन के लिए पुनर्भुगतान अवधि भी सुविधाजनक है, जैसे कि यह फसल की कटाई के बाद शुरू हो सकती है। 

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