फसल मुआवजा (Crop Compensation) : वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण मार्च और अप्रैल के महीने में अचानक हुई बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने रबी फसल में गेहूं, सरसों, चना समेत दलहनी और तिलहनी फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया। बेमौसम बारिश की मार गुजरात के किसानों पर भी पड़ी है। अचानक हुई बारिश से प्रदेश में लाखों हेक्टेयर पर तैयार खडी गेहूं, सरसों सहित कई अन्य रबी फसलों में बहुत अधिक बर्बादी हुई है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। फसलों में हुए नुकसान के मुआवजे को लेकर किसान सरकार से लगातार मांग कर रहे हैं। इसी बीच गुजरात की भाजपा सरकार राज्य के किसानों को बड़ी राहत देते हुए फसल नुकसान मुआवजा देने का ऐलान किया है। सरकार ने कहा है कि बीते दिनों राज्य में हुई बेमौसम बारिश से किसानों की प्याज, टमाटर समेत कई अन्य सब्जियों की फसल प्रभावित हुई है, जिससे किसानों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। लेकिन अब किसानों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। अब किसानों को जल्द ही फसल नुकसान मुआवजा दिया जाएगा।
मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, फसल नुकसान के एवज में किसानों के लिए राहत पैकेज का ऐलान करते हुए सरकार ने कहा कि मार्च और अप्रैल महीने के दौरान बेमौसम बारिश से राज्य में फसलों को काफी नुकसान पहुंचा, जिससे किसानों को आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ा है। लेकिन अब किसानों को फसल नुकसान के एवज में मुआवजा दिया जाएगा। प्रदेश के किसानों को फसल बर्बादी की एवज में मुआवजा राशि देने के लिए सरकार की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है। किसानों को उचित मुआवजा देने के लिए सरकार ने रोड मैप तैयार कर लिया है।
प्रदेश में बीते दिनों हुई बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों को फसल मुआवजा देने के लिए सीएम भूपेंद्र पटेल की अध्यक्षता में एक बैठक आयोजित हुई थी। इस बैठक में मंत्रिमंडल ने राहत पैकेज का ऐलान किया गया है, जिसके मुताबिक अब जल्द ही प्रदेश के उन किसानों के बैंक खाते में मुआवजा राशि पहुंच जाएगी। जिनकी फसल बीते दिनों बेमौसम बारिश से बर्बाद हुई है। किसानों को परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है। इसके लिए सरकार ने पूरी तैयारी कर मुआवजा देने की कवायद शुरू कर दी है। सरकार का कहना है कि यह राहत पैकेज अब तक का सबसे बड़ा पैकेज होगा।
रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार का कहना है कि बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों के लिए मंजूर किए गए राहत पैकज का लाभ फिलहाल राज्य के 13 जिले के किसानों को ही दिया जाएगा। जिनमें राजकोट, बनासकांठा, अरवल्ली, तापी, पाटन, साबरकांठा, सूरत, कच्छ, अमरेली, जामनगर, भावनगर, अहमदाबाद और जूनागढ़ जिले के प्रभावित किसानों को मुआवजा दिया जाएगा। इसके लिए विभाग के ओर से फसल नुकसान का आकलन करने के लिए गिरदावरी का काम और अन्य जरूरी प्रोसेस को पूरा कर लिया गया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार किसानों को अच्छी दर से मुआवजा देगी, जिसमें अधिकतम 2 हेक्टेयर भूमि के लिए ही मुआवजा दिया जाएगा। अर्थात जिन किसानों को 5 से 10 हेक्टेयर में फसल को नुकसान पहुंचा है, उन्हें भी सिर्फ 2 हेक्टयेर के लिए मुआवजा दिया जाएगा। वहीं, नींबू, आम और अमरूद की खेती करने वाले किसानों को 30600 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मुआवजा राशि दी जाएगी। अधिकतम दो हेक्टेयर पर 61200 रुपए का मुआवजा मिलेगा।
सरकार का कहना है कि प्रभावित किसानों को फसलों में हुए नुकसान पर प्रतिशत के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा। ऐसे में जिन किसानों की फसल बारिश से 33 प्रतिशत या उससे अधिक प्रभावित हुई, उन्हें राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष से मुआवजा दिया जाएगा। इसके अलावा प्रभावित किसानों को वित्तीय सहायता भी दी जाएगी, जिसमें पपीता, केला, चना, सरसों और गेहूं जैसी फसलों के लिए किसानों को एसडीआरएफ 13,500 रुपये की सहायता राशि देगा। वहीं, राज्य सरकार भी 9,500 रुपये प्रति हेक्टेयर के हिसाब से किसानों को अलग से सहायता राशि देगी।
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