Assam Government : सरकार द्वारा बाल विवाह रोकने के लिए कई प्रयास किए गए हैं, यहां तक की दशकों पहले बाल विवाह को गैर कानूनी घोषित कर इसमें कड़ी सजा का प्रावधान भी कर दिया गया, लेकिन इसके बावजूद देश के कई दूर-दराज और ग्रामीण क्षेत्रों में कई समुदायों में यह कुप्रथा जारी है। इसमें असम राज्य भी शामिल है। यहां आज भी बाल विवाह जैसी प्रथा जारी है। गरीबी और दहेज जैसी कुप्रथा के कारण कई समुदाय के लोग अपनी बेटियों की छोटी उम्र में ही विवाह करके अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त हो जाते हैं। लेकिन कम उम्र में विवाह होने से लड़कियां कई स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का शिकार हो जाती है, जिसके परिणामस्वरूप शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में वृद्धि देखने को मिलती है। लेकिन असम में मौजूदा बाल विवाह जैसी कुप्रथा को रोकने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने एक ऐसा प्लान तैयार किया है, जिससे बेटियों के जल्द विवाह करने और स्कूल की पढ़ाई छोड़ देने की समस्या का हल किया जा सकता है, बशर्ते यह योजना सही तरीके से जरूरतमंद लोगों को लाभ पहुंचाए।
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने बुधवार को घोषणा की है कि उनकी सरकार बाल विवाह रोकने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री निजुत मोइना योजना (Mukhya Mantri Nijut Moina Scheme) लेकर आई है। इस योजना को इस वर्ष ही लागू कर दिया जाएगा। इसके तहत सरकार अगले पांच वर्षों में 11वीं कक्षा से स्नातकोत्तर तक की सभी लड़कियों को मासिक वजीफा प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना को कैबिनेट की मीटिंग में मंजूरी दे दी गई है। अनुमान है कि सरकार को लगभग 10 लाख लड़कियों को प्रोत्साहन राशि देने के लिए पांच वर्षों में 1,500 करोड़ रुपए की आवश्यकता होगी। लेकिन बेटियों के भविष्य के लिए हमारी सरकार इस योजना को लागू करने के लिए तैयार है। बता दें कि असम सरकार ने राज्य में लड़कियों को शिक्षित करने और बाल विवाह दर कम करने के लिए 12 फरवरी को 2024-25 के लिए राज्य बजट पेश करने के दौरान मुख्यमंत्री निजुत मोइना योजना (Mukhya Mantri Nijut Moina Scheme) शुरू करने की घोषणा की थी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि 'निजुत मोइना' योजना का लक्ष्य लड़कियों को आगे अपनी शिक्षा जारी रखने के लिए प्रोत्साहित करना है, जिससे लड़कियों के सकल नामांकन अनुपात में काफी वृद्धि होगी। यह योजना प्रदेश में दस लाख लड़कियो को आगे की शिक्षा हासिल करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि इस योजना का एकमात्र उद्देश्य बेटियों की शादी में देरी करना है, ताकि वह आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो सकें और अपने परिवार के लिए नौकरी हासिल कर अच्छी कमाई हासिल कर सकें।
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि इस योजना में केवल स्कूल-कॉलेज में पढ़ने वाली लड़कियां ही पात्र होंगी। विवाहित लड़कियों को इसमें लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि, एकमात्र अपवाद वे विवाहित लड़कियां होंगी, जो पोस्ट ग्रेजुएट (पीजी) पाठ्यक्रमों में शामिल हो चुकी हैं। इस योजना से कक्षा 11 और 12 में पढ़ने वाली लड़कियों को हर महीने 1 हजार रुपए, डिग्री वालों के लिए 1,250 रुपए और पोस्ट-ग्रेजुएशन करने वाली बेटियों को हर महीने 2,500 रुपए मिलेंगे। सरमा ने कहा कि, “हमारी सरकार लड़कियों की शिक्षा की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेना चाहती हैं। इस योजना के तहत दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि हर महीने की 11 तारीख को पात्र छात्राओं का मिल जाएगी। इससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ कम होगा और वे अपनी बेटियों की शिक्षा जारी रख पाएंगे। हालांकि, सरकार ने अभी “मुख्यमंत्री निजुत मोइना योजना” के लिए आधिकारिक वेबसाइट अधिसूचित नहीं की है। आधिकारिक वेबसाइट की घोषणा करने के बाद योजना में फॉर्म भर जा सकेंगे।
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