नैनो डीएपी : डीएपी की कीमत में किसान को होगी 750 रुपए की बचत

पोस्ट -22 फ़रवरी 2023 शेयर पोस्ट

जानें, कैसे होगी नैनो डीएपी से किसान की बचत 

भारत में व्यापक स्तर पर खेती की जाती है। खेती में अच्छा उत्पादन लेने के लिए समय-समय पर रासायनिक उर्वरकों की भी जरूरत पड़ती है। यहां सरसों सहित कई फसलों की बुआई के समय सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले रासायनिक उर्वरक डीएपी की मांग इतनी जबरदस्त होती है कि किसानों को महंगे दामों पर डीएपी खरीदने पर मजबूर होना पड़ता है। इस पर भी कई बार डीएपी नहीं मिलता और किसान निराश हो जाते हैं। यहां तक कि कई बार देखने में आता है कि डीएपी का वितरण करवाने के लिए पुलिस को व्यवस्था करानी पड़ती है। डीएपी की किल्लत और इसकी महंगाई को देखते हुए सरकार ने इसका जोरदार विकल्प निकाल लिया है। यह है नैनो डीएपी। सरकारी दावे को मानें तो नैनो डीएपी पहले वाले साधारण डीएपी से कहीं ज्यादा असरकारक है। इसके बावजूद इसकी कीमत उस डीएपी से आधी रखी गई है। इससे किसानों तो बचत होगी ही साथ ही सरकार की एक बोरी डीएपी पर करीब 2500 रुपये की सब्सिडी बचेगी। वहीं जल्द  ही नैनो यूरिया की तर्ज पर बाजार में लिक्विड फोम में डीएपी उपलब्ध होगा। इससे किसानों को भी एक बैग डीएपी पर लगभग 750 रुपये की बचत होगी। यहां ट्रैक्टर गुरू की  इस पोस्ट में आपको डीएपी खाद के इस नये बेहतर विकल्प नैनो डीएपी के बारे में फुल जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। इसे अवश्य पढ़ें और शेयर करें।

नैनो डीएपी के स्प्रे से होने वाले लाभ

नैनो डीएपी के इस्तेमाल से किसानों को कई तरह के लाभ होंगे। इसलिए भारत सरकार ने नैनो डीएपी के इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। इसके लिए विशेषज्ञों की एक समिति बनाई गई थी। इसने अपनी रिपोर्ट जारी कर दी। रिपोर्ट के अनुसार नैनो डीएपी का प्रयोग बीज उपचार और खड़ी फसलों में छिड़काव के रूप में किया जा सकेगा। इससे किसानों को कई प्रकार के लाभ होंगे जैसे फसलों की जड़ों का बेहतर विकास होगा, उपज की गुणवत्ता बढ़ेगी, लागत कम आएगी, फसल उत्पादन में वृद्धि होगी, नैनो डीएपी डीएपी की तुलना में आधी रेट पर मिलेगा और भूमि की सेहत सुधरेगी।  

इधर नैनो यूरिया के लाभों को देखते हुए केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने किसानों को नैनो डीएपी के इस्तेमाल की सलाह दी है। उनका कहना है कि जब एक किसान को इस डीएपी के लाभ फसल में नजर आएंगे तो वह दूसरे किसानों को भी  इस बारे में अवश्य बताएगा। किसान एक दूसरे किसान ही की बात जल्दी मानते हैं। 

जानें, नैनो डीएपी के बारे में

नैनो डीएपी भूमि की सेहत के लिए डीएपी की तुलना में दोगुना प्रभावकारी है। अब इसे बाजार में उतारने की पूरी तैयारी इफको कर चुकी है। इसे तरल फोम में बाजार में लाया जाएगा। ये पूरी तरह से देसी तरीके से बनाया गया है। इसके इस्तमाल से फसल का उत्पादन बढ़ेगा और कुल लागत कम होगी।

क्यों लाया गया नैनो डीएपी ?

नैनो डीएपी को सरकार ने क्यों मंजूरी दी है और क्यों यह लाया गया है? इसके पीछे अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीएपी की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी होना है। सरकार को इसकी कीमत को कंट्रोल करने के लिए सब्सिडी जारी करनी पड़ती है। इससे किसानों और सरकार दोनो को ही नुकसान हो रहा था। अब नैनो डीएपी से सरकार की सब्सिडी भी बचेगी और किसानों को अच्छी क्वालिटी का नैनो डीएपी उपलब्ध होगा।

नैनो डीएपी की कीमत और बचत का गणित

बता दें कि किसानों को नैनो डीएपी 500 एमएल में उपलब्ध होगा। इसकी कीमत 600 रुपये रखी गई है। यह साधारण डीएपी से आधी है। किसानों को अभी 50 किलोग्राम डीएपी की बोरी की कीमत 1350 रुपये देनी पड़ रही है। इससे किसानों को भारी बचत होगी। सरकार का भी यही उद्देश्य है कि किसानों की बचत हो जिससे उनकी आय बढ़े और किसान खुशहाल हो हो सकें।

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