PMFME Scheme : किसानों की आमदनी बढ़ाने एवं ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर सृजन करने के लिए सरकार द्वारा हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके लिए सरकार द्वारा पहले से चलाई जा रही अलग-अलग योजनाओं को जारी रखा जा रहा है, तो कई नई परियोजनाओं को शुरू भी किया जा रहा है। इसमें खाद्य प्रसंस्करण से जुड़े उद्योग की स्थापना करने के लिए देशभर में सरकार द्वारा “प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना” (Pradhan Mantri Formalisation of Micro Food Processing Enterprises scheme) संचालित की जा रही है। जिसके अंतर्गत अभी तक मध्यप्रदेश में अच्छा काम हुआ है, जिसको देखते हुए सरकार ने प्रदेश में इस योजना की समयावधि को एक साल के लिए आगे बढ़ा दिया है। इस संबंध में जानकारी राज्य के उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह द्वारा दी गई है।
खाद्य प्रसंस्करण मंत्री नारायण सिंह कुशवाह ने बताया कि प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना (PMFME) के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश, देश के अग्रणी राज्यों में है। इस उपलब्धि को देखते हुए केन्द्र सरकार द्वारा मध्यप्रदेश में पीएमएफएमई योजना की कार्यअवधि को एक साल के लिए और बढ़ाया गया है। मध्यप्रदेश में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना वर्ष 2020-21 से 2024-25 तक पांच वर्षों के लिए लागू की गई थी। इस योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश के शानदार प्रदर्शन को देखते हुए केन्द्रीय खाद्य प्र-संस्करण मंत्रालय द्वारा प्रदेश में योजना के क्रियान्वयन अवधि को 31 मार्च 2026 तक बढ़ा दिया है। मध्यप्रदेश में इस योजना के तहत 420 औद्योगिक इकाइयों की स्थापना हेतु विभिन्न बैंकों द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है, जो एक रिकार्ड है।
पीएमएफएमई योजना के अंतर्गत, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग इकाइयों की स्थापना के लिए व्यक्तिगत लाभार्थी और समूह को परियाजना लागत पर 35 प्रतिशत की दर से ऋण-लिंक्ड पूंजी सब्सिडी प्रदान की जाती है। लाभार्थी को अधिकतम 10 लाख रुपए का अनुदान प्रति इकाई के लिए दिया जाता है। लाभार्थी का अंशदान परियोजना लागत का कम से कम 10 प्रतिशत होना चाहिए और शेष धनराशि बैंक से ऋण के रूप में ली जानी चाहिए। इससे प्रोत्साहित होकर मध्यप्रदेश में कृषि/उद्यानिकी के क्षेत्र में युवा औद्योगिक इकाई स्थापना हेतु प्रेरित हुए हैं।
मंत्री ने बताया कि प्रदेश में खाद्य प्रोसेसिंग से संबंधित उद्योग इकाइयों की स्थापना के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी के माध्यम से प्रस्तावों का परीक्षण किया जाता है, जिसके उपरांत ही केन्द्रीय इंटर मिनिस्ट्रियल इम्पावर कमेटी को प्रस्ताव भेजे जाते हैं। इस योजना में प्राप्त 917 प्रकरणों में से 420 प्रकरणों की स्वीकृति प्राप्त कर मध्यप्रदेश, देश में अग्रणी राज्य बना है। बता दें कि 29 जून 2020 को प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना (PMFME) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई। इस योजना को खाद्य उत्पादन के छोटे उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए तैयार की गई है। योजना का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म उद्योग के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करने एवं इन उद्यमों के लिए आधुनिक तकनीक से उपयोगी सुविधाएं और सहायता प्रदान करना है, ताकि उनकी उन्नति, प्रक्रिया और मार्केटिंग में सुधार हो सके।
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