पशुपालन क्षेत्र देश में रोजगार के अवसर प्रदान करने में महत्वपूर्ण निभाता है। कृषि के साथ पशुपालन में गाय-भैंस जैसे दुधारू पशुओं के पालन की गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए भारत सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जाती हैं। इन योजनाओं के माध्यम से पशुपालन फार्म, पशुओं का बीमा, डेयरी फार्म और डेयरी उद्योग की स्थापना एवं विकास के लिए विभिन्न राज्यों की सरकारें तय अनुदान प्रावधान के अनुसार सब्सिडी प्रदान करती है। इस कड़ी में गव्य विकास निदेशालय की तरफ से राज्य के दुधारू पशुओं का बीमा करने के लिए योजना चलाई जा रही है। इसके अंतर्गत पशुपालकों एवं किसानों को दुधारू पशुओं का बीमा कराने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा भारी अनुदान भी दिया जा रहा है ताकि पशुपालक मामूली बीमा शुल्क पर अपने दुधारू पशुओं का बीमा कराकर पशुओं की मृत्यु पर होने वाली आर्थिक हानि से बच सके। राज्य के इच्छुक किसान/ पशुपालक इस योजना का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन कर अपने पशुओं का बीमा ले सकते हैं।
पशुओं के लिए बीमा योजना
दरअसल, पशुपालन व्यवसाय में किसानों एवं डेयरी प्रबंधकों को समय-समय पर पशुओं में होने वाले विभिन्न प्रकार के रोगों से कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है यहां तक कि कई बार पशुओं में होने वाले इन रोगों के चलते पशुओं की मृत्यु तक हो जाती है, जिससे पशुपालक एवं किसानों को काफी आर्थिक नुकसान होता है। इसको देखते हुए बिहार सरकार द्वारा पशुओं के बीमा के लिए योजना चलाई जा रही है। इस योजना के माध्यम से राज्य के पशुपालक और किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार पशुओं के बीमा पर सब्सिडी प्रदान करती है। जिससे किसान मामूली शुल्क देकर अपने दुधारू पशु का बीमा करा सकते हैं। इससे डेयरी प्रबंधन में सहायता मिलेगी और पशुपालक भविष्य के आर्थिक नुकसान से बच सकते हैं।
पशु बीमा योजना के मुख्य उद्देश्य
गव्य विकास निदेशालय बिहार सरकार द्वारा दुधारू मवेशियों (पशुओं) के लिए पशु बीमा योजना लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत निदेशालय द्वारा प्रति पशु का अधिकतम मूल्य 60,000 रुपए तय किया गया है यानी कि बीमित मवेशी की मृत्यु होने पर बीमित पशु मालिक को आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए अधिकतम 60 हजार रुपए की मुआवजा राशि दी जाएगी। इसके लिए पशुपालक को अपने पालतू दुधारू मवेशी का योजना के तहत बीमा कराना होगा। गव्य विकास निदेशालय द्वारा संचालित इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य में सभी वर्ग के पशुपालकों के दुधारू पशुओं का बीमा प्रदान करना है। जिससे मवेशियों में गंभीर बीमारी जैसे एच.एस.बी.क्यू., लंपी त्वचा रोग और अन्य कारणों से मृत्यु होने की स्थिति में पशुपालकों एवं किसानों को होने वाली आर्थिक हानि के सापेक्ष बीमा से आर्थिक सुरक्षा प्रदान करना है। जिससे लघु और सीमांत किसान डेयरी व्यवसाय संबंधित विभिन्न गतिविधियों के लिए प्रेरित हो सके। साथ ही राज्य के ग्रामीण अर्थव्यव्स्था में सुधार किया जा सके।
दुधारू मवेशियों के बीमा के लिए कितना भरना होगा प्रीमियम?
गव्य विकास निदेशालय, बिहार द्वारा चलाई जा रही दुधारू मवेशियों के लिए पशु बीमा योजना के तहत मवेशियों का बीमा लाभ लेने के लिए पशुपालकों को कुछ प्रीमियम राशि का भुगतान करना होगा। जिस पर सरकार की ओर से बीमित पशुपालक को अनुदान दिया जा रहा है। सरकार द्वारा इस योजना में प्रति मवेशी का बीमा कराने के लिए 3.5 प्रतिशत की दर से अधिकतम बीमा मूल्य 2100 रुपए निर्धारित किया गया है। इसमें सरकार द्वारा बीमित पशुपालक को 75 प्रतिशत या अधिकतम 1575 रुपए की राशि अनुदान में दी जाएगी। यानी योजना के तहत पशुपालक किसान को अपने मवेशी का बीमा कराने के लिए केवल 25 प्रतिशत या 525 रुपए राशि का भुगतान बीमा कंपनी को करना होगा। देखा जाए तो सरकार की इस योजना के तहत पशुपालक मात्र 525 रुपए के प्रीमियम भुगतान में अपने मवेशी का 60 हजार रुपए तक का बीमा कवर पा सकते हैं।
पशु बीमा योजना के तहत मवेशियों के बीमा हेतु आवेदन कहां करें?
गव्य विकास निदेशालय बिहार सरकार द्वारा दुधारू मवेशियों के लिए पशु बीमा शुरू की गई है । निदेशालय की तरफ से राज्य के सभी वर्ग के पशुपालकों के लिए गव्य प्रशिक्षण योजना -2022-23 एवं दुधारू पशु बीमा योजना -2023-24 के लिए ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित किए जा रहे हैं। इच्छुक पशुपालन योजना के तहत अपने पशुओं का बीमा कराने के लिए गव्य विकास निदेशालय बिहार की वेबसाइट https://dairy.bihar.gov.in/ पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। साथ ही अधिक जानकारी के लिए पशुपालक अपने संबंधित जिला गव्य विकास पदाधिकारी से संपर्क भी कर सकते हैं।
दुधारू पशु बीमा योजना -2023-24 के लिए आवश्यक पात्रता
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