Silt Compensation : देश के कई राज्य इन दिनों भारी बारिश और भयंकर बाढ़ का कहर झेल रहे हैं। इनमें सबसे बड़ा कृषि सूबा उत्तर प्रदेश भी शामिल है। प्रदेश के कई जिले बाढ़ से प्रभावित है। सरकार इन बाढ़ प्रभावित जिलों में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। वहीं, जिला शासन के निर्देशन में बाढ़ राहत चौपाल लगाकर, बाढ़ से बचाव के संबंध में ग्रामवासियों को विस्तृत जानकारी देकर जागरूक किया जा रहा है। साथ ही प्रभावित इलाकों में लोगों को राहत देने के लिए उचित राशि भी आवंटित की गई है। इन बीच प्रदेश की योगी सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों को एक और बड़ी राहत प्रदान की है। प्रदेश सरकार ने पहली बार बाढ़ की वजह से खेतों में जमी सिल्ट को हटाने के लिए किसानों को सहायता दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Mukhyamantri Yogi Adityanath) के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित किसानों को खेतों में जमी सिल्ट (silt) हटाने के लिए 32 लाख रुपए से अधिक का मुआवजा दिया गया है। सीएम योगी सरकार की इस पहल का किसानों ने स्वागत करते हुए खुशी जाहिर की।
बाढ़ प्रभावित लखीमपुर खीरी के 311 किसानों को सिल्ट हटाने के लिए 32 लाख से अधिक का मुआवजा भी दिया जा चुका है। जिलाधिकारी ने बताया कि मुख्यमंत्री की मंशा के अनुसार, जिले के 311 किसानों को खेतों से सिल्ट हटाने के लिए 32 लाख 55 हजार 872 रुपये की धनराशि वितरित की गई है। यह राशि सीधे प्रभावित किसानों के बैंक खातों में भेजी गई है। वहीं, राहत आयुक्त जीएस नवीन ने बताया कि उत्तर प्रcदेश आपदा की दृष्टि से काफी संवेदनशील है। यही वजह है कि सीएम योगी (Yogi Government) ने पिछले 7.5 वर्षों में कई प्राकृतिक घटनाओं को आपदा में शामिल किया है। इसी के तहत प्रदेश में पहली बार बाढ़ से खेतों में जमी सिल्ट को हटाने के लिए (To remove Silt from the Fields) किसानों (Farmers) को मुआवजा दिया गया।
लखीमपुर खीरी की जिलाधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल ने बताया कि गाइडलाइन के अनुसार, बाढ़ से जिन किसानों के खेतों में रेत या गाद निक्षेप की मोटाई 3 सेंटीमीटर से अधिक होती है, उन्हें मुआवजा दिया जाता है। उक्त किसानों को 18 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर तथा न्यूनतम 2,200 रुपए प्रति किसान की दर से मुआवजा दिया जाता है। प्रदेश में पहली बार इस वित्तीय वर्ष में लखीमपुर खीरी के किसानों को खेतों से सिल्ट (Silt) हटाने के लिए मुआवजा दिया गया है। डीएम दुर्गाशक्ति नागपाल ने पहली बार किसानों को सिल्ट हटाने का मुआवजा देने की पहल कर प्रदेश के अन्य जिलाधिकारियों के लिए एक मिसाल पेश की है।
लखीमपुर खीरी की डीएम दुर्गाशक्ति नागपाल ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पहली बार बाढ़ से खेतों में जमी सिल्ट को हटाने के लिए किसानों को राशि दी गई है। उन्होंने बताया कि आपदा गाइडलाइन के अनुसार लखीमपुर तहसील के 105 कृषकों को 36.78 हेक्टेयर क्षेत्र में जमी सिल्ट हटाने के लिए लगभग 6,75,941 रुपए की सहायता राशि दी गई है, जबकि निघासन तहसील में 42 किसानों को 25.82 हेक्टेयर क्षेत्रफल से सिल्ट हटाने के लिए 4,72,407 रुपए की धनराशि वितरित की गई। इसी तरह, धौरहरा तहसील के 39 किसानों को 34.12 हेक्टेयर क्षेत्रफल से सिल्ट हटाने के लिए 6,11,060 रुपए का मुआवजा दिया गया है। उन्होंने बताया कि गोला तहसील में 81 किसानों को 49.38 हेक्टेयर से सिल्ट हटाने के लिए 9,06,691 रुपए और पलिया तहसील के 44 किसानों को 32.76 हेक्टेयर एरिया से सिल्ट हटाने के लिए 5,89,773 रुपए की धनराशि मुआवजे के तौर पर दिए गए है। जिलाधिकारी दुर्गाशक्ति नागपाल ने बताया कि इस तरह योगी सरकार द्वारा किसानों को खेतों से सिल्ट हटाने के लिए 32.55 लाख रुपए से अधिक की धनराशि दी गई है।
उत्तर प्रदेश के राहत आयुक्त जीएस नवीन के अनुसार, प्रदेश के बाढ़ प्रभावित किसानों को फसल नुकसान मुआवजा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी के निर्देश पर सर्वेक्षण कर प्रभावित किसानों के खातों में तत्काल पैसा दिया जा रहा है। योगी सरकार ने अब तक 1 लाख 25 हजार 521 किसानों को क्षतिपूर्ति के लिए 71.01 करोड़ रुपए का भुगतान मुआवजा के रूप में किया है। उन्होंने बताया कि लखीमपुर खीरी के 70,691 किसानों को अबतक 47 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। प्रभावित किसानों के खाते में यह राशि सीधे जारी की गई है। राहत आयुक्त ने बताया कि क्षतिग्रस्त फसलों के लिए किसानों को मुआवजा मिला है या नहीं। इसके लिए सरकार तहसील पर मुआवजा प्राप्त करने वाले किसानों की लिस्ट चस्पा कर रही है। इसके अलावा, जिन-जिन किसानों को मुआवजा दिया गया है उनके नाम एनाउंस किया जा रहा है। साथ ऐसे किसानों की भी लिस्ट एनाउंस की जाएगी, जिन्हे मुआवजा नहीं दिया गया।
सिल्ट या गाद (Silt) रेत और मृदा के बीच के आकार की दानेदार सामग्री है, क्वार्ट्ज़ के टूटे हुए कणों से बनी होती है। गाद (Silt) भूमि के रूप में या जल में घुले अवसाद के रूप में हो सकती है। इसके अतिरिक्त यह नदियों, तालाबों आदि के तल में भी जमा हो सकती है। सिल्ट औसत आधुनिक मिट्टी का 45 प्रतिशत हिस्सा बनाती है। यह रेत और मिट्टी के बीच के गुणों वाला डेट्टिस (अपक्षयित और अपरदित चट्टान के टुकड़े) है। आमतौर पर गाद (सिल्ट) वाली मिट्टी अन्य प्रकार की मिट्टी की तुलना में अधिक उपजाऊ होती है, जिसका अर्थ है कि यह फसल उगाने के लिए अच्छी है। दुनिया के कई क्षेत्र में, नदी के डेल्टा में कृषि फल-फूल रही है। गाद जल प्रतिधारण और वायु परिसंचरण को बढ़ावा देती है।
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