किसानों की आय बढ़ाने के लिए नए-नए प्रयोग किए जा रहे हैं। किसान भी परंपरागत खेती को छोड़कर इन नए प्रयोगों में हाथ आजमा रहे हैं। सामूहिक खेती को किसानों के लिए फायदेमंद बताया जा रहा है। इस खेती में किसान सामूहिक रूप से खेती करके खेती की जोखिमों को कम कर सकते हैं और ज्यादा फायदा कमा सकते हैं। केंद्र व राज्य सरकारें भी किसान समूहों को प्रोत्साहित कर रही है। सामूहिक खेती पर सरकार की ओर से 90 प्रतिशत की सब्सिडी भी उपलब्ध कराई जा रही है। ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट में सामूहिक खेती पर 90 प्रतिशत की तक सब्सिडी के बारे में जानते हैं।
किसानों के कल्याण एवं उनकी आमदनी को बढ़ाने के लिए हरियाणा किसान कल्याण प्राधिकरण का गठन किया गया है। हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल के अनुसार इस किसान कल्याण प्राधिकरण में राज्य के मंत्री, आईएएस अधिकारी व विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को शामिल किया गया है। प्राधिकरण में अलग-अलग फसलों के उत्पादन में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 5 से 6 किसानों का एक ग्रुप बनाया जाएगा। इस प्रकार से लगभग 6-6 किसानों के अलग-अलग ग्रुप बनाए जाएंगे। यह किसानों के ग्रुप कृषि क्षेत्र में सुधार व आय बढ़ाने संबंधी सुझाव सरकार को देंगे और सरकार उनके सुझाव को क्रियान्वित करने का काम करेंगी। प्राधिकरण का उद्देश्य कृषि को बढ़ावा देना और किसानों का कल्याण सुनिश्चित करना है। भविष्य में किसानों द्वारा सांझा किए गए सभी प्रमुख सुझावों को राज्य की योजनाओं में शामिल किया जाएगा।
हरियाणा में सामूहिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए 90 प्रतिशत तक सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। हरियाणा के कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल ने किसानों से फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ) का गठन करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि सामूहिक खेती करके अधिक मुनाफा कमाया जा सकता है। हरियाणा में सामूहिक खेती पर 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि एफपीओ के माध्यम से किसानों को तकनीकी, मार्केटिंग, ऋण, प्रोसेसिंग, सिंचाई आदि जैसी सुविधाएं प्रदान की जाती है। इस योजना के माध्यम से किसान ऋण भी ले सकते हैं।
हरियाणा की खट्टर सरकार कई तरीके से किसानों को फायदा पहुंचा रही है। बीज से लेकर बाजार तक सरकार किसान की मदद की जा रही है। सब्जियों व फलों का बीमा करने वाला हरियाणा देश का पहला राज्य है। सब्जियों के लिए भावांतर योजना लागू की गई है। मकसद यही है कि खेती को जोखिम मुक्त बनाना है। किसानों के हित के लिए राज्य सरकार कोई भी अच्छी नीति को लागू करने के लिए तैयार है। कृषि मंत्री जेपी दलाल के अनुसार अगर किसी राज्य में कोई अच्छी नीति अथवा तकनीक अपनाई जा रही है तो किसान इसकी जानकारी सरकार को दे सकते हैं। सरकार इसका अध्ययन करवाएगी और उसे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
हरियाणा में झींगा मछली पालन के लिए ट्रेनिंग व सब्सिडी भी मिलती है। हरियाणा में 8 से 10 लाख एकड़ खारे पानी की भूमि है। ऐसे ही भूमि में झींगा मछली पालन करके लाखों रुपए की कमाई की जा सकती है। कृषि मंत्री जेपी दलाल के अनुसार सरकार इसके लिए ट्रेंनिंग व सब्सिडी दे रही है। सरकार ने सेमग्रस्त भूमि का पानी निकाल कर उसे ठीक करने की योजना भी क्रियान्वित की है। उन्होंने कहा कि 1 वर्ष में 1 लाख एकड़ भूमि को ठीक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
हरियाणा में 100 रुपए के प्रीमियम पर पशुओं का बीमा की सुविधा भी उपलब्ध है। किसान पशु पालन के माध्यम से भी अपनी आमदनी को बढ़ा सकते हैं। सरकार ने अपना ध्यान पशुओं की नस्ल सुधारने पर केंद्रित किया है ताकि दूध का उत्पादन बढ़ाया जा सके। मात्र 100 रुपये दो प्रीमियम पर पशु बीमा योजना लागू की गई है। कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि पशुधन क्रेडिट कार्ड योजना भी प्रदेश में क्रियान्वित की गई है। योजना के तहत 4 प्रतिशत ब्याज की दर से 1 लाख 60 हजार रुपये तक का लोन देने का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि भेड़-बकरी व सूअर पालन में भी बहुत लाभ है।
हरियाणा में सूक्ष्म सिंचाई के तरीके अपनाने वाले किसानों को भी सब्सिडी मिल रही है। सिंचाई का जिक्र करते हुए मंत्री दलाल ने कहा कि हरियाणा में पानी का संकट है। इसलिए किसानों को सूक्ष्म सिंचाई तकनीको अपनाना चाहिए। इसके लिए सब्सिडी का प्रावधान किया गया है। इसके साथ-साथ खेतों में तालाब बनाने के लिए भी किसानों को सहायता प्रदान की जा रही है।
हरियाणा सरकार प्राकृतिक खेती पर भी विशेष जोर दे रही है। 2 साल में कृषि के बजट को 30 से 40 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है। कृषि मंत्री दलाल के अनुसार गाय के गोबर से प्राकृतिक खाद तैयार करके खेतों में प्रयोग किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती के लिए सरकार ने अलग से मंडी बनाने का भी निर्णय लिया है। प्राकृतिक खेती के लिए जिला स्तर पर ट्रेनिंग देने की व्यवस्था की जाएगी।
हरियाणा सरकार चाहती है कि किसानों की उपज को खरीदने पर किसी का एकाधिकार ना हो। कृषि मंत्री जयप्रकाश दलाल के अनुसार किसान की उपज को खरीदने के लिए एक से अधिक खरीदार मिलने चाहिए ताकि उन्हें न तो मंडियों में टैक्स देना पड़े और दाम भी अच्छे मिल सके। किसान अपनी मर्जी से अपने उत्पाद बेच सकें।
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