National Horticulture Mission : किसानों की आय बढ़ाने के लिए उन्हें उद्यमी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर कई राज्य सरकारें विभिन्न प्रकार की योजनाएं चला रही है। इसके तहत किसानों को विभिन्न कृषि प्रोसेसिंग एवं कृषि उत्पादन उद्योगों से जोड़ा जा रहा है। खास बात यह है कि इसमें किसान सफल हो सके, इसके लिए उन्हें वित्तीय सहायता एवं अनुदान लाभ भी इन योजनाओं के तहत दिया जा रहा है। इस बीच राजस्थान में किसानों के लिए खुशखबरी है। राज्य में अब कोई भी किसान नर्सरी लगा सकता है क्योंकि अब किसानों को नर्सरी बनाने के लिए भी सरकार की ओर से अनुदान दिया जाएगा। किसान अब खेतों में नर्सरी लगाकर हर वर्ष लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं। राजस्थान उद्यान विभाग नर्सरी स्थापित करने वाले किसानों को 50 प्रतिशत तक सब्सिडी देगा।
राष्ट्रीय बागवानी मिशन (National Horticulture Mission) के तहत उद्यान विभाग राजस्थान सरकार की ओर से किसानों को नर्सरी लगाने के लिए अनुदान लाभ देय है। विभाग के अनुसार इस मिशन के तहत कोई भी किसान खेतों में नर्सरी लगा सकता है। कृषक नर्सरी की स्थापना करता है तो उसे बैंक लोन की जरूरत होती है। इस आधार पर विभाग की ओर से काश्तकारों को नर्सरी विकसित करने पर 50 फीसदी यानी 7.50 लाख रुपए तक अनुदान देय होगा। परियोजना लागत का लगभग 70-75 प्रतिशत बैंक ऋण मंजूरी पत्र भी आवेदन के साथ प्रस्तुत करना होगा। उद्यान विभाग ने छोटी नर्सरी की इकाई लागत प्रति हेक्टेयर 15 लाख रुपए निर्धारित की है।
विभाग के अनुसार, यह अनुदान राशि 3 वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद बैंक एंड प्रक्रिया से अंत में समायोजित होगी। तय परियोजना प्रस्ताव का क्रियान्वयन नहीं करने व पौध उत्पादन का काम बंद होने की स्थिति में अनुदान की राशि वापस ली जाएगी। काश्तकार को छोटी नर्सरी के लिए भू-स्वामित्व दस्तावेज, सुविधाओं के विवरण सहित वित्तीय विश्लेषण व अन्य जरुरी दस्तावेज के साथ जिला उद्यानिकी विभाग में ऑनलाइन आवेदन करना होगा। जहां से अभिशंसा के बाद उद्यान निदेशालय आगे की कार्रवाई करेगा।
इस बागवानी मिशन (Horticulture Mission) के तहत काश्तकार को उन्नत किस्मों के मातृ वृक्ष ब्लॉक नेच्यूरली वेंटीलेटेड ग्रीन हाउस सुविधाएं विकसित करनी होगी। हाईटेक ग्रीन हाउस, जिसमें फॉगिंग व छिड़काव यानी स्प्रे की सिंचाई प्रणाली काम में लेनी होगी। रखरखाव को लेकर कीट रोगी 35 फीसदी लाइट स्क्रीनिंग तथा सूक्ष्म स्प्रे सिंचाई प्रणाली युक्त शेडनेट हाउस एवं सिंचाई को लेकर पंप हाउस तैयार करना होगा। मृदा उपचार को लेकर स्टारलाइजेशन प्रणाली को स्थापित करना होगा।
उद्यान विभाग के अनुसार, राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के तहत पौधरोपण सामग्री की आवश्यकता के अनुसार, नर्सरी फलीय एवं बहुफलीय पौधे के लिए स्थापित की जा सकेगी। प्रस्ताव में फलों और किस्मों के नाम स्पष्ट रुप से अंकित करने होंगे। नर्सरी पर उच्च गुणवत्तायुक्त पौधों का मातृ वृक्ष ब्लॉक आवश्यक होगा। इसके लिए मातृ पौधे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान, कृषि अनुसंधान परिषद के संस्थान, कृषि विश्वविद्यालयों और राज्य के अनुसंधान परिषद के संस्थान, कृषि विश्वविद्यालयों एवं अनुसंधान केन्द्रों से प्राप्त करने होंगे। नर्सरी पर राष्ट्रीय बागवानी मिशन से अनुदानित बोर्ड, जिस पर स्थापना का वर्ष, कुल इकाई लागत, मातृ वृक्षों की किस्म की जानकारी देनी होगी।
काश्तकार छोटी नर्सरी के लिए जिला उद्यानिकी विभाग में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं, जबकि शेड नेट हाउस के लिए कृषक ई-मित्र केंद्र पर जाकर आवेदन कर सकेगा। कृषकों को अनुदान हेतु संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज जैसे- आधार कार्ड / जनाधार कार्ड, जमाबंदी की नकल (छह माह से अधिक पुरानी नही हो), मिट्टी व पानी की जांच रिपोर्ट, अनुमोदित फर्म का कोटेशन एवं सिंचाई स्रोत का प्रमाण तथा लघु, सीमांत, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति संंबंधित प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा। आवेदक के पास कृषि योग्य भू-स्वामित्व एवं सिंचाई स्त्रोत होना आवश्यक है। राज किसान साथी पोर्टल पर चालू वित्तीय वर्ष के लिए शेडनेट हाउस निर्माण हेतु आवेदन लिए जा रहे हैं।
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