गायों के संवर्धन को लेकर सरकार लगातार कोशिश कर रही है। इसमें पशुपालकों एवं किसानों को गोवंश के संरक्षण के लिए प्रोत्साहित भी किया जा रहा है, जिसके लिए राज्य सरकार द्वारा तरह-तरह की योजनाएं लागू कर किसानों को चारे सहित अन्य व्यवस्थाओं के लिए अनुदान भी दिया जा रहा है। इस कड़ी में हरियाणा सरकार द्वारा राज्य में गोवंश संरक्षण के लिए समर्पित प्रयास किए जा रहे हैं। हरियाणा को बेसहारा गोवंश मुक्त प्रदेश बनाने की दिशा में प्रदेश सरकार द्वारा बड़ा कदम उठाया गया है। गौशालाओं के विकास और गो-वंश के कल्याण के लिए हरियाणा की नायब सिंह सैनी सरकार लगातार बजट में बढ़ोतरी कर रही है। इसी कड़ी में गोवंश की देखभाल हेतु राज्य सरकार ने गौ शालाओं को दी जाने वाली प्रतिदिन चारा राशि में पांच गुणा बढ़ोतरी की है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 211 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान भी किया है। इसके अलावा, हरियाणा में गायों के पालन के लिए पशुपालकों को सहायता राशि भी सरकार की ओर से दी जा रही है, ताकि राज्य में रोजगार के साथ, प्राकृतिक खेती को भी बढ़ावा मिल सके।
सरकारी प्रवक्ता ने इस संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि गौशालाओं के विकास और गोवंश के संरक्षण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है। सरकार की ओर से गोवंश की देखभाल के लिए गौशालाओं को चारे के लिए दी जाने वाली राशि में 5 गुणा की वृद्धि की है। सरकार के इस निर्णय के मुताबिक, अब, गौशालाओं को प्रति गाय 20 रुपये प्रतिदिन, नंदी के लिए 25 रुपये प्रतिदिन तथा बछड़ा / बछड़ी के लिए 10 रुपये प्रतिदिन चारे के लिए सब्सिडी के रूप में दिये जाएंगे। प्रवक्ता ने बताया कि सरकार की कोशिश है कि लोगों में जागरूकता बढ़ाकर गौमाता और गोवंशों को सड़कों पर छोड़ने की बजाए पास की गौशालाओं में पहुंचाना है।
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने पिछले महीने एक कार्यक्रम में कहा था कि गाय पालने की परंपरा को बढ़ावा देने व ग्रामीण क्षेत्रों में इसे आजीविका का साधन बनाने हेतु हरियाणा सरकार ने प्रदेश में एक नई योजना की शुरुआत की। पहले गौ सेवा के लिए केवल 40 करोड़ रुपए का प्रावधान था, जिसे बढ़ाकर 400 करोड़ रुपए किया गया है। इस बजट का प्रयोग न केवल गायों के चारे और गौशालाओं के रखरखाव में किया जाएगा, बल्कि इसके तहत अब जो लोग अपने घरों में गाय का पालन करेंगे उन्हें सरकार 30 हजार रुपए की सहायता राशि देगी। इससे गाय पालने वालों को भी सीधे आर्थिक लाभ पहुंचेगा और प्रदेश में बेसहारा गोवंश को सहारा मिलेगा। प्रदेश में इस समय 500 से अधिक गौशालाएं संचालित हैं, सरकार ने इन गौशालाओं के चारे की व्यवस्था का खास प्रावधान किया है।
प्रदेश में गौशालाओं को और बेहतर बनाने के लिए सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। अब पंचायती भूमि पर भी गौशालाएं खोली जा सकती हैं, जो कोई गौशाला के लिए भूमि देगा, उसकी सीएलयू की भी जरूरत नहीं होगी। चारे की नियमित आपूर्ति और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विशेष बजट आवंटित किए जा रहे हैं। सरकार का उद्देश्य है कि हरियाणा की गौशालाएं अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर खरा उतरें, जिसके लिए पशुपालन विभाग के सहयोग से लगातार कार्य भी किए जा रहे हैं।
किसानों को समर्थन देने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने कहा कि प्रदेश में 100 प्रतिशत फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर की जा रही है, सब्जी उत्पादक किसानों को मुआवजा दिया जा रहा है। प्रदेश में चल रही एमएसपी और खाद नीतियों का बचाव किया गया है। पीएम मोदी ने किसानों को मजबूत करने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए हैं और देश में खाद की कीमतें स्थिर रखने के लिए पीएम मोदी द्वारा कई काम किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा में हमने किसानों का वित्तीय बोझ कम करने के लिए कई सब्सिडी दी है। उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, 2022 में खाद की कीमतें बढ़ीं, लेकिन मोदी सरकार ने कीमतें स्थिर रखने का काम किया।
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