देश की प्रमुख सहकारी संस्था इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (IFFCO) ने हमेशा कृषि क्षेत्र में क्रांति के लिए किसानों को नए-नए उत्पाद और तकनीक से रूबरू कराया है। इफको के नैनो यूरिया और नैनो डीएपी उर्वरक का उपयोग लाखों किसान खेती में कर रहे हैं। अब इफको ने केंद्र सरकार से नैनो जिंक लिक्विड और नैनो कॉपर लिक्विड बनाने के लिए मंजूरी प्राप्त कर ली है। ये दोनों उत्पाद कृषि फसलों में जस्ते और तांबे की कमी को दूर करने और उत्पादकता बढ़ाने में मदद करेंगे। इस कदम से किसानों को नैनो जिंक और नैनो कॉपर बोतल में मिलेंगे। इफको के नए नवाचार इफको नैनो जिंक (लिक्विड) और इफको नैनो कॉपर (लिक्विड) को भारत सरकार द्वारा तीन साल की अवधि के लिए अधिसूचित किया है। आइए, ट्रैक्टर गुरु की इस पोस्ट जानें कि इफको की नैनो जिंक और इफको नैनो कॉपर किसानों को किस तरह फायदा पहुंचाएगी।
कृषि में पौधों के विकास के लिए 17 पोषक तत्वों को महत्वपूर्ण माना गया है और इनका निर्माण पौधे स्वयं नहीं कर सकते हैं। इनमें जिंक और कॉपर महत्वपूर्ण है। जिंक और कॉपर सूक्ष्म पोषक तत्वों की श्रेणी में आते हैं जो कि फसलों की बेहतर पैदावार के लिए महत्वपूर्ण है। वर्ष में लगातार फसल उत्पादन के चलते मिट्टी में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी आ जाती है। इस कमी को दूर करने में ये उर्वरक काम आएंगे।सामान्य रूप से जिंक की कमी से पत्तियों की शीराओं के बीच हरिमा हीनता आने लगती है। जिंक की कमी के परिणामस्वरूप उपज में गिरावट आती है। किसान भाई खेती में जिंक का उपयोग उत्पादकता बढ़ाने में करते हैं।
कॉपर की कमी और अधिकता पौधे उचित ढंग से विकास नहीं कर पाते हैं, यह क्लोरोफिल बनाने के अलावा कई एंजाइम प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण है। जहां पौधों में कॉपर की कमी से पौधे की वृद्धि धीमी हो जाती हैं, वहीं युवा पत्तियां बौनी रह जाती हैं। पौधों की पत्तियां मरने लगती हैं और पौधों का विकास रुक जाता हैं। अत: पौधों के समुचित विकास में कॉपर काम आता है। इफ़को के प्रबंध निदेशक डॉ. अवस्थी के अनुसार जिंक की कमी पौधों के विकास को कम करती है वहीं कॉपर की कमी के चलते पौधों में बीमारी लगने की संभावना ज्यादा रहती है।
इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड (IFFCO) के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ डॉ. यूएस अवस्थी के अनुसार केंद्र सरकार ने इफको को नैनो जिंक लिक्विड और नैनो कॉपर लिक्विड बनाने के लिए भी मंजूरी दे दी है। इस मंजूरी के बाद अब किसानों को पौधों में सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिए दो और नैनो टेक्नोलॉजी वाले नए प्रोडक्ट मिल सकेंगे। ये नए प्रोडक्ट जल्द ही बाजार में उपलब्ध होंगे। हालांकि, इफको ने अभी इनकी मात्रा, कीमत और उपयोगिता के बारे में कोई जानकारी शेयर नहीं की है।
खेती से अच्छी पैदावार के लिए देश के करोड़ों किसान यूरिया का उपयोग करते हैं। यूरिया से नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश व जिंक की जरुरत को पूरा किया जाता है। खेती में यूरिया की बढ़ती आवश्यकता को पूरा करने में इफको ने जून 2021 में दुनिया का पहला नैनो लिक्विड यूरिया लांच किया था। इसकी अब तक 7.5 करोड़ से ज्यादा बोतल बिक चुकी है। इसके बाद अप्रैल 2023 में नैनो डीएपी उर्वरक को बाजार में उतारा गया। इसकी बिक्री भी 45 लाख बोतल से अधिक हो चुकी है। इफको नैनो यूरिया का एडवांस फार्मूलेशन भी जारी कर चुका है जिसे नैनो यूरिया प्लस के नाम से जाता है।
विश्व का सबसे बड़ा उर्वरक सहकारिता संस्था इफको या 'इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोआपरेटिव लिमिटेड' (IFFCO) का नैनो सल्फर भी किसानों को जल्द उपलब्ध होगा। इसकी जानकारी करीब डेढ़ साल पहले केंद्रीय उर्वरक मंत्री संसद में दे चुके हैं। दिसंबर 2022 में ही रसायन और उर्वरक मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने संसद में कह दिया था कि आने वाले दिनों में नैनो जिंक भी आएगा, नैनो सल्फर भी आएगा। यह भारत के फर्टिलाइज़र सेक्टर में बहुत बड़ी क्रांति होगी।
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