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Cattle Farming : गर्मी और सूखे के कारण पशुओं में होने लगी कैल्शियम की कमी, जानिए क्या है लक्षण

Cattle Farming : गर्मी और सूखे के कारण पशुओं में होने लगी कैल्शियम की कमी, जानिए क्या है लक्षण
पोस्ट -08 अप्रैल 2024 शेयर पोस्ट

जानें, पशुओं में कैल्शियम की पूर्ति कैसे करें, इस तरह पहचानें कमी के लक्षण

Cattle Farming : ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन कृषि के सहायक व्यवसाय के रूप में तेजी से प्रचलित हुआ है। किसान गाय-भैंस जैसे अन्य मवेशियों का पालन करके डेयरी फार्मिंग व्यवसाय कर रहे हैं और दुग्ध उत्पादन से लाखों रुपए का  मुनाफा कमा रहे हैं। इस बीच देश के कई राज्यों में भीषण गर्मी का दौर चालू हो चुका है, तपती गर्मी का असर मनुष्य के साथ-साथ पशुओं के ऊपर भी दिखने लगा है तथा इस वर्ष कई इलाकों में खरीफ और रबी दोनों मौसम में सूखे की स्थिति के चलते पशु के लिए हरे व सूखे चारे की गंभीर किल्लत हो गई है। 

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पशुपालकों को अपने पशुओं के लिए पर्याप्त चारे की व्यवस्था करने में काफी समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है। वहीं, दूसरी ओर चारे की कमी, दूषित और खराब गुणवत्ता वाले चारा-पानी से मवेशियों के शरीर में कैल्शियम (Calcium) का लेवल कम हो रहा है, जिससे पशुओं में दूध उत्पादन (Milk Production) घट रहा है साथ ही कैल्शियम की कमी ने पशुओं की आवाजाही को धीमा कर दिया है तथा कैल्शियम का स्तर कम होने के कारण पशु बैठने के बाद दोबारा अपने पैरों पर खड़े नहीं भी हो पाते। एक ही स्थान पर घंटों तक बैठे रहने की वजह से पशुओं के शरीर पर संक्रमित रोगों का गंभीर खतरा भी मंडरा रहा है तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण कुछ जानवरों के मरने की भी आशंका है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान होने का खतरा बना हुआ है। ऐसे में पशु चिकित्सक ने पशुओं में कैल्शियम की कमी के लक्षण और उसकी आपूर्ति के लिए पशुपालकों को कुछ जरूरी सलाह जारी की है। आइए, जानते हैं कि किन आदतों से किसान पहचान सकते हैं कि पशुओं में कैल्शियम की कमी हुई है या नहीं और कैल्शियम की पूर्ति कैसे कर सकते हैं तथा इसकी कमी से पशुओं में कौन से रोग उत्पन्न होते हैं।  

चारे का भंयकर संकट (severe fodder crisis)

पशुचिकित्सक डॉ. संदीप का कहना है क‍ि खरीफ और रबी दोनों सीजन में सूखे की स्थिति होने के कारण, महाराष्ट्र में पशु चारे का भयंकर संकट है। ऐसे में पशुपालकों को अपने पशुओं के चारे की आपूर्ति करने में गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है, जबकि पशुपालकों के ल‍िए दूध का दाम बढ़ नहीं रहा है। इसके अलावा, दूषित पानी और खराब चारे के कारण जानवरों के शरीर में कैल्शियम का स्तर कम हो रहा है। इससे जानवरों की रोगप्रतिरोधक क्षमता भी कम हो रही है, जिससे मवेशियों की मृत्यु भी हो सकती है। ऐसे में आवश्यक है कि पशुपालक अपने पशुओं के ल‍िए गुणवत्ता वाले चारे की व्यवस्था करें और कैल्शियम की  कमी की आपूर्ति के लिए पशुओं को  स्वादिष्ट और पौष्टिक यूरिया, खनिज मिश्रित चारा खिलाये तथा पशुचिकित्सक से तुरंत संपर्क करें।

पशुओं के शरीर में कैल्शियम का लेवल संतुलन कैसे बनाए रखें? (How to maintain calcium level balance in the body of animals?)

