प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना क्लेम : बेमौसम बारिश, बाढ़, ओलावृष्टि और सूखा जैसी प्राकृतिक आपदाओं से किसानों की फसलें क्षतिग्रस्त या चौपट हो जाती है, जिससे उन्हें काफी आर्थिक हानि होती है। फसल नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा कई योजनाओं के तहत किसानों को फसल नुकसान मुआवजा देकर राहत प्रदान की जाती है। पीएम फसल बीमा योजना के माध्यम से समय-समय पर राज्यों में राजस्व (राहत) विभाग द्वारा राहत राशि जारी कर प्रभावित किसानों को क्षतिग्रस्त फसलों के नुकसान के लिए मुआवजा भुगतान किया जाता है। इस कड़ी में छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णुदेव साय के निवास में आयोजित होने वाले मुख्यमंत्री जनदर्शन कार्यक्रम में किसानों को बड़ी राहत मिली है। जनदर्शन में प्राप्त निर्देशों के अनुसार, किसानों को बेमौसम बारिश एवं ओलावृष्टि से हुए फसल नुकसान का मुआवजा जारी कर दिया गया है। दूसरी ओर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने पिछले दो वर्षों में प्राकृतिक आपदा (Natural Disaster) से क्षतिग्रस्त फसलों (Crop Damage) के मुआवजे से वंचित किसानों को राहत प्रदान की है। सरकार ने प्रदेश में 52 जनपदों के किसानों को राहत देने के लिए 83 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जारी की है।
यह मुआवजा राज्य के बलोदा बाजार जिला प्रशासन द्वारा ओलावृष्टि से फसल नुकसान के लिए सोनाखान क्षेत्र के अंतर्गत सात गावों के 772 किसानों को दिया गया है। इन किसानों को राहत देने के लिए राजस्व विभाग द्वारा कुल 98 लाख 38 हजार 528 रुपए की राहत राशि जारी की गई है। इसमें सुखरी ग्राम के 79, छतवन के 174, देवगांव के 44, गनौद के 59, कुशगढ़ के 156 एवं कुशभाटा के 174 प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति के लिए मुआवजा दिया गया है। तहसीलदार सोनाखान द्वारा उक्त सभी किसानों के खाते में आरटीजीएस के माध्यम राशि जमा करा दी गई है। मुआवजा राशि मिलने से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी।
यूपी में 38 करोड़ से ज्यादा की मुआवजा राशिउल्लेखनीय है कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के निर्देश पर उत्तर प्रदेश में वित्तीय वर्ष 2021-22 और वर्ष 2022-23 में आपदाओं से क्षतिग्रस्त फसलों के नुकसान के मुआवजे से छूटे किसानों को कुल 83,13,46,875 रुपए की राहत राशि दी गई है। राहत आयुक्त जीएस नवीन के बयान के अनुसार, प्रदेश सरकार ने पिछले दोनों वित्तीय वर्ष के छूटे किसानों को राहत देने के लिए 83 करोड़ से अधिक की मुआवजा राशि का भुगतान किया, जबकि जनवरी और फरवरी 2024 में ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलों के नुकसान की भरपाई के लिए राहत विभाग द्वारा 38 करोड़ से ज्यादा की मुआवजा राशि जारी की गई।
वर्ष 2023 के लिए ग्राम नगेड़ा के आसपास ग्रीष्मकालीन धान की फसल लगी हुई थी, जो पूरी तरह से पककर कटाई के लिए तैयार थी। ऐसे में मई महीने में जोरदार ओलावृष्टि हुई थी जिससे धान की फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई थी। ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त फसल के मुआवजे के लिए मुख्यमंत्री समेत जिला कलेक्टर को भी बड़ी संख्या में किसानों ने आवेदन दिए थे। सरकार के आदेश पर जिला प्रशासन ने नुकसान हुए फसलों का सर्वे कराकर उसी समय ओलावृष्टि प्रभावित गांव कलमीदादर, बानीखार, देवरी, नगेड़ी, सहित कुल 33 ग्राम को मुआवजा दिया गया, हालांकि अन्य गांवों का मुआवजा बचा हुआ था जिसे अब जारी किया गया है। फसल क्षति से प्रभावित किसानों के खाते में मुआवजा राशि प्राप्त हुई है।
बता दें कि यूपी के 6 जिलों में ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलों के नुकसान के लिए किसानों को मुआवजा का भुगतान किया गया है। प्रदेश के हमीरपुर, सहारनपुर, कानपुर देहात, बांदा, चंदौली व प्रयागराज सहित कुल 6 जिलों में इस वर्ष जनवरी और फरवरी के दौरान ओलावृष्टि से सर्वाधिक फसलें क्षतिग्रस्त हुई थी। जिलाधिकारियों के फसल नुकसान सर्वे विवरण अनुरूप जिला सहारनपुर के लिए 10,00,000 रुपए, हमीरपुर के लिए 23,29,10,370 रुपए, कानपुर देहात के लिए 4,00,00,000 रुपए, बांदा के लिए 9,72,30,244 रुपए, चंदौली के लिए 26,708 रुपए और प्रयागराज के लिए 1,50,00,000 रुपए की मुआवजा राशि जारी कर प्रभावित किसानों के खाते में राहत राशि का भुगतान किया गया।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अनुसार, “प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना” (PMFBY) में पहले केवल 3.51 करोड़ आवेदन आते थे, लेकिन अब 8.69 करोड़ आवेदन आए हैं, क्योंकि किसानों में विश्वास है। इस योजना में अब 5.48 करोड़ गैर ऋणी किसानों के आवेदन आए है, जिसकी पहले संख्या मात्र 20 लाख थी। मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में कुल आवेदन 3.71 करोड़ थे, जो अब 14.17 करोड़ हो गए हैं। किसानों ने 32,440 करोड़ रुपए प्रीमियम दिया, जबकि उन्हें 1.64 लाख करोड़ रुपए का मुआवजा दिया गया। केंद्रीय कृषि मंत्री के अनुसार, इस योजना में प्राकृतिक रूप से फसल खराब होती है, तो पूरा भुगतान किसान को किया जाता है। प्राकृतिक रूप आग लगने से फसल बर्बाद होती है, तो भी किसान को राहत प्रदान की जाएगी। पहले कर्ज मुक्त (गैर-ऋणी) किसान बीमा नहीं कराता था, लेकिन अब वह चाहे तो बीमा करा सकता है। इस योजना में अब बटाई पर खेती करने वाले बटाईदार किसानों को भी नुकसान हेतु मुआवजा दिया जाएगा।
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