डॉ. संदीप का कहना है क‍ि पशुओं के लिए चारे की आपूर्ति और पशुओं के स्वास्थ्य को उचित बनाए रखना सूखे की स्थ‍िति में ज्यादा चुनौतीपूर्ण कार्य हो जाता है। डेयरी फार्मिंग में पशुओं के स्वास्थ्य को बनाए रखने एवं उनके शरीर में कैल्शियम के लेवल का संतुलन बनाए रखना दूध उत्पादन के लिए बहुत जरूरी है। कैल्शियम से ही पशुओं में दूध बनता है और उनके दूध देने की क्षमता को बढ़ाता है। इसलिए पशुपालकों को अपने पशुओं में कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना चाह‍िए। पशु चिकित्सक का कहना है कि सूखे के दौरान चारे की कम उपलब्धता के समय उपलब्ध चारे को टीएमआर विधि से मिलाकर खनिज मिश्रण के साथ मिलाकर खाद बनाना चाहिए। मवेशियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए कैल्शियम, फास्फोरस और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों से युक्त खनिज आहार दिए जाने चाहिए।

पशुओं के स्वास्थ्य के लिए नियमित पशु चिकित्सा जांच (Regular veterinary checkups for the health of animals)

पशु चिकित्सक डॉ. संदीप ने बताया कि पानी कैल्शियम एवं समग्र स्वास्थ्य में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।  इसलिए इंसानों की तरह पशुओं को भी हमेशा ताजा और स्वच्छ पानी पीने के लिए देना चाहिए। पशु चिकित्सक की मदद से ब्लड जांच (रक्त परीक्षण) के माध्यम से समय-समय पर पशु के रक्त में कैल्शियम के लेवल की निगरानी करनी चाहिए, जिससे कैल्शियम की कमी या असंतुलन का पता लगाने में मदद मिलती है। डेयरी मवेशियों के स्वास्थ्य के लिए नियमित रूप से पशु चिकित्सा जांच जरूरी है। क्योंकि एक पशुचिकित्सक कैल्शियम के स्तर को संतुलित बनाए रखने के लिए पोषण, पूरकता और स्वास्थ्य प्रबंधन प्रथाओं पर सही मार्गदर्शन प्रदान कर सकता है। 

पशुओं में कैल्शियम की कमी के लक्षण क्या हैं? (What are the symptoms of calcium deficiency in animals?)

पशु चिकित्सक के अनुसार, पशुओं के शरीर में कैल्शियम के स्तर में असंतुलन या कमी को पशुओं की निम्न विभिन्न आदतों से पहचान सकते हैं।   

  • प्रसव के तुरंत बाद गाय-भैंस का बैठ जाना तथा गर्दन मोड़कर थनों को देखना। 
  • संतुलित आहार देने के बाद भी लगातार कमजोर होते रहना या पशु शारीरिक रूप से कमजोर दिखाई देने लगता है।
  • पशु को बैठने के बाद दोबारा उठाने में समस्या होना या पैरों का लड़खड़ाना।
  • गर्भावस्था में पशुओं द्वारा लड़खड़ा कर चलना और चलते-चलते अचानक गिर जाना। 
  • हड्डियां  का मुड़ना और हड्डियां का कमजोर होना।
  • चलते समय पशुओं के हड्डियों से आवाज आना।
  • पशु की दूध देने की क्षमता में कमी आना।
  • पशु समय से गाभिन न हो पाना और गर्भ न ठहरना।
  • पशुओं को चोट या घाव लगने पर लगातार खून बहते रहना और खून बहना न रुकना। 
  • लंगड़ापन आ जाना। 
  • कैल्शियम की कमी के चलते रियूमन की गति कम होना जिससे पाचन क्रिया का प्रभावित होना। 

